उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन की जीत तय थी लेकिन झटका है विपक्ष के वोटों में सेंध

Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की जीत पहले से तय थी, लेकिन विपक्ष के 15 वोटों की सेंध ने सियासी हलचल तेज कर दी है। कांग्रेस जल्द जांच बैठक करेगी।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 9 Sept 2025 8:34 PM IST
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन की जीत तय थी लेकिन झटका है विपक्ष के वोटों में सेंध
X

CP Radhakrishnan

Vice President Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को हराकर सीपी राधाकृष्णन निर्वाचित हो गए हैं। वह देश के 15वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि फ्लोर मैनेजमेंट और योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित कराने में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अहम भूमिका रही। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल को इस चुनाव में प्रथम वरीयता के 452 मत मिले जबकि जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले हैं।

निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने मीडिया को बताया है कि इस चुनाव में मतदान करने में सक्षम 788 सांसदों में केवल 767 सांसदों ने अपनी भागीदारी निभायी। यानी कुल 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ जिसमें 15 मत अवैध घोषित किये गए और केवल 752 वैध पाए गए। इस चुनाव में 14 सांसद अनुपस्थित रहे। हालांकि जीतने के लिए 377 वोटों की जरूरत थी।

खास बात यह है कि इस चुनाव से बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति और शिरोमणि अकाली दल इस चुनाव से अनुपस्थित रहे। इन दलों के नेताओं का कहना है कि उन्होंने राज्य स्तरीय प्राथमिकताओं को रेखांकित करने, एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक से दूरी बनाए रखने के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए यह कदम उठाया।

यहां यह बात गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पहले कहा था कि सभी 315 विपक्षी सांसद मतदान के लिए उपस्थित हुए। लेकिन जब गिनती के समय रेड्डी को 300 वोट मिले तो यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि 15 वोट कहाँ गए। रमेश का यह भी दावा था कि विपक्ष एकजुट रहा। उसके सभी 315 सांसद मतदान के लिए उपस्थित हुए। यह अभूतपूर्व 100% मतदान है। अब जब कि क्रास वोटिंग की बात सामने आ चुकी है कांग्रेस पार्टी क्रॉस-वोटिंग की जाँच के लिए जल्द ही एक बैठक करेगी।

संसद के दोनों सदनों के कुल 788 सदस्य जो निर्वाचन में भाग लेने की योग्यता रखते थे उनमें 245 राज्य सभा से और 543 लोकसभा से थे। 12 नामित सदस्य भी निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेकर मतदान की योग्यता रखते थे। हालांकि उपराष्ट्रपति पद के लिए राधाकृष्णन की जीत पहले से तय मानी जा रही थी क्योंकि एनडीए के पास चुनाव में जीत के लिए ज़रूरी 391 वोट से 31 वोट अधिक थे। दूसरी ओर इंडिया ब्लॉक के पास 312 वोट माने जा रहे थे। लेकिन राधाकृष्णन को 452 वोट मिलने के बाद ये तय हो गया कि एनडीए की 422 वोटों के मुकाबले उसे 30 वोट ज्यादा मिले हैं।

1 / 8
Your Score0/ 8
Shalini singh

Shalini singh

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!