न्यूक्लियर चक्रव्यूह में फंसा चीन, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर को बनाया नया रणक्षेत्र

भारतीय नौसेना ने इंडियन ओशन रीजन में चीनी जहाजों पर सतर्क निगरानी जारी रखी, युआन वांग 5 की गतिविधियों पर करीबी नजर, आधुनिक फ्लीट विस्तार और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए समुद्री सुरक्षा मजबूत।

Shivam Srivastava
Published on: 1 Nov 2025 4:08 PM IST (Updated on: 1 Nov 2025 6:06 PM IST)
न्यूक्लियर चक्रव्यूह में फंसा चीन, भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर को बनाया नया रणक्षेत्र
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भारतीय नौसेना ने इंडियन ओशन रीजन (IOR) में सभी चीनी जहाजों की निगरानी और सतर्कता बनाए रखने की अपनी तैयारियों को फिर से स्पष्ट किया है। नौसेना के उप प्रमुख, वाइस एडमिरल संजय वत्सायन ने कहा कि भारतीय नौसेना हर चीनी नौसैनिक और शोध जहाज पर करीबी और निरंतर नजर रखती है, जो इस क्षेत्र से गुजरते हैं, ताकि हर समय पूरी स्थिति का ज्ञान सुनिश्चित किया जा सके।

यह बयान उस समय आया है जब चीनी जासूसी जहाज युआन वांग 5 की हालिया गतिविधियों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यह जहाज, PLA की स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स द्वारा संचालित, तीसरी पीढ़ी का मिसाइल और सैटेलाइट ट्रैकिंग जहाज है, जिसमें अत्याधुनिक नेविगेशन, मौसम विज्ञान और कंप्यूटिंग सिस्टम लगे हुए हैं।

जियो इंटेलिजेंस के विश्लेषक डेमियन सायमन के सैटेलाइट चित्रों के अनुसार, युआन वांग 5 इंडियन ओशन रीजन में सक्रिय रूप से मूवमेंट कर रहा है, जिसके चलते भारतीय नौसेना ने अपनी सुरक्षा निगरानी बढ़ा दी है। वाइस एडमिरल वत्सायन ने विशाखापत्तनम में आयोजित इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू 2026 की तैयारी के दौरान कहा कि भारतीय नौसेना “क्षेत्रीय परे शक्तियों की लगातार मौजूदगी” पर पूरी तरह सतर्क है।

उन्होंने बताया कि इस समय IOR में 40 से 50 विदेशी जहाज संचालित हो रहे हैं और सभी पर भारतीय समुद्री निगरानी तंत्र द्वारा करीबी नजर रखी जा रही है। निगरानी में जहाजों की गतिविधियों, आगमन और प्रस्थान समय, तथा संभावित संचालन पैटर्न को ट्रैक किया जाता है। यह व्यापक निगरानी भारत की मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस फ्रेमवर्क का हिस्सा है, जो सैटेलाइट, राडार और पेट्रोल डेटा के माध्यम से राष्ट्रीय हितों और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

भविष्य की तैयारियां और आधुनिकीकरण

वाइस एडमिरल वत्सायन ने नौसेना में आगामी विस्तार की भी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि 2025 के अंत तक चार नए जहाज नौसेना में शामिल होंगे। इसके बाद 2026 में 19 और और 2027 में 13 जहाज शामिल किए जाने हैं। यह योजना नौसेना के आधुनिकीकरण और मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सक्रिय ऑपरेशनल प्रतिबद्धताएं

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की प्रगति को भी रेखांकित किया और कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह सक्रिय है और नौसेना किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैनात और तैयार है। साथ ही, भागीदार देशों के साथ संयुक्त अभ्यास और सैन्य योजनाओं का जारी रहना भारत की समुद्री ताकत और रणनीतिक तैयारियों का प्रमाण है।

ये बयान इस बात को उजागर करते हैं कि भारत IOR में बढ़ते भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और बाहरी शक्तियों की रणनीतिक रुचि के बीच सुरक्षित और स्थिर समुद्री वातावरण बनाए रखने के लिए पूरी तरह सजग है।

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