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Trikonasana Yoga Benefits: त्रिकोणासन से मिलते हैं कई फायदे, योग शुरू करने से पहले जानें इसके लाभ
Trikonasana Yoga Benefits: त्रिकोणासन सिर्फ शरीर को मजबूत नहीं बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी सुकून देता है। यह हर उम्र के व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकता है, अगर सही तरीके से और नियमित किया जाए।
Trikonasana Yoga Benefits (social media)
Trikonasana Yoga Benefits: योग आज के समय में सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली बन चुका है। यह शरीर को लचीलापन, मानसिक शांति और स्वास्थ्य प्रदान करता है। अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं, तो त्रिकोणासन एक बेहतरीन और आसान विकल्प हो सकता है। यह आसन शरीर के कई हिस्सों को सक्रिय करता है और रोजाना अभ्यास से शरीर में संतुलन, मजबूती और मानसिक स्थिरता आती है।
त्रिकोणासन क्या है?
त्रिकोणासन को अंग्रेजी में Triangle Pose कहा जाता है। यह एक खड़े होकर किया जाने वाला योगासन है, जिसमें शरीर त्रिकोण के आकार में झुकता है, इसलिए इसका नाम त्रिकोणासन पड़ा। यह आसन रीढ़ की हड्डी, टांगों, कमर और कंधों को सक्रिय करता है।
त्रिकोणासन करने के फायदे
- फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है: त्रिकोणासन करने से फेफड़ों में खिंचाव आता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बेहतर होती है। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो सांस की समस्या या अस्थमा जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं।
- डायबिटीज में सहायक: इस योगासन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और पाचन क्रिया तेज होती है। यह मेटाबॉलिज्म को भी सुधारता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह आसन लाभकारी माना गया है।
- तनाव और चिंता कम करता है: जो लोग मानसिक तनाव, चिंता या अनिद्रा जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं, उनके लिए त्रिकोणासन बेहद फायदेमंद है। इसे करने से मस्तिष्क में शांति आती है और मूड बेहतर होता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है: त्रिकोणासन करने से पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन बेहतर होता है। यह गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
- रीढ़ की हड्डी और कमर को लचीला बनाता है: इस आसन से रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव पड़ता है, जिससे वह लचीली बनती है। यह पीठ और कमर दर्द से राहत देने में भी मदद करता है।
कैसे करें त्रिकोणासन, जानें तरीका
- सबसे पहले सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- अपने पैरों को लगभग 2 फीट की दूरी पर फैलाएं।
- दोनों हाथों को सीध फैलाएं।
- अब धीरे-धीरे शरीर को दाईं ओर मोड़ें और दाहिने हाथ को नीचे झुकाते हुए पैर के पंजे को छूने की कोशिश करें।
- बायां हाथ सीधा और गर्दन को घुमाकर ऊपर देखें।
- इस स्थिति में 15 से 30 सेकंड तक रुकें।
- अब धीरे-धीरे शरीर को वापस सीधा करें और फिर यही प्रक्रिया दूसरी ओर दोहराएं।
त्रिकोणासन करते समय सावधानियां
अगर आप योग की शुरुआत कर रहे हैं, तो त्रिकोणासन करने से पहले कुछ जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति को स्लिप डिस्क, साइटिका या रीढ़ से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है, तो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव आता है, जो दर्द या समस्या को बढ़ा सकता है। इसी तरह, अगर हाल ही में आपकी पेट या आंत की कोई सर्जरी हुई है, तो कम से कम तीन महीने तक इस आसन से परहेज करें। सर्जरी के बाद शरीर को पूरी तरह से ठीक होने का समय देना चाहिए। इसके अलावा, जब आप पहली बार त्रिकोणासन कर रहे हों, तो इसे किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में ही करें। बहुत अधिक झुकने या गर्दन को जबरदस्ती घुमाने की कोशिश न करें, क्योंकि इससे मांसपेशियों में खिंचाव या चोट लग सकती है। शरीर की सीमा को समझते हुए ही आसन करें।
त्रिकोणासन सिर्फ शरीर को मजबूत नहीं बनाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी सुकून देता है। यह हर उम्र के व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकता है, अगर सही तरीके से और नियमित किया जाए। इसे अपने दैनिक योग रूटीन में शामिल करके आप संपूर्ण स्वास्थ्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है तो किसी योग विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है।
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