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पापा का वादा तो न पूरा हुआ... जिंदगी पूरी हो गई! सुमित के आखिरी शब्द, जिंदगी के अंतिम पड़ाव बूढ़े पिता का दर्द
Ahmedabad Plane Crash: गुरुवार को हुए विमान हादसे में सुमित की मौत के बाद उनके पिता ने इस तरह से बच्चों की तरह रो-रोकर अपना दर्द बयां कि जिसने देखा उसकी आंखे नम हो गई। जिंदगी के अंतिम पड़ाव में सुमित के पिता को ऐसा दर्द मिला कि उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।
Ahmedabad Plane Crash
Ahmedabad Plane Crash: पापा आप परेशान न हो मैं वादा करता हूं अब जल्द ही मैं आप सबके के साथ रहूंगा... सुमित का अपने पापा से ये वादा। सुमित अपना ये वादा पूरा करते लेकिन इससे पहले ही उनकी जिंदगी पूरी हो गई। गुरुवार को हुए विमान हादसे में सुमित की मौत के बाद उनके पिता ने इस तरह से बच्चों की तरह रो-रोकर अपना दर्द बयां कि जिसने देखा उसकी आंखे नम हो गई। जिंदगी के अंतिम पड़ाव में सुमित के पिता को ऐसा दर्द मिला कि उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।
बता दें कि बीते गुरुवार यानी 12 जून की दोपहर में अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एयर इंडिया फ्लाइट AI‑171 के क्रैश होने से वरिष्ठ पायलट कैप्टन सुमित सबरवार समेत 241 यात्रियों की जान चली गई। सुमित ने इससे कुछ ही दिन पहले अपने 90 साल के पिता से एक बेहद खास वादा किया था। लेकिन... यह वादा जमीन पर रह गया।
पिता के आंसू बन गए बोझ
अनुभवी पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल को तकरीबन 8300 घंटे की उड़ान का अनुभव था। पवई के रहने वाले सभरवाल ने कथित तौर पर अपने पिता से वादा किया था कि वह अपनी नौकरी बहुत जल्द छोड़ देंगे और पूरे वक़्त अपने पिता का ख्याल रखेंगे। जानकारी के मुताबिक, कैप्टन सभरवाल अविवाहित थे और वो अपने 90 साल के पिता के साथ ही रहते थे। शिवसेना विधायक दिलीप पांडे जो साभरवाल के घर शोक व्यक्त करने पहुंचे थे, उन्होंने बताया कि कुछ ही दिन पहले कैप्टन सुमित ने अपने पिता से कहा था कि वे अपनी नौकरी छोड़कर हमेशा के लिए उनके पास आ जायेंगे और उनका ख्याल रखेंगे।
कैप्टन सुमित के पड़ोसियों ने बताया कि सभरवाल परिवार का विमानन उद्योग से गहरा संबंध है। कैप्टन सभरवाल के पिता नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से सेवानिवृत्त हुए हैं। जबकि, उनके दो भतीजे भी एक पायलट के रूप में कार्यरत हैं। एक पड़ोसी ने ये भी बताया कि जब भी कैप्टन सभरवाल कहीं बाहर जाने वाले होते थे तो वे अपने पिता का ध्यान रखने का कहकर ही जाते थे। लेकिन अब उनके पिता पूरी तरह से टूट गए हैं।
न्याय और सहारा की गुहार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और तमाम उच्च अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ितों के परिवार वालों से मिले और उन्हें सभी प्रकार के आर्थिक और भावनात्मक समर्थन देने का विशवास दिया। टाटा ग्रुप ने मृत यात्रियों के परिवारों को मुआवजे और सहायता का विश्वास दिया, जबकि डीजीसीए ने अपनी रिपोर्ट जून के अंत तक रिलीज़ करने की बात कही है।
कैप्टन सुमित सबरवार जैसे अनुभवी पायलट ने अपने पिता के साथ बिताये हर उस पल की उम्मीद लेकर फ्लाइट में बैठे थे। उस वादे की मिठास उनके पिता की आँखों में छलकती आंसुओं की रूप में जीवित है और लेकिन वो अधूरा रह गया। यह हादसा सिर्फ मानव जीवन की नाजुकता की याद नहीं दिलाता, बल्कि उन व्यक्तिगत ख्वाबों की याद दिलाता है, जो अब कभी भी पूरा नहीं हो सकेगा।
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