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संत की वेशभूषा में पाखंडी! यहां ढोंगी बाबाओं का काला चिट्ठा, जिसे जानकर चौंक जाएंगे आप

Bharat Ke Dhongi Baba Ka Sach: इस लेख में हम आपको ऐसे कुख्यात ढोंगी बाबाओं के बारे में बताएंगे, जिनकी असलियत सामने आने के बाद पूरा देश सन्न रह गया।

Shivani Jawanjal
Published on: 13 July 2025 5:25 PM IST
संत की वेशभूषा में पाखंडी! यहां ढोंगी बाबाओं का काला चिट्ठा, जिसे जानकर चौंक जाएंगे आप
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Bharat Ke Dhongi Baba Ka Sach: भारत जिसे संतों और आध्यात्मिकता की भूमि कहा जाता है, वहां धर्म और भक्ति की परंपराएं गहराई से जुड़ी हुई हैं। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश जहां ऋषि-मुनियों, तपस्वियों और योगियों की एक समृद्ध परंपरा रही है, वहां आस्था सदियों से जनमानस की जीवनशैली का हिस्सा रही है। लेकिन बीते कुछ दशकों में इसी भूमि पर कुछ ऐसे स्वघोषित बाबा और ढोंगी संत पैदा हुए हैं जिन्होंने धर्म को धंधा बना दिया। इन्होंने चमत्कारों का झूठा दिखावा किया, लोगों की भावनाओं से खेला, डर और मोक्ष के नाम पर भक्तों को ठगा और महिलाओं से दुराचार, संपत्ति हड़पने और यहां तक कि हत्या जैसे जघन्य अपराध भी किए।

आज जब छांगुर बाबा जैसे एक और विवादास्पद बाबा उत्तर प्रदेश में चर्चा में हैं, तो यह जरूरी हो जाता है कि हम उन नकली बाबाओं की असलियत जानें। जिन्होंने अपनी ढोंग-लीला से न केवल लोगों को धोखा दिया बल्कि पूरे समाज को शर्मसार किया।

वर्तमान में चर्चा में जलाल-उद-दीन उर्फ़ छांगुर बाबा

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से सामने आए छांगुर बाबा उर्फ जलाल-उद-दीन का मामला इन दिनों राज्यभर में सुर्खियों में है। 5 जुलाई 2025 को यूपी एटीएस, ईडी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उन्हें गिरफ्तार किया गया। छांगुर बाबा पर गंभीर आरोप लगे हैं। जिनमें अवैध धर्मांतरण, मनी लॉन्ड्रिंग और अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क के संचालन जैसे मामले शामिल हैं। जांच में पता चला है कि उनके और उनके नेटवर्क से जुड़े 24 से अधिक घरेलू और 6 विदेशी बैंक खातों में लगभग ₹100 करोड़ की संदिग्ध विदेशी फंडिंग हुई है।


जो नेपाल, तुर्किए, पाकिस्तान, दुबई और सऊदी अरब जैसे देशों से हवाला के जरिए भारत पहुंची थी। इन पैसों का उपयोग कथित तौर पर धर्मांतरण और नेटवर्क विस्तार के लिए किया गया। बलरामपुर के मधपुर गांव में उनकी 70 कमरों वाली आलीशान कोठी, जो सरकारी जमीन पर बनी थी, उसे प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया। वर्षों से सक्रिय इस नेटवर्क के जरिए हजारों लोगों का धर्मांतरण कराने का आरोप है, जिसमें महिलाएं, युवतियां और गरीब तबके के लोग विशेष रूप से निशाना बनाए गए। छांगुर बाबा अब अंधविश्वास, अवैध निर्माण, भ्रष्टाचार और सामाजिक विद्वेष फैलाने जैसे आरोपों के चलते पूरे प्रदेश में 'धोंगी बाबा' के रूप में कुख्यात हो चुके हैं।

राम रहीम

गुरमीत राम रहीम सिंह जिसे आमतौर पर डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के रूप में जाना जाता है, मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के श्री गुरुसर मोडिया गाँव का रहने वाला है। लेकिन उसका मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में स्थित है जिससे वह अक्सर हरियाणा से जुड़ा माना जाता है। डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव मुख्यतः हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर, बरेली, मेरठ जैसे जिलों में भी इसके अनुयायियों की संख्या कम नहीं है।


राम रहीम ने सिरसा में एक विशाल आश्रम की स्थापना की थी और देशभर में कई केंद्र भी बनाए थे, लेकिन उसकी लोकप्रियता विवादों में बदल गई जब उस पर साध्वियों के यौन शोषण और हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे। 2017 में दो साध्वियों के बलात्कार के मामले में उसे दोषी ठहराया गया और 20 साल की सजा मिली। जबकि 2019 में पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई। वर्तमान में राम रहीम हरियाणा की सुनारिया जेल में सजा भुगत रहा है, लेकिन इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उसके अनुयायी अब भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।

आसाराम बापू

कभी प्रवचनों और आध्यात्मिक शिविरों के जरिए लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले आसाराम ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में अपने आश्रम स्थापित किए थे, जहाँ वह नियमित रूप से प्रवचन करता था। लेकिन 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में उसका नाम सामने आने के बाद उसका आध्यात्मिक चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया। यह घिनौनी घटना राजस्थान के जोधपुर स्थित आश्रम में हुई थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया और देशभर में उसके आश्रमों की जांच शुरू हुई।


अदालत ने आसाराम को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और तब से वह 31 अगस्त 2013 से जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। कभी जिसके अनुयायी हजारों में थे, उसकी गिरफ्तारी ने उसके अनुयायियों को झकझोर कर रख दिया। लेकिन साथ ही देश में ढोंगी बाबाओं के खिलाफ चेतना भी जागृत की।

