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देश में नंबर वन सीएम हैं योगी, PM पद की पसंद में शाह का दूसरा स्थान; टॉप पर कौन?
योगी आदित्यनाथ को भारतीय राजनीति में आज हिंदुत्व के सबसे मुखर चेहरे के रूप में देखा जाता है।
Survey on PM or CM: राजनीतिक सरगर्मियों और संभावित गठजोड़ों के दौर में इंडिया टुडे-सी वोटर का नया सर्वे सियासी हलकों में हलचल मचाने वाला साबित हुआ है। इस सर्वे ने न सिर्फ मौजूदा नेताओं की लोकप्रियता को उजागर किया है, बल्कि 2029 की राजनीतिक तस्वीर के कई संकेत भी दे दिए हैं। सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि देश का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री कौन है, तो नतीजे ने एक बार फिर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राष्ट्रव्यापी स्वीकार्यता पर मुहर लगा दी।
योगी आदित्यनाथ को 36 फीसदी लोगों ने पसंद किया। दूसरे स्थान पर रहीं ममता बनर्जी, जिन्हें 13 प्रतिशत का समर्थन मिला और तीसरे नंबर पर रहे आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, जिन्हें 7% लोगों ने पसंद किया। योगी की बढ़ती लोकप्रियता को उनके निर्भीक फैसलों, हिंदुत्ववादी रुख, और बुलडोजर मॉडल से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसने उन्हें उत्तर प्रदेश से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति का एक मज़बूत चेहरा बना दिया है।
पीएम की कुर्सी के लिए मोदी के बाद कौन?
इसी सर्वे में लोगों से पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी में अगला प्रधानमंत्री कौन होना चाहिए? इसमें गृह मंत्री अमित शाह को 28% लोगों का समर्थन मिला, जबकि योगी आदित्यनाथ 26% के साथ करीबी मुकाबले में दूसरे स्थान पर हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को 7% लोगों ने पसंद किया। यह आंकड़ा स्पष्ट संकेत देता है कि मोदी युग के बाद पार्टी के भीतर शीर्ष नेतृत्व की रेस में योगी आदित्यनाथ एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरे हैं।
सरकार की उपलब्धियों पर भी लोगों की राय
सर्वे ने केवल नेताओं की लोकप्रियता ही नहीं मापी, बल्कि केंद्र सरकार की प्रमुख नीतियों और परियोजनाओं पर भी जनता की राय जानी। लोगों ने मोदी सरकार की शीर्ष उपलब्धियों में कई कामों को गिना है। राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को 17 फीसदी, ऑपरेशन सिंदूर को 12 फीसदी, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना को 9 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। इन आंकड़ों से साफ है कि सरकार की सांस्कृतिक पुनर्जागरण से जुड़ी योजनाएं आम जनता के बीच गहरी पकड़ बना चुकी हैं।
हिन्दुत्व और हिम्मत का चेहरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय राजनीति में आज हिंदुत्व के सबसे मुखर चेहरे के रूप में देखा जाता है। उनकी पहचान सिर्फ धार्मिक रुझानों तक सीमित नहीं, बल्कि कठोर प्रशासक और बेबाक वक्ता के तौर पर भी है। अवैध निर्माणों पर बुलडोज़र कार्रवाई हो या माफियाओं के खिलाफ सख्त रवैया, योगी की कार्यशैली ने उन्हें पूरे देश में एक अलग पहचान दिलाई है।
गौरतलब है कि 1998 में महज 26 साल की उम्र में योगी गोरखपुर से सबसे युवा सांसद बने थे और उसके बाद इस सीट से लगातार 5 बार लोकसभा चुनाव जीते। 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से उनकी सख्त प्रशासनिक शैली चर्चा में रही है।
सर्वे की टाइमलाइन और सैंपल साइज
सर्वे अवधि: 1 जुलाई 2025 से 14 अगस्त 2025
सैंपल साइज: 2,06,826
प्रतिनिधित्व: हर धर्म, हर आयु वर्ग, और भारत के सभी राज्यों से लिया गया
क्या 2029 के लिए योगी तैयार हैं?
सर्वे के नतीजे बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ अब सिर्फ यूपी की राजनीति तक सीमित चेहरा नहीं हैं। वे बीजेपी की राष्ट्रीय रणनीति में एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी के बाद सबसे बड़ी पसंद बनना और सीएम के तौर पर देशभर में सबसे अधिक लोकप्रिय होना यह संकेत हैं कि आने वाले वर्षों में योगी की भूमिका भारतीय राजनीति में और भी निर्णायक हो सकती है।
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