उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग कल... लेकिन फैसला आज ही हो गया तय! यहां समझें पूरा गणित

Vice President Election Result Prediction: उपराष्ट्रपति चुनाव सीपी राधाकृष्णन जीत रहें या बी सुदर्शन रेड्डी...? पूरा गणित समझिए।

Gausiya Bano
Published on: 8 Sept 2025 2:16 PM IST
उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग कल... लेकिन फैसला आज ही हो गया तय! यहां समझें पूरा गणित
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Vice President Election Result 2025 Prediction: देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद यानी उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को होने वाली वोटिंग को लेकर माहौल गरम है। सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी इंडिया ब्लॉक दोनों पूरी ताकत झोंक चुके हैं। हर दल चाहता है कि उनका उम्मीदवार उपराष्ट्रपति बने और संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा की कमान संभाले। यह चुनाव जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद हो रहा है। ऐसे में अब नए चेहरे की तलाश हो रही है और यह चुनाव दिलचस्प मुकाबले में बदल गया है।

कौन-कौन है आमने-सामने?

सीपी राधाकृष्णन: तमिलनाडु से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा वक्त में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इन्हें बीजेपी का भरोसेमंद और अनुशासित चेहरा माना जाता है। पार्टी मानती है कि इनके जरिए दक्षिण भारत में पैठ और मजबूत होगी।

बी. सुदर्शन रेड्डी: आंध्र प्रदेश से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। न्यायपालिका में ईमानदार और निष्पक्ष छवि रखने वाले रेड्डी को विपक्ष ने उतारा है। विपक्षी दल मानते हैं कि वे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेंगे।

राजनीति बनाम न्यायपालिका का यह मुकाबला इस चुनाव को ऐतिहासिक बना रहा है।

वोटर कौन होते हैं?

राष्ट्रपति की तरह उपराष्ट्रपति का चुनाव जनता नहीं करती, बल्कि सांसद करते हैं। इसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य वोट डालते हैं। खास बात यह है कि राज्य विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होती। इस बार कुल 782 सांसद वोट डालेंगे, जिनमें लोकसभा के 543, राज्यसभा के 233 और 12 मनोनीत सदस्य शामिल हैं। हर सांसद के वोट की कीमत समान होती है।

उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग प्रक्रिया कैसी होती है?

उपराष्ट्रपति चुनाव थोड़ा तकनीकी होता है। यह चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत होता है। इसमें सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (STV) यानी सांसद उम्मीदवारों को 1, 2, 3 नंबर से प्राथमिकता देते हैं। जीत के लिए कुल वैध वोटों के आधे से ज्यादा की जरूरत होती है।

अगर कोई पहले ही दौर में बहुमत न पाए, तो सबसे कम वोट पाने वाले को बाहर कर दिया जाता है और उसके वोट अगले पसंदीदा उम्मीदवार को ट्रांसफर हो जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक किसी को बहुमत न मिल जाए। इस चुनाव का पूरा संचालन निर्वाचन आयोग करता है और वोटिंग संसद भवन में होती है।

किसे कहां से मिल रहा समर्थन?

NDA और सीपी राधाकृष्णन: बीजेपी के पास लोकसभा में मजबूत बहुमत है और कई क्षेत्रीय दल भी उसके साथ हैं। वाईएसआर कांग्रेस ने खुलकर एनडीए को समर्थन दिया है। बीजेडी ने अभी स्थिति साफ नहीं की है लेकिन उसके रुख पर सबकी नजर है।

इंडिया ब्लॉक और सुदर्शन रेड्डी: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, वामपंथी दल और शिवसेना (UBT) उनके साथ खड़े हैं। यहां तक कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी समर्थन का ऐलान किया है।

बीजेपी और विपक्ष की रणनीति

बीजेपी ने अपने सांसदों को एकजुट रखने के लिए दो दिन का स्पेशल ट्रेनिंग सेसन रखा था। इसमें मतदान की बारीकियों और गुप्त मतदान की तकनीक समझाई गई। पीएम मोदी समेत सभी बड़े नेता मौजूद रहे। जिसमें पार्टी का संदेश साफ था कि जरा सी चूक विपक्ष के लिए मौका बन सकती है, इसलिए सभी एकजुट होकर वोट करें।

उधर, इंडिया ब्लॉक भी लगातार बैठकों में जुटा है ताकि किसी तरह की टूट-फूट न हो और सभी सांसद एकजुट रहकर वोट डालें।

दोनों में से किसका पलड़ा भारी?

अगर सिर्फ आंकड़ों की बात करें तो एनडीए आगे दिख रहा है। लोकसभा में उसके पास लगभग 293 सांसद हैं। राज्यसभा में करीब 130 सांसद हैं। साथ ही 12 मनोनीत सदस्यों का समर्थन है। कुल मिलाकर एनडीए के पास लगभग 435 सांसद हो जाते हैं, जबकि बहुमत के लिए 392 वोट चाहिए। ऐसे में अगर क्रॉस वोटिंग नहीं होती तो यह बिल्कुल तय माना जा रहा है कि एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत होगी।

नतीजे क्यों अहम हैं?

उपराष्ट्रपति सिर्फ एक संवैधानिक पद नहीं है, बल्कि राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। यानी सदन की कार्यवाही और उसकी गरिमा बनाए रखना उन्हीं की जिम्मेदारी होती है। यही वजह है कि यह चुनाव सिर्फ संख्या का खेल नहीं, बल्कि देश की राजनीति और लोकतांत्रिक परंपराओं का अहम इम्तिहान भी है। फिलहाल आंकड़ों को देखते हुए यह भविष्यवाणी की जा रही है कि एनडीए के पास संख्या बल है, लेकिन विपक्ष ने भी इस बार मजबूती से मोर्चा संभाला है। अब देखना यह होगा कि 9 सितंबर को किसके माथे जीत का ताज सजता है।

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Gausiya Bano is a Multimedia Journalist based in Lucknow, the capital city of Uttar Pradesh, currently serving as Desk In-Charge at Newstrack. She holds a postgraduate degree in Journalism from Makhanlal Chaturvedi National University, Bhopal, Madhya Pradesh. With over 2.5 years of experience, she has worked with leading organizations including Rajasthan Patrika and NewsBytes. She has expertise in news desk operations, reporting and digital journalism. At Newstrack She oversees content management, ensures editorial accuracy and coordinates with reporters to maintain high newsroom standards. Passionate about ethical reporting and adapting to the evolving media landscape, Gausiya Bano continues to grow as a dedicated and responsible journalist.

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