रद्द हो जाएंगे आपके पुराने पासपोर्ट? भारत में लॉन्च हुआ ये ख़ास E-Passport! जानिए क्या है इसकी ताक़त, कैसे मिलेगा और क्यों है हर भारतीय के लिए ज़रूरी

E- Passport in India: भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से ‘ई-पासपोर्ट’ की शुरुआत कर दी है और इसके साथ ही उठने लगे हैं कई सवाल: क्या अब पुराने पासपोर्ट रद्द हो जाएंगे?

Harsh Srivastava
Published on: 19 May 2025 5:46 PM IST
E-Passports in India
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E-Passports in India 

E- Passport in India: सोचिए एक ऐसा पासपोर्ट जो न सिर्फ़ आपके पहचान का डिजिटल सबूत हो, बल्कि इतना स्मार्ट हो कि हवाईअड्डे पर क्यू में खड़ा रहने की ज़रूरत ही न पड़े! अब आपका पासपोर्ट महज़ एक कागज़ी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि तकनीक का चमत्कार बनने जा रहा है। जी हां, भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से ‘ई-पासपोर्ट’ की शुरुआत कर दी है और इसके साथ ही उठने लगे हैं कई सवाल: क्या अब पुराने पासपोर्ट रद्द हो जाएंगे? क्या विदेश यात्रा में होगा कोई फर्क? क्या इसके लिए आवेदन प्रक्रिया अलग है? इस विस्तृत रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि भारत का ई-पासपोर्ट क्या है, यह क्यों लाया गया, कैसे काम करता है, कौन कर सकता है आवेदन, किस शहर में मिलेगी यह सुविधा, और विदेशों में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

ई-पासपोर्ट क्या है?

ई-पासपोर्ट एक स्मार्ट पासपोर्ट है जिसमें एक एम्बेडेड चिप लगी होती है। यह चिप RFID (Radio Frequency Identification) तकनीक पर आधारित होती है और इसमें आपके बायोमेट्रिक डेटा, नाम, पासपोर्ट नंबर, जन्मतिथि, फोटोग्राफ और अन्य सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दर्ज होती है। यह पासपोर्ट ICAO (International Civil Aviation Organization) के वैश्विक मानकों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है ताकि दुनियाभर के एयरपोर्ट्स पर इसे पढ़ा जा सके।

क्यों पड़ी ई-पासपोर्ट की जरूरत?

बीते वर्षों में पासपोर्ट फर्जीवाड़े, पहचान चोरी और ट्रैवल डॉक्युमेंट्स की धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा प्रक्रियाओं में तेज़ी लाने और यात्रियों के अनुभव को सुगम बनाने के लिए भारत को एक अधिक सुरक्षित और टेक-सक्षम पासपोर्ट प्रणाली की आवश्यकता थी। इसी के चलते ई-पासपोर्ट की परिकल्पना की गई।

ई-पासपोर्ट का विचार आया कहां से?

ई-पासपोर्ट की योजना सबसे पहले भारत में 2019 में चर्चा में आई जब तत्कालीन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में इसका ज़िक्र किया। इसके बाद 2022 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार ई-पासपोर्ट की शुरुआत करेगी। 2022 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करीब 20,000 डिप्लोमैटिक और ऑफिशियल पासपोर्ट जारी किए गए। अब 2025 में इसे आम नागरिकों के लिए चरणबद्ध रूप से लागू किया जा रहा है।

क्या विदेशों में मान्य है भारत का ई-पासपोर्ट?

हां, भारत का ई-पासपोर्ट ICAO के इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप बनाया गया है। इसका मतलब है कि यूरोप, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे देशों में यह स्कैनिंग मशीनों से पूरी तरह मेल खाता है। इससे भारतीय यात्रियों को फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन की सुविधा भी मिल सकती है।

क्या पुराने पासपोर्ट रद्द हो जाएंगे?

नहीं, पुराने पासपोर्ट रद्द नहीं होंगे। वे तब तक मान्य रहेंगे जब तक उनकी वैधता खत्म नहीं हो जाती। लेकिन नया पासपोर्ट बनवाते समय (रिन्यूअल, नया आवेदन या पते में बदलाव जैसे मामलों में) अब ई-पासपोर्ट ही जारी किया जाएगा। यानी धीरे-धीरे पुराने पासपोर्ट खुद-ब-खुद सिस्टम से बाहर हो जाएंगे और पूरा देश ई-पासपोर्ट पर शिफ्ट हो जाएगा।

क्या है ई-पासपोर्ट की खासियत?

