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Dead Body Toe tie: आखिर क्यों बांध दिए जाते हैं शव के पैरों के अंगूठे? हिंदू धर्म का चौंकाने वाला रहस्य…
ज़िन्दगी सबसे बड़ा सच - जिसे जीवन मिला है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है। एक दिन सभी को ये दुनिया छोड़कर चले जाना है। लेकिन क्या आपने कभी इसपर विचार किया है कि जिस वक़्त मृत्यु होती है उस समय पर क्या-क्या होता है।
Dead Body Toe tie
Dead Body Toe tie: ज़िन्दगी सबसे बड़ा सच - जिसे जीवन मिला है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है। एक दिन सभी को ये दुनिया छोड़कर चले जाना है। लेकिन क्या आपने कभी इसपर विचार किया है कि जिस वक़्त मृत्यु होती है उस समय पर क्या-क्या होता है। ये बहुत ही गंभीर विषय है, जिसके बारे में शायद ही किसी ने भी सोचा होगा। आपको बता दे, जिस समय शरीर से प्राण निकलते हैं उसी वक़्त आत्मा शरीर छोड़ देती है... और यही नियति है। आत्मा अपने परिवार वालों के दुखों को महसूस करती है, यही कारण है कि आत्मा को मोहमुक्त करने के लिए शव का दाह संस्कार कर शरीर को अग्नि दी जाती है ताकि वह परिवार के मोह-माया और बंधन से मुक्त होकर यमलोक की यात्रा शुरू कर सके।
आमतौर पर हिंदू धर्म में मृत्यु को लेकर बहुत सी बातें बताई गयी हैं। किसी भी व्यक्ति के मृत होने के बाद कई तरह की प्रक्रियाएं की जाती है। इन्हीं में से एक है मृतक के पैरों के अंगूठे बांधना। आखिर ये प्रक्रिया क्यों की जाती है। हिन्दू धर्म के मुताबिक, इसके पीछे बड़ा कारण छिपा हुआ है। आइये िस्व लेख में आपको बताते हैं पूरा सच...
आखिर क्यों मृत्यु के बाद बांधे जाते हैं पैरों के अंगूठे
पुराण में उल्लेख किया गया है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो सबसे पहले मृत शरीर के दोनों पैरों के अंगूठों को एक साथ बांध दिए जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है क्योंकि इससे मूलाधार को कुछ इस तरह से सख्त कर दिया जाता है कि उस जीवन को वहां से शरीर के भीतर फिर से प्रवेश न मिल सके।
दरअसल आत्मा का मोह पूरी तरह से खत्म करने के लिए ऐसा किया जाता है नहीं तो वो शरीर के किसी भी खुले भाग में से होकर फिर से शरीर के हीटर जाने का प्रयास करेगा, खास तौर पर मूलाधार की जगह से होकर। आपको बता दे, मूलाधार वह जगह होती है जहां से जीवन शुरू होता है। हिंदू धर्म के अनुसार, मूलाधार चक्र को जीवन ऊर्जा के केंद्र के रूप में जाना जाता है। इसीलिए मृतक के पैरों की उंगलियों को बांध दिया जाता है जिससे से ये चक्र को स्थिर हो जाता है।
आत्मा का शरीर छोड़ना क्यों आवश्यक है ?
मृत्यु के बाद आत्मा यमलोक की ओर चली जाती है, जहां यमराज उसके कर्मों का मूल्यांकन करते हैं। अच्छे कर्मों वाले आत्माओं को स्वर्ग भेज दिया जाता है, तो वहीं, बुरे कर्मों वाली आत्माओं को नर्क में सजा काटनी पड़ती है।
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