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90 घंटों तक इतना मारा की पाकिस्तान ने टेक दिए घुटने, AIF चीफ ने बताया ऑपरेशन सिंदूर में कैसे उड़ी पाक की धज्जियां
90-Hour Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हुई हालिया जंग, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया था, वो युद्ध सिर्फ हवा में नहीं, बल्कि पाकिस्तान के होश और आत्मविश्वास पर भी लड़ा गया था। एक ऐसा युद्ध जिसने 90 घंटों के भीतर पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया कि उसे न चाहते हुए भी हार माननी पड़ी।
90-Hour Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हुई हालिया जंग, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया था, वो युद्ध सिर्फ हवा में नहीं, बल्कि पाकिस्तान के होश और आत्मविश्वास पर भी लड़ा गया था। एक ऐसा युद्ध जिसने 90 घंटों के भीतर पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया कि उसे न चाहते हुए भी हार माननी पड़ी। भारतीय वायुसेना के प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने अब उस युद्ध के पर्दे के पीछे की कहानी बताई है, जिसे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा।
यह सिर्फ कोई आम जंग नहीं थी, बल्कि यह हाई-टेक वॉरफेयर का एक ऐसा नमूना था, जिसने दिखा दिया कि भारत की वायुसेना कितनी आधुनिक और घातक हो चुकी है। एपी सिंह ने बताया कि हमने 80 से 90 घंटों के भीतर पाकिस्तान को इतना नुकसान पहुंचाया कि उन्हें साफ़ समझ आ गया था कि अगर उन्होंने युद्ध जारी रखा, तो उन्हें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसी डर और दबाव के चलते उन्होंने हमारे डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) से संपर्क किया और बातचीत की पहल की। भारत ने उनकी पहल को स्वीकार किया और युद्ध विराम की राह खोली।
बालाकोट के 'भूत' को भगाया!
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि इस बार भारत ने बालाकोट वाली गलती नहीं दोहराई। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद, हमें अपने ही देश के लोगों को यह यकीन दिलाना मुश्किल हो गया था कि हमने क्या हासिल किया था। हालांकि हमारे पास खुफिया जानकारी थी और हमें यह पता था कि हमने जैश के ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन हम सबूत नहीं दिखा पाए थे। इस बार, ऑपरेशन सिंदूर में यह गलती नहीं हुई।
एपी सिंह ने गर्व से बताया कि इस बार हमने न सिर्फ अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, बल्कि दुनिया को यह भी दिखाया कि हमने क्या किया है। उन्होंने जैश के बहावलपुर स्थित मुख्यालय की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि हमला होने से पहले और बाद की तस्वीरों में ज़मीन-आसमान का फर्क है। मुख्यालय पूरी तरह से तबाह हो चुका था, जबकि उसके आस-पास की इमारतें सुरक्षित थीं। यह हमारी precision striking की काबिलियत का सबूत था। उन्होंने कहा कि हमें इन तस्वीरों को सिर्फ सेटेलाइट से नहीं, बल्कि लोकल मीडिया से भी मिला, जिससे दुनिया को हमारी कार्रवाई पर यकीन हो गया। इस तरह, हम 'बालाकोट के भूत' से हमेशा के लिए पीछा छुड़ाने में कामयाब रहे।
पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारा, दुश्मन की हिम्मत नहीं हुई करीब आने की
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना का रुख बेहद आक्रामक था। एपी सिंह ने बताया कि हमने यह तय किया था कि हम एक साथ कई मोर्चों पर हमला करेंगे ताकि पाकिस्तान के संसाधनों को बिखेरा जा सके। हमारा मकसद सिर्फ एक एयरफील्ड को तबाह करना नहीं था, बल्कि उन्हें यह संदेश देना था कि हम जब चाहें, जहां चाहें, उनके आंतरिक इलाकों में घुसकर हमला कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस युद्ध में पाकिस्तान की हिम्मत नहीं हुई कि वह हमारे विमानों की मारक क्षमता के करीब आए। हमारे पास ‘आकाश’ और ‘एमआरएसएएम’ जैसी मिसाइलों की रेंज थी, जिससे दुश्मन के विमान दूर ही रहे। लेकिन फिर भी जब वे हमारी सीमा में आए, तो हमने उन्हें निशाना बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
सही वक्त पर युद्ध रोकने का फैसला
कुछ लोगों का मानना था कि भारत को युद्ध जारी रखना चाहिए था, लेकिन एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, "जब हमने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया, तो हमें रुकने के सभी अवसर तलाशने चाहिए थे।" उन्होंने बताया कि युद्ध में लोग अक्सर अहंकार में आकर गलत फैसले लेते हैं। एक बार जब हमने अपने दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था, तो युद्ध को और आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं था। उन्होंने कहा, "राष्ट्र ने एक बहुत ही सही और समझदारी भरा फैसला लिया था।" एपी सिंह के इन खुलासों से यह साफ हो गया है कि भारतीय वायुसेना अब सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा नहीं करती, बल्कि दुश्मन के घर में घुसकर उसे सबक भी सिखा सकती है। यह ऑपरेशन सिंदूर की कहानी सिर्फ एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि यह कहानी है भारत की बढ़ती ताकत, उसकी रणनीति और उसके आत्मविश्वास की।
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