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बड़ी खबर! दिल्ली में एक जुलाई से नहीं बंद होगी दस साल पुरानी गाडियां? हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
ELV Rules Ban: आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नियम में कोई संशोधन होता है या फिर यह विवाद और गहराता है।
Delhi Old Car Ban: 1 जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लागू किए गए 'एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल' (ELV) नियम को लेकर राजनीतिक और कानूनी विवाद तेज़ हो गया है। केंद्र सरकार के मंत्री और दिल्ली के विधायक प्रवेश वर्मा ने इस नीति की आलोचना करते हुए कहा कि बिना पूरी तैयारी के यह कदम उठाना आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने जैसा है।
उम्र नहीं, प्रदूषण तय करे गाड़ी की वैधता – प्रवेश वर्मा
प्रवेश वर्मा ने कहा कि किसी वाहन को उसकी उम्र के आधार पर नहीं, बल्कि उसके प्रदूषण स्तर (Pollution Status) के अनुसार सड़क पर चलने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब गुरुग्राम और नोएडा जैसे अन्य NCR क्षेत्रों में यह नियम लागू नहीं है, तो केवल दिल्ली में इसे तुरंत लागू करना तर्कसंगत कैसे हो सकता है?
CAQM और दिल्ली सरकार के बीच बैठक संभावित
प्रवेश वर्मा ने जानकारी दी कि इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और Commission for Air Quality Management (CAQM) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इसमें ELV नियम को लेकर पुनः विचार किया जा सकता है। वर्मा ने कहा, “जब तक पूरे एनसीआर क्षेत्र में यह नीति समान रूप से लागू नहीं होती, तब तक दिल्ली पर एकतरफा बोझ डालना उचित नहीं है।” उन्होंने ELV निगरानी के लिए लगाए जा रहे ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों को लेकर भी तकनीकी और व्यावहारिक दिक्कतें गिनाईं।
पर्यावरण मंत्री ने CAQM को लिखा पत्र
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने भी CAQM को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि ईंधन न देने जैसे प्रतिबंधों पर फिर से विचार किया जाए, क्योंकि इससे जनता को भारी असुविधा हो रही है। इस पत्र के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि नियमों में आंशिक राहत मिल सकती है।
हाईकोर्ट का दखल: पेट्रोल पंप डीलर्स की याचिका पर जवाब तलब
इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली सरकार और CAQM से जवाब मांगा है। Delhi Petrol Dealers Association की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि पेट्रोल पंप मालिकों को ELV वाहनों को ईंधन न देने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि वे कोई कानून प्रवर्तन एजेंसी नहीं हैं।
पेट्रोल डीलर्स के वकीलों ने दलील दी, अगर किसी कारणवश कोई वाहन छूट जाता है, तो डीलर्स को सजा दी जा रही है, जो न्यायोचित नहीं है। कोर्ट ने सरकार और CAQM को सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि किसी पेट्रोल पंप पर कार्रवाई होती है, तो अदालत को इसकी जानकारी दी जाए।
निगरानी और नियम के बीच फंसे दिल्लीवासी
ELV नियम का उद्देश्य भले ही प्रदूषण कम करना हो, लेकिन इसे अचानक लागू किए जाने और कार्यान्वयन में खामियों के चलते यह जनता और प्रशासन दोनों के लिए चुनौती बन गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नियम में कोई संशोधन होता है या फिर यह विवाद और गहराता है।
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