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Jagannath Yatra Stampede: पुरी रथयात्रा में मची भगदड़, 3 श्रद्धालुओं की कुचलकर मौत, आस्था का उत्सव बना त्रासदी!
Jagannath Yatra Stampede: पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा में भगदड़ मच गई, जिसमें 3 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई।
Jagannath Yatra Stampede
Jagannath Yatra Stampede: ओडिशा के पुरी में चल रही जगन्नाथ रथयात्रा मातम में बदल गई। आज (29 जून) रविवार तड़के करीब 4 बजे, गुंडिचा मंदिर के सामने भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष रथ के पास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में भयानक भगदड़ मच गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
रथ यात्रा में मची भगदड़ में मरने वालों में 36 साल की बसंती साहू, 78 साल की प्रेमकांति महांति और प्रभाती दास शामिल हैं। सभी शवों को पुरी मेडिकल कॉलेज में रखा गया है। इसी भगदड़ में अपनी पत्नी को खोने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "जब यह घटना हुई, तो किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की, न ही अग्निशमन अधिकारियों ने, न ही बचाव दल ने और न ही अस्पताल की टीम ने। यह एक दयनीय घटना है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता।"
पुलिस की गैरमौजूदगी की वजह से बिगड़ी स्थिति
यह हादसा तब हुआ जब रथों के दर्शन के लिए लाखों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान अचानक भगदड़ मच गई और इसमें कई लोग जमीन पर गिर गए और कुचल दिए गए। बताया जा रहा है कि जहां यह दर्दनाक घटना हुई, वहां पर्याप्त पुलिस या सुरक्षा बल मौजूद नहीं थे, जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई। आपको बता दें कि भगवान बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले ही अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच चुके थे। बाद में भगवान जगन्नाथ का रथ अपनी मौसी के यहां गुंडिचा मंदिर पहुंचा, तभी यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई। इसमें तीन श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवां दी।
ओडिशा के कानून मंत्री बोले- हम कड़ी कार्रवाई कर रहे
इस मामले में ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम इसका संज्ञान ले रहे हैं। मैंने सुबह सीएम से भी बात की। हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं और डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा गया है। उन्होंने आगे कहा, "बड़ी भीड़ में दम घुटने की वजह से तीन लोगों की मौत हुई है और 6-7 लोग घायल हैं। मैं पुरी जा रहा हूं। हम भीड़ को काबू करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल स्थिति अब नियंत्रण में है और लोग दर्शन कर रहे हैं।"
सैकड़ों श्रद्धालुओं की बिगड़ी तबीयत
जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी यह पहली घटना नहीं है। इससे दो दिन पहले, शुक्रवार (27 जून) को भी देवी सुभद्रा के रथ के पास भीड़ के अत्यधिक दबाव की वजह से 625 से अधिक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी। प्रशासन के मुताबिक, उनमें से 70 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, जिनमें से 9 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। यह घटनाएं रथयात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं।
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