1. स्मार्ट चिप तकनीक: चिप में डेटा स्टोर होने के कारण छेड़छाड़ की संभावना लगभग शून्य हो जाती है।

2. तेज़ इमिग्रेशन प्रक्रिया: चिप स्कैन होते ही आपकी डिटेल्स सामने आ जाती हैं, जिससे इमिग्रेशन समय काफी कम होता है।

3. नकली पासपोर्ट पर रोक: चिप और डिजिटल सिग्नेचर की वजह से नकली पासपोर्ट बनाना असंभव हो जाता है।

4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता: ICAO मानकों के अनुसार तैयार होने की वजह से इसे दुनिया भर में आसानी से पढ़ा जा सकता है।

5. सुरक्षा फीचर्स: डेटा एनक्रिप्शन और डिजिटल सिग्नेचर जैसी तकनीकों से डाटा लीक या फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलती है।

किन शहरों में शुरू हुई ई-पासपोर्ट की सुविधा?

शुरुआती चरण में यह सुविधा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल, पुणे, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में उपलब्ध कराई गई है। धीरे-धीरे इसे पूरे देश में सभी पासपोर्ट सेवा केंद्रों (PSK) और पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSK) पर लागू किया जाएगा।

कैसे बनवाएं ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट बनवाने के लिए आपको वही प्रक्रिया अपनानी है जो अभी तक पासपोर्ट के लिए होती थी:

1. पासपोर्ट सेवा पोर्टल ([https://www.passportindia.gov.in](https://www.passportindia.gov.in)) पर जाएं।

2. लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं।

3. Fresh या Renewal के लिए आवेदन भरें।

4. Appointment लें और भुगतान करें।

5. निर्धारित तारीख को पासपोर्ट सेवा केंद्र पर दस्तावेज़ व बायोमेट्रिक जमा करें।

सरकार अब नए पासपोर्ट के लिए केवल ई-पासपोर्ट ही जारी करेगी, इसलिए अलग से कोई विकल्प चुनने की आवश्यकता नहीं है।

क्या सभी के लिए अनिवार्य होगा ई-पासपोर्ट?

जी हां, 2025 से नए आवेदन, नवीनीकरण या डुप्लीकेट पासपोर्ट के मामलों में अब ई-पासपोर्ट ही जारी किया जाएगा। हालांकि जिनके पास वर्तमान में वैध पासपोर्ट हैं, वे उनकी मियाद पूरी होने तक उसे उपयोग कर सकते हैं। ई-पासपोर्ट सभी आयु वर्ग के लोगों को जारी किए जाएंगे यानी शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक। हालांकि बच्चों के पासपोर्ट में कुछ सीमित जानकारी हो सकती है।

क्या ई-पासपोर्ट बनवाना महंगा पड़ेगा?

फिलहाल ई-पासपोर्ट बनवाने की फीस सामान्य पासपोर्ट जितनी ही है। यानी ₹1500 (36 पृष्ठों के लिए, सामान्य आवेदन)। सरकार की कोशिश है कि इसकी लागत कम रखी जाए ताकि आम आदमी पर आर्थिक बोझ न पड़े।

भारत का टेक्नोलॉजी में बड़ा कदम

भारत का ई-पासपोर्ट न केवल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह देश की वैश्विक छवि को भी नया आयाम देगा। जब कोई भारतीय नागरिक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर चंद सेकंड में इमिग्रेशन पार करेगा, तो वह न सिर्फ़ खुद को सशक्त महसूस करेगा, बल्कि भारत की प्रौद्योगिकी और सुरक्षा प्रणाली का झंडा भी ऊंचा करेगा। ई-पासपोर्ट आने से पासपोर्ट धारकों की पहचान, सुरक्षा और यात्रा अनुभव एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। पुराने पासपोर्ट तुरंत रद्द नहीं होंगे, लेकिन धीरे-धीरे पूरा सिस्टम स्मार्ट और डिजिटल होता चला जाएगा। अब समय आ गया है कि हम पासपोर्ट को एक कागज़ी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक ‘स्मार्ट पहचान’ के रूप में देखें। तो अगली बार जब आप पासपोर्ट बनवाने जाएं, तो याद रखिए अब आपका पासपोर्ट केवल सफर का जरिया नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी बदलाव का प्रतीक भी है।

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Harsh Srivastava

News Cordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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