'Operation Mahadev' में मारे गए तीनों आतंकियों की पहचान का हुआ खुलासा, पहलगाम हमले से निकला लिंक!

Dachigam Encounter Operation Mahadev: 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान ढेर हुए आतंकियों में मुख्य नाम हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह का सामने आया है, जिसे पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

Priya Singh Bisen
Published on: 29 July 2025 2:24 PM IST (Updated on: 29 July 2025 2:51 PM IST)
Dachigam Encounter Operation Mahadev
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Dachigam Encounter Operation Mahadev (photo credit: social media)

Dachigam Encounter Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन महादेव' में ढेर हुए तीनों आतंकियों की पहचान हो गई है। ये तीनों अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे। ढेर हुए आतंकियों की पहचान उनको शरण देने वाले आरोपियों ने की है, जो इस वक़्त राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की गिरफ्त में हैं। बता दे, आरोपियों ने इन आतंकियों को अस्थायी रूप से शरण दी थी, जिनकी मुठभेड़ स्थल पर ले जाकर इन आतंकियों की पहचान कराई गई।

पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड कौन था?

'ऑपरेशन महादेव' के दौरान ढेर हुए आतंकियों में मुख्य नाम हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह का सामने आया है, जिसे पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। मूसा पहले पाकिस्तान की सेना के विशेष सेवा समूह (SSG) का पैरा-कमांडो रह चुका था, लेकिन बर्खास्तगी के बाद उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का दामन थाम लिया। वह गुप्त अभियानों और बेहद घातक युद्ध कौशल में भी प्रशिक्षित था।

अन्य दो आतंकी कौन थे?

मारे गए आतंकी में एक सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा है, जो पहलगाम हमले का 'मास्टरमाइंड' था। उसकी पहचान कल ही हो गई थी। दूसरे आतंकी की पहचान जिबरान के रूप में हुई है, जबकि तीसरे का नाम हमजा अफगानी है। तीनों में एक का असली नाम हुबैब ताहिर है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के खैगाला का रहने वाला है।

तीनों आतंकवादियों को आरोपियों ने अस्थायी रूप से शरण दी थी। तीनों पाकिस्तानी नागरिक थे और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे। तीनों आतंकियों ने लिडवास के दाचीगाम इलाके की महादेव पहाड़ियों में डेरा जमाया था और स्थानीय नेटवर्क की सहायता से खुद को छिपाकर रखा था।

जिबराम और हमजा सोनमर्ग हमले से भी जुड़े हुए थे

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मूसा के साथ जिबरान और हमजा काफी वक़्त से जम्मू-कश्मीर में काफी सक्रीय रूप से नज़र रख रहे थे। हमजा और जिबरान का साल 2024 में सोनमर्ग सुरंग हमले में भी बड़ा हाथ था। मूसा पाकिस्तान की सेना के ख़ास सेवा समूह (SSG) का पूर्व पैरा-कमांडो था, लेकिन उसे निकाल दिया गया था। बाद में वह LeT में शामिल हो गया। बता दे, मूसा प्रशिक्षित पैरा कमांडो के तौर पर कार्यरत था और अपरंपरागत युद्ध और गुप्त अभियानों में माहिर था।

कैसे निशाना बनाया गया तीनों आतंकी को ?

सबसे पहले सेना को सैटेलाइट फोन ट्रांसमिशन और तकनीकी इनपुट के सहयोग से आतंकियों के स्थान का पता चला। इसके बाद लिडवास के जंगलों में एक हाई-लेवल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। सेना ने सोमवार को तीनों आतंकियों को मार गिराया और वहां से 17 ग्रेनेड, 1 M4 कार्बाइन और 2 AK-47 राइफलें बरामद कीं।

आतंकों ने पहलगाम में 26 पर्यटकों की ली थी जान

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी (पहलगाम) में पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 मासूम पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें से कई पर्यटक हनीमून पर आए नवविवाहित जोड़े भी शामिल थे। हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। बता दे, 'ऑपरेशन महादेव' के अंतर्गत आतंकियों को ढेर कर सुरक्षाबलों ने न सिर्फ पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को ढेर किया बल्कि एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क का भी खुलासा किया है।

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