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“रथ खिंचते रहे, लोग मरते रहे… और सरकार देखती रही! पुरी में मौत की रथ यात्रा पर बवाल, खरगे ने उठाया बड़ा सवाल

Jagannath Rath Yatra Stampede: ओडिशा की पावन धरती पर, जहां रथ यात्रा को भगवान जगन्नाथ का सबसे शुभ पर्व माना जाता है, इस बार उसी यात्रा ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास रविवार सुबह मची भगदड़ में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 50 से ज़्यादा घायल हो गए।

Harsh Srivastava
Published on: 29 Jun 2025 7:20 PM IST
“रथ खिंचते रहे, लोग मरते रहे… और सरकार देखती रही! पुरी में मौत की रथ यात्रा पर बवाल, खरगे ने उठाया बड़ा सवाल
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Jagannath Rath Yatra Stampede: रथ चल रहा था… भजन गूंज रहे थे… हजारों श्रद्धालु जय-जयकार में लीन थे… और अचानक चीख-पुकार का सैलाब उठता है। भगदड़ मचती है, लोग कुचले जाते हैं, जमीन पर लाशें बिछती हैं, और आस्था का सबसे बड़ा पर्व मातम में तब्दील हो जाता है। ओडिशा की पावन धरती पर, जहां रथ यात्रा को भगवान जगन्नाथ का सबसे शुभ पर्व माना जाता है, इस बार उसी यात्रा ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास रविवार सुबह मची भगदड़ में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 50 से ज़्यादा घायल हो गए। और इसके बाद जो हुआ, उसने पूरे देश की राजनीति को हिला दिया।

खरगे का तीखा हमला – ये कोई हादसा नहीं, ये सरकार की नालायकी है!

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस हादसे पर दुख तो जताया, लेकिन उनके शब्दों में सिर्फ संवेदना नहीं थी—बल्कि गुस्सा था, तंज था और सीधा हमला था। उन्होंने ओडिशा की नवीन बनी बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। खरगे ने साफ-साफ कहा, “यह हादसा लापरवाही और कुप्रबंधन का नतीजा है। ये त्रासदी माफ करने लायक नहीं है। सरकार जवाब दे कि सुरक्षा के इंतज़ाम कहां थे?”

X पर अपनी पोस्ट में खरगे ने लिखा—

“मैं महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ से अत्यंत दुखी हूं। इसमें तीन लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक घायल हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी 500 श्रद्धालु घायल हुए थे। पीड़ितों के परिवारों के साथ हमारी प्रार्थनाएं हैं। लेकिन यह घटना प्रशासन की लापरवाही की साक्षात मिसाल है।”

सियासत में घमासान शुरू, विपक्ष ने बोला हमला

खरगे यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग करती है। जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन्हें न सिर्फ निलंबित किया जाए बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। “भीड़ प्रबंधन कोई सामान्य बात नहीं। जब आपको पता है कि लाखों श्रद्धालु आएंगे, तो आपकी योजना क्या थी? किसने सुरक्षा की निगरानी की? और अगर चूक हुई तो अब तक कौन गिरफ्तार हुआ?” ओडिशा की बीजेपी सरकार के लिए यह पहला बड़ा संकट बनकर उभरा है, जो चुनाव के ठीक बाद सत्ता में आई है। और विपक्ष इस मौके को बिल्कुल नहीं चूकना चाहता।

मुख्यमंत्री ने माफी मांगी, लेकिन सवाल थमे नहीं

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हादसे के बाद X पर श्रद्धांजलि दी और शोक जताया। उन्होंने लिखा— “शरधाबली में महाप्रभु के दर्शन की तीव्र इच्छा के कारण श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की और अराजकता हुई। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी भक्तों से माफी मांगते हैं।” लेकिन मुख्यमंत्री की यह संवेदना न तो जनता के आक्रोश को रोक पाई और न ही विपक्ष के वार को। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ “दृष्टांतपूर्ण कार्रवाई” की जाएगी, लेकिन आज तक भारत में कितने हादसों में दोषियों को सज़ा मिल पाई है?

तीन मौतें, सैकड़ों जख्मी, और एक सवाल—क्यों दोहराई गई वही गलती?

पुरी की रथ यात्रा भारत की सबसे प्रसिद्ध धार्मिक परंपराओं में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेते हैं। प्रशासन को पता होता है कि कहां भीड़ होगी, कब रथ खिंचेगा, कहां धक्का-मुक्की की संभावना है। बावजूद इसके, साल दर साल यहां भगदड़ होती है, लोग घायल होते हैं, जानें जाती हैं—और सरकारें सिर्फ बयान देकर कर्तव्यों से मुक्त हो जाती हैं।

इस बार भी वही हुआ

13 जुलाई को यात्रा शुरू हुई थी, और पहले ही दिन 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। क्या यह एक चेतावनी नहीं थी? अगर उस दिन से सबक लिया गया होता, तो शायद 16 जून की सुबह रथ यात्रा मौत का प्रतीक न बनती।

रथ यात्रा या लापरवाही की यात्रा?

क्या ये कोई सामान्य धार्मिक आयोजन है जिसमें प्रशासन की मौजूदगी महज एक खानापूर्ति हो? या फिर यह वह आयोजन है जहां हर कदम पर सतर्कता, सुरक्षा और समर्पण चाहिए? खरगे ने सरकार से यही सवाल पूछा—“क्या ये आपकी तैयारी का स्तर है?” खास बात यह है कि खरगे ने इसे किसी एक पार्टी का मुद्दा नहीं, बल्कि प्रशासनिक ज़िम्मेदारी का विषय बताया। उन्होंने लिखा— “जब बात श्रद्धालुओं की जान की हो, तब किसी भी लापरवाही को माफ नहीं किया जा सकता।”

कांग्रेस का ऐलान – हर परिवार के साथ खड़ी रहेगी पार्टी

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की ओर से हर प्रभावित परिवार को चिकित्सा सहायता, राहत और हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे पुरी पहुंचकर ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लें और ज़रूरतमंदों की मदद करें।

आख़िरी सवाल – क्या ये आख़िरी हादसा होगा?

पुरी की पवित्र भूमि पर जब भक्त महाप्रभु को खींचने निकले थे, तब उन्होंने मौत की रेखा पर कदम रखा था—ये किसी ने नहीं सोचा होगा। अब सरकारें माफी मांग रही हैं, बयान आ रहे हैं, जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। लेकिन क्या वास्तव में इस हादसे से सबक लिया जाएगा? या फिर अगले साल फिर कोई और श्रद्धालु इसी व्यवस्था की चूक में अपनी जान गंवाएगा? रथ यात्रा अब सवालों की यात्रा बन गई है, और जब तक जवाब नहीं मिलते… तब तक हर जयकारा एक चीख जैसा लगेगा।

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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