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P. Chidambaram News: 'पाक से नहीं, देश के अंदर थे आतंकी!' – चिदंबरम का बयान बना कांग्रेस के गले की फांस, BJP का करारा हमला
P. Chidambaram on Pakistan: लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी बहस से ठीक पहले पी. चिदंबरम के बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। चिदंबरम ने कहा कि आतंकी पाकिस्तान से नहीं, देश के अंदर से भी हो सकते हैं।
P. Chidambaram on Pakistan: जब पूरा देश पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में होने वाली बड़ी बहस का इंतज़ार कर रहा था, ठीक उससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम का एक बयान सियासत में भूचाल ले आया। चिदंबरम ने न सिर्फ सवाल खड़े किए, बल्कि पाकिस्तान के रोल को लेकर ऐसा कुछ कह दिया जिसे लेकर देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा आगबबूला हो गई।
"हमले में पाकिस्तान नहीं, घरेलू आतंकवादी भी हो सकते हैं!"
एक इंटरव्यू में चिदंबरम से जब पहलगाम हमले को लेकर सवाल किया गया तो उनका जवाब ऐसा था जिसने देश के भीतर राजनीतिक माहौल को पूरी तरह गर्मा दिया। उन्होंने कहा, “क्या आपने जांच की है? क्या आतंकियों की पहचान की गई? क्या ये तय हो गया है कि वो पाकिस्तान से आए थे? या फिर वे स्थानीय आतंकवादी हो सकते हैं?” इतना कहने की देर थी कि BJP को एक और मौका मिल गया कांग्रेस को “पाकिस्तान प्रेमी” बताने का।
बीजेपी ने किया तीखा वार, कहा- “पाकिस्तान का बचाव कर रही है कांग्रेस!”
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर चिदंबरम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “जब भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की बात आती है, कांग्रेस उसके बचाव में खड़ी हो जाती है। चिदंबरम का यह बयान न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह सीधे-सीधे दुश्मन के सुर में सुर मिलाना है। जब देश को एकजुटता चाहिए, कांग्रेस उल्टी दिशा में खड़ी नजर आती है।” उन्होंने आगे लिखा, “जब हमारी सेना पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम कर रही है, तब कांग्रेस क्यों ऐसे बयान दे रही है जो पाकिस्तान के बचाव में खड़े हो जाते हैं? यह शर्मनाक है।”
चिदंबरम के बयान से कांग्रेस भी बैकफुट पर
चिदंबरम के बयान पर मचे राजनीतिक घमासान के बाद खुद कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई से जब मीडिया ने इस बयान पर राय मांगी तो उन्होंने साफ कह दिया “इस पर चिदंबरम जी ही ज़्यादा जानकारी दे सकते हैं।” यानी कांग्रेस ने अपने ही नेता के विवादास्पद बयान से खुद को अलग कर लिया है। यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस को अपने नेताओं के बयानों पर बैकफुट पर आना पड़ा हो। इससे पहले भी राहुल गांधी और अन्य नेताओं के बयानों पर बीजेपी हमलावर होती रही है। लेकिन इस बार मुद्दा बेहद संवेदनशील है राष्ट्रीय सुरक्षा।
क्या है पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर?
बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई जवान शहीद हुए। इसके बाद सेना और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया था, जिसमें कई आतंकियों को मार गिराया गया और कुछ को जिंदा पकड़ा भी गया। इस पूरे ऑपरेशन को पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों की घुसपैठ और हमले की बड़ी साजिश बताया गया था। सरकार और एजेंसियों का दावा है कि हमले में पाकिस्तान की भूमिका साफ है। लेकिन अब चिदंबरम के बयान ने इस पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
सियासत के पीछे क्या है रणनीति?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिदंबरम का यह बयान या तो जानबूझकर दिया गया है, ताकि भाजपा को घेरा जा सके, या फिर यह कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाज़ी का नतीजा है। लेकिन एक बात साफ है – इस बयान ने कांग्रेस को एक बार फिर "राष्ट्रवाद" बनाम "तुष्टिकरण" की बहस में खड़ा कर दिया है, और भाजपा को एक नया हथियार मिल गया है।
विपक्ष में भ्रम, सत्ता पक्ष में आक्रोश
जहां एक ओर बीजेपी इसे लेकर आक्रामक है, वहीं विपक्ष की अन्य पार्टियों ने चिदंबरम के बयान पर चुप्पी साध रखी है। कोई खुलकर समर्थन में नहीं आया, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस बयान ने विपक्ष को भी असहज कर दिया है।
अब संसद में उठेगा मुद्दा?
सभी की नजरें अब लोकसभा की बहुप्रतीक्षित चर्चा पर टिकी हैं, जहां पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का पक्ष सामने आएगा। ऐसे में चिदंबरम के इस बयान को सत्तापक्ष संसद में जोर-शोर से उठा सकता है। इससे कांग्रेस को और मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं।
क्या कांग्रेस एक और ‘बयान बम’ की शिकार हो गई?
राजनीति के जानकारों का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाज़ी में सावधानी बेहद ज़रूरी होती है। वरना वह "सियासी बुमरांग" बन जाती है। चिदंबरम का यह बयान भी शायद उसी दिशा में जा रहा है, जहां कांग्रेस खुद को सफाई देने की स्थिति में पा रही है। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी इस बयान पर कोई स्पष्ट रुख अपनाती है या फिर मामला दबाने की कोशिश करती है। लेकिन इस सियासी हंगामे ने यह जरूर साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में संसद और सड़क दोनों जगह “चिदंबरम का बयान” गूंजने वाला है।
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