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मन की बात में स्वदेशी की गूंज, ट्रंप के दबाव के बीच PM मोदी बोले- स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर बनो
PM मोदी ने 'मन की बात' में जनता से लोकल फॉर वोकल को अपनाने की अपील की।
Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को फिर से मजबूती से उठाया। उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल की अपील की और कहा, गर्व से कहो ये स्वदेशी है।
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में आई बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ये आपदाएं देश की परीक्षा ले रही हैं और इससे हुए जान-माल के नुकसान ने हर भारतीय को दुखी किया है।
उन्होंने कहा कि कई इलाकों में घर और खेत उजड़ गए, पुल और सड़कें बह गईं और कई परिवारों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा। पीएम मोदी ने कहा, जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया, उनका दर्द हम सबका दर्द है।
आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने NDRF, SDRF, सेना, स्थानीय प्रशासन, डॉक्टरों और स्वयंसेवकों की मानवीय सेवा की खुले दिल से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी ने मिलकर इंसानियत को सबसे ऊपर रखा।
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर की दो महत्वपूर्ण उपलब्धियों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि पुलवामा में पहली बार एक डे-नाइट क्रिकेट मैच आयोजित किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में युवाओं ने भाग लिया। यह मैच ‘रॉयल प्रीमियर लीग’ का हिस्सा था और दर्शकों की भारी भागीदारी ने पुलवामा की बदलती तस्वीर को उजागर किया।
दूसरी उपलब्धि के रूप में श्रीनगर की डल झील पर आयोजित ‘खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल’ का जिक्र किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर से 800 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में वॉटर स्पोर्ट्स को लोकप्रिय बनाना है।
पीएम मोदी ने ‘प्रतिभा सेतु’ नामक एक नए डिजिटल पोर्टल की घोषणा भी की। यह पोर्टल उन योग्य उम्मीदवारों के लिए बनाया गया है जिन्होंने UPSC या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के सभी चरण पास किए लेकिन अंतिम मेरिट लिस्ट में नहीं आ पाए। इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए प्राइवेट कंपनियां इन युवाओं को नौकरी के अवसर प्रदान कर रही हैं। पीएम मोदी ने बताया कि अब तक सैकड़ों युवाओं को इस पोर्टल से नौकरी मिली है।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आने वाले त्योहारों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपहार, कपड़े, सजावट और रौशनी सब कुछ भारत में बना हो। उन्होंने तीन बार दोहराया “गर्व से कहो ये स्वदेशी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’ ही आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हमारा मार्ग है और यही विकसित भारत का लक्ष्य भी है।
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