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भारत के डेयरी मार्केट में आ सकता है मांसाहारी दूध! जाने क्या है अमेरिका के नॉन वेज मिल्क की सच्चाई
Non Veg Milk: भारत और अमेरिका के बीच नॉन वेज मिल्क को लेकर फंसा है व्यापार समझौते का पेंच। जाने क्या है क्या है पूरा मामला
American non veg milk controversy in India
Non Veg Milk: 1 अगस्त 2025 से अमेरिकी टैरिफ की नई समयसीमा शुरु होनी है। इससे पहले भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की पूरजोर कोशिश हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया है कि जल्द ही किसी देश के साथ नया व्यापार समझौता हो सकता है, और संभवतः नया व्यापार समझौता करने वाला देश भारत हो सकता है। लेकिन अमेरिका के एक खास तरह के दूध के कारण अमेरिकी डेयरी कारोबार के लिए भारत का बाजार खोलने का मामला इस समझौते की राह में रोड़ा बना हुआ है। इस खास तरह के दूध नॉन वेज मिल्क कहा जा रहा है। अमेरिकी दूध के शाकाहारी या मांसाहारी होने से जुड़ा ये विवाद व्यापरी समझौते को प्रभावित कर रहा है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत अमेरिकी डेयरी उत्पादों को अनुमति देता है तो उसे सालाना 1.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह संकेत दिया है कि जल्द ही किसी देश के साथ नया व्यापार समझौता कर सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में ट्रंप ने कहा, "हम एक और समझौता करने वाले हैं, शायद भारत के साथ।" उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी व्यापार वार्ता के एक और दौर की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है नॉन वेज मिल्क ?
दूध को सामान्य तौर पर शत-प्रतिशत शाकाहारी माना जाता है, क्योंकि यह मुख्य रुप से किसी पशु (गाय, भैंस या बकरी आदि) का स्राव होता है, इसका मांस से कोई लेना देना नहीं होता। इसके अलावा, इसमें अंडे की तरह, कोई जैव कोशिकाएँ नहीं होतीं। इसी तर्क के आधार पर दूध को शाकाहारी माना जाता है। कम से कम भारत में तो दूध को शाकाहारी ही माना जाता है। लेकिन बात करें अमेरिका की तो यहां नॉनवेज या मांसाहारी दूध भी मिलता है। बता दें कि दूध को तब मांसाहारी माना जाता है जब उसे किसी ऐसे जानवर के निकाला जाता है जिसे मांस, हड्डियां या खून या अन्य मांस से संबंधित पदार्थ खिलाए गए हों। सिएटल पोस्ट-इंटेलिजेंसर की 2004 की रिपोर्ट के अनुसार, "गायों को अभी भी ऐसा चारा खाने की अनुमति है जिसमें सूअर, मछली, मुर्गी, घोड़े, यहां तक कि बिल्ली या कुत्ते के अंग शामिल हो सकते हैं और मवेशियों को प्रोटीन के लिए सूअर और घोड़े का खून भी दिया जा सकता हैं, साथ ही मोटा करने के लिए मवेशियों के अंगों से प्राप्त वसा (टैलो) का भी सेवन कर सकते हैं।"
भारत में धार्मिक कारणों से नॉन वेज दूध की बिक्री होगी मुश्किल
अमेरिका के विपरीत, भारत में गायों को पूर्णतः शाकाहारी आहार दिया जाता है। यही कारण है कि भारत मांसाहारी दूध भारत में बेचने देने से बच रहा है। भारत ने आग्रह किया है कि आयातित दूध का सख्त प्रमाणीकरण होना चाहिए, जिसमें यह बताया जाए कि यह उन गायों से आया है जिन्हें पशु-आधारित उत्पाद नहीं खिलाए गए।
अमेरिका 8 अरब डॉलर मूल्य के डेयरी उत्पाद करता है निर्यात
अंतरराष्ट्रीय डेयरी खाद्य संघ (आईडीएफए) की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी डेयरी उद्योग अमेरिकी डेयरी व्यापार का एक नया "स्वर्ण युग" स्थापित करने के लिए तैयार है। अमेरिका डेयरी उद्योग का 2024 में निर्यात 8.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा - जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कुल निर्यात मूल्य है। साल-दर-साल आधार पर इसमें 223 मिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है।
आईडीएफए ने कहा कि "अमेरिकी डेयरी उद्योग, जो अमेरिका में 32 लाख से ज़्यादा रोजगार पैदा करता है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 800 अरब डॉलर का योगदान देता है, नई प्रसंस्करण क्षमता में 8 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है जो अगले कुछ वर्षों में शुरू हो जाएगी। एक दशक पहले डेयरी उत्पादों का शुद्ध आयातक होने के बाद, अब अमेरिका 145 देशों को 8 अरब डॉलर मूल्य के डेयरी उत्पादों का निर्यात करता है। 2000 के दशक की शुरुआत से अमेरिकी डेयरी निर्यात लगभग तीन गुना बढ़ गया है।"
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