फलाहारी बाबा

फलाहारी बाबा जिसका असली नाम शिवपूजन गौतम मिश्र है, उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के डकशरीरा गाँव के रहने वाला हैं। वह राजस्थान के अलवर में अपने आश्रम के कारण चर्चित हुए। फलाहारी बाबा को 2017 में छत्तीसगढ़ की 21 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस जांच में उनके कमरे से महिलाओं की पायल, जड़ी-बूटियां, लैपटॉप, कैमरा और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं भी मिली थीं।


कोर्ट ने इस ढोंगी बाबा को बलात्कार का दोषी मानते हुए उम्रकैद (life imprisonment) की सजा सुनाई और तबसे फलाहारी बाबा अलवर सेंट्रल जेल में सजा काट रहा हैं। फलाहारी बाबा को अखाड़ा परिषद ने 'ढोंगी बाबाओं' की सूची में भी शामिल किया था। शादीशुदा फलाहारी बाबा की पत्नी और बेटी भी हैं । जेल में रहते हुए बाबा ने मौन व्रत धारण कर रखा है और हाल ही में फलाहारी बाबा 20 दिन की पैरोल मिली थी।

वीरेंद्र देव दीक्षित

वीरेंद्र देव दीक्षित ने दिल्ली और यूपी में 'आश्रम' बनाकर महिलाओं और युवतियों का शोषण किया। उस पर बलात्कार और यौन शोषण के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।


दीक्षित खुद को 'कृष्ण' बताता था लेकिन पुलिस जांच में उसके कुकर्म उजागर हो गए।

हाथरस सत्संग वाले 'भोले बाबा' (नारायण साकार विश्व हरि)

हाल ही में यूपी के हाथरस में 'भोले बाबा' के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई।


बाबा पर भीड़ प्रबंधन में लापरवाही, फर्जी चमत्कार और अनुयायियों को गुमराह करने के आरोप लगे हैं। पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

बाबा रामभक्त दास (फर्रुखाबाद)

फर्रुखाबाद के रामभक्त दास ने दावा किया कि वह 4 दिन तक बिना अन्न, जल और ऑक्सीजन के जीवित रह सकता है। मीडिया ने जब इसका परीक्षण किया तो उसका झूठ बेनकाब हो गया। यह बाबा लोगों को चमत्कार के नाम पर ठगता था।

ओम नमः शिवाय बाबा (इलाहाबाद)

इलाहाबाद के ओम नमः शिवाय बाबा पर गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा कर लोगों से ठगी करने के कई मामले दर्ज हैं। वह शिविर लगाकर लोगों की आस्था का फायदा उठाता था और झूठे इलाज के नाम पर पैसे ऐंठता था।

निर्मल बाबा

निर्मल बाबा टीवी पर 'समाधान' देने के लिए मशहूर हुए, लेकिन उन पर धोखाधड़ी, झूठे चमत्कार और पैसे ऐंठने के आरोप लगे। यूपी समेत देशभर में इनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं। इनकी 'समाधान' सभाओं में लोगों से मोटी फीस वसूली जाती थी।

स्वामी नित्यानंद

यूपी में भी नित्यानंद के कई अनुयायी हैं। उस पर बलात्कार, अपहरण, महिलाओं के शोषण और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप हैं। नित्यानंद भारत छोड़कर फरार हो चुका है लेकिन उसके आश्रमों में आज भी गतिविधियां चलती हैं।

स्वामी भीमानंद उर्फ चिन्मयानंद

भीमानंद ने खुद को तांत्रिक, बाबा और संत के रूप में प्रचारित किया। उस पर सेक्स रैकेट चलाने, महिलाओं का शोषण करने और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। यूपी पुलिस ने उसे कई बार गिरफ्तार किया है।

स्वामी ओम

स्वामी ओम बिग बॉस जैसे टीवी शो से मशहूर हुआ लेकिन असल जिंदगी में उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह खुद को चमत्कारी बाबा बताता था लेकिन उसके खिलाफ चोरी, मारपीट, महिलाओं से बदसलूकी के केस दर्ज हैं। हालांकि 3 फरवरी 2021 को स्वामी ओम का निधन हो गया ।

ढोंगी बाबाओं की पहचान और समाज पर प्रभाव

इन बाबाओं की खासियत होती है कि ये धर्म, चमत्कार, इलाज, तंत्र-मंत्र या मोक्ष के नाम पर भोली-भाली जनता को बरगलाते हैं। इनका नेटवर्क गांव-गांव, शहर-शहर फैला होता है। ये अपने अनुयायियों से भारी चढ़ावा, दान, जमीन, सोना-चांदी और नकद वसूलते हैं। कई बार इनके आश्रम अपराध का अड्डा बन जाते हैं, जहां महिलाओं, बच्चों और युवतियों का शोषण होता है।

अखाड़ा परिषद द्वारा जारी लिस्ट का उद्देश्य जनता को जागरूक करना है ताकि वे ऐसे फर्जी बाबाओं के झांसे में न आएं। इन बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई होने के बावजूद इनके अनुयायी अंधविश्वास के चलते इन्हें पूजते रहते हैं, जिससे समाज में अपराध और अराजकता को बढ़ावा मिलता है।

ढोंगी बाबाओं से बचाव के उपाय

सतर्कता - किसी भी बाबा या संत के चमत्कारिक दावों पर आंख मूंदकर विश्वास न करें।

कानूनी जानकारी - किसी भी तरह की ठगी, शोषण या अपराध की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

शिक्षा - बच्चों और परिवार को अंधविश्वास से बचाएं, वैज्ञानिक सोच विकसित करें।

सोशल मीडिया - फर्जी बाबाओं के प्रचार-प्रसार से बचें, सच को साझा करें।

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