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खून, पसीना और 'ऑपरेशन सिंदूर'! संसद में गरमाएगा माहौल, दोपहर 12 बजे से उठेगा सबसे बड़ा परदा
Parliament Monsoon session: 'ऑपरेशन सिंदूर' पर आज लोकसभा में 16 घंटे की ऐतिहासिक बहस होगी। राजनाथ सिंह की शुरुआत, पीएम मोदी का हस्तक्षेप भी संभव।
Parliament Monsoon session: देश की संसद में आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। दोपहर 12 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी, पूरा देश टकटकी लगाए टीवी स्क्रीन पर नजरें गड़ाए बैठा होगा। वजह है 'ऑपरेशन सिंदूर', वो सैन्य अभियान जिसने एक झटके में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए, लेकिन अब उसी पर संसद में बहस होने जा रही है। और ये बहस कोई आम बहस नहीं होगी पूरे 16 घंटे तक चलेगी, और इसकी शुरुआत खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करेंगे और सरकार की मंशा को साफ-साफ देश के सामने रखेंगे।
जब 'ऑपरेशन' बन जाए राजनीति का रणक्षेत्र
7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन भारतीय सेना ने इसका जवाब देने में पलभर की देरी नहीं की और 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू कर दिया गया। 22 मिनट चले इस सैन्य अभियान में सभी आतंकी मार गिराए गए। देश में जश्न का माहौल था, सोशल मीडिया पर हैशटैग #OperationSindoor ट्रेंड करने लगा और खुद प्रधानमंत्री ने इसे "विजय उत्सव" करार दे दिया। लेकिन अब यही ऑपरेशन विपक्ष के सवालों के घेरे में है। विपक्षी गठबंधन INDIA इस ऑपरेशन पर सवाल उठा रहा है। उनका कहना है कि सरकार पारदर्शिता के नाम पर केवल एकतरफा प्रचार कर रही है और असलियत छिपाई जा रही है।
बहस से पहले तैयारियों की जंग
चर्चा से पहले जो रणनीति बन रही है, वह किसी सैन्य ऑपरेशन से कम नहीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने CDS जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लंबी बैठकों की हैं। इन बैठकों में सरकार की रणनीति को फाइनल टच दिया गया है। आज संसद में सरकार बेहद आक्रामक रूप में नजर आएगी। उधर विपक्ष भी पीछे नहीं है। बहस से पहले ही INDIA गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई है। इसमें यह तय किया गया है कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर की योजना, निष्पादन और परिणामों पर बिंदुवार जवाब देना होगा।
सवालों की बौछार और जवाबों की तैयारी
विपक्ष सरकार से पूछना चाहता है कि क्या इस ऑपरेशन की सूचना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिति और संसद की रक्षा समिति को पहले से दी गई थी? क्या इसमें कोई विदेशी सहायता ली गई थी? ऑपरेशन की सफलता का आकलन कैसे किया गया? और सबसे बड़ा सवाल—क्या सरकार इसे राजनीतिक लाभ के लिए भुना रही है? सरकार का जवाब है कि सेना ने अपना काम बखूबी किया है और इसका जश्न मनाना भारत की जनता का अधिकार है। सरकार यह भी कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की रक्षा क्षमताओं की एक नजीर है और इसे राजनीतिक चश्मे से देखना सुरक्षा बलों का अपमान है।
'सिंदूर' पर छिड़ेगा युद्ध, लेकिन संसद में
संसद के गलियारों में सुबह से ही हलचल तेज हो गई है। मीडिया कैमरे सेट हो चुके हैं, रिपोर्टर्स लाइन में खड़े हैं, और नेता अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। यह बहस संसद के इतिहास में एक खास स्थान ले सकती है। पहली बार एक सैन्य अभियान पर इतने विस्तृत और उच्चस्तरीय चर्चा की जा रही है। क्या यह बहस केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बनकर रह जाएगी या देश को ऑपरेशन सिंदूर की असल कहानी मिलेगी? क्या प्रधानमंत्री मोदी बहस में कोई बड़ा ऐलान करेंगे या सिर्फ विपक्ष के हमलों का जवाब देंगे?
अब पूरे देश की नजर संसद पर
इस 16 घंटे की बहस को केवल एक चर्चा मान लेना भूल होगी। यह बहस न केवल सरकार की रणनीति, सेना की ताकत और विपक्ष की सोच को सामने लाएगी, बल्कि 2025 की राजनीति की दिशा भी तय कर सकती है। 'ऑपरेशन सिंदूर' अब केवल एक सैन्य अभियान नहीं है, यह एक भावनात्मक, राजनीतिक और रणनीतिक युद्ध बन चुका है जिसका पहला मोर्चा आज संसद में खुलने वाला है।
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