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Prajwal Revanna rape case: पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना बलात्कार केस में दोषी करार! कोर्ट में फूट-फूटकर रोया आरोपी, सबूत में पेश हुई ‘साड़ी’
Prajwal Revanna rape case: पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया। सुनवाई के दौरान आरोपी कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़ा। पीड़िता द्वारा सबूत के तौर पर पेश की गई ‘साड़ी’ ने केस का पासा पलट दिया।
Prajwal Revanna rape case: कर्नाटक की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया जब बेंगलुरु की विशेष अदालत ने जनता दल के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया। यह वही रेवन्ना हैं, जो कभी देवगौड़ा परिवार के ‘प्रिंस’ कहे जाते थे और अब अदालत की चौखट पर खड़े होकर गुनहगार की पहचान के साथ फूट-फूटकर रोते नजर आए। जैसे ही विशेष अदालत ने दोष सिद्धि का ऐलान किया, रेवन्ना की आंखों से आंसू बहने लगे और वो खुद को संभाल नहीं पाए। कोर्ट से बाहर निकलते वक्त उनका चेहरा ऐसा था मानो सियासत की बादशाहत अब उनके हाथ से पूरी तरह फिसल चुकी हो।
14 महीने में फैसला, सियासत की साजिश या सच की जीत?
इस मामले की खास बात यह रही कि एफआईआर दर्ज होने के महज 14 महीने के भीतर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। जो मामला बड़े नेताओं और रसूखदारों के खिलाफ आम तौर पर सालों-साल खिंचता रहता है, वो इस बार तेजी से निपटाया गया। बेंगलुरु स्थित निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की विशेष अदालत में यह मुकदमा चला, जहां जज संतोष गजानन भट्ट ने सख्ती दिखाते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
जिस साड़ी में छिपा था ‘गुनाह’ का राज
इस केस की जांच और ट्रायल के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा उस साड़ी की रही, जो कोर्ट में निर्णायक सबूत के तौर पर पेश की गई। पीड़िता, जो एक घरेलू सहायिका थी, ने आरोप लगाया था कि पूर्व सांसद ने उसके साथ न सिर्फ एक बार, बल्कि दो बार बलात्कार किया। उसने चुपचाप घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और वह साड़ी भी सुरक्षित रखी जिस वक्त यह अपराध हुआ था। फॉरेंसिक जांच में उस साड़ी पर स्पर्म के निशान मिले, जिससे केस की नींव और भी मजबूत हो गई। कोर्ट ने इस सबूत को बेहद गंभीरता से लिया और अंततः यही उस रसूखदार नेता की किरकिरी की वजह बना।
जांच टीम की मेहनत और 123 सबूतों की चक्रव्यूह
इस मामले की जांच CID की विशेष टीम (SIT) ने की, जिसने करीब 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। टीम ने 123 अहम सबूत जुटाए और पूरे केस को एक मजबूत ढांचे में पिरो दिया। जांच में तकनीकी पक्षों को भी पूरी तवज्जो दी गई फॉरेंसिक रिपोर्ट, घटनास्थल की निरीक्षण रिपोर्ट, वीडियो क्लिप्स की प्रमाणिकता और गवाहों की ठोस बयानबाज़ी ने केस को धार दी।
31 दिसंबर से शुरू हुआ ट्रायल, सात महीने में आया फैसला
इस हाई-प्रोफाइल केस का ट्रायल 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ और सिर्फ सात महीनों में इसकी सुनवाई पूरी कर ली गई। कोर्ट ने 23 गवाहों की गवाही दर्ज की और दोनों पक्षों की बहसों को ध्यानपूर्वक सुना। विशेष न्यायाधीश भट्ट ने आखिरकार केस की गंभीरता और सबूतों की मज़बूती को देखते हुए प्रज्वल रेवन्ना को दोषी करार दे दिया।
कल तय होगी सजा, आज आंसू, कल शायद सलाखें
अब पूरे देश की निगाहें 2 अगस्त पर टिकी हैं, जब कोर्ट इस मामले में सजा की अवधि का ऐलान करेगी। यह देखना बेहद अहम होगा कि क्या अदालत इस रसूखदार नेता को उम्रकैद देती है या कोई और सजा सुनाती है। लेकिन इतना साफ है कि प्रज्वल रेवन्ना का राजनीतिक भविष्य अब अधर में है और उसकी जगह अब समाज की नजरों में एक कलंक के रूप में दर्ज हो चुकी है।
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