TRENDING TAGS :
Politician Ganesh Singh Wikipedia: गांव की मिट्टी से दिल्ली की दहलीज़ तक - गणेश सिंह का संघर्ष और सफलता
Politician Ganesh Singh Wikipedia: आइये विस्तार से जानते हैं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के सतना लोकसभा क्षेत्र से चार बार लगातार सांसद रह चुके गणेश सिंह का राजनैतिक सफर।
Politician Ganesh Singh (Image Credit-Social Media)
Politician Ganesh Singh Wikipedia: ग्राम पंचायत खमहरिया से निकलकर दिल्ली के संसद भवन तक का सफर तय करने वाले गणेश सिंह भारतीय राजनीति का एक प्रेरणास्पद चेहरा हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के सतना लोकसभा क्षेत्र से चार बार लगातार सांसद रह चुके गणेश सिंह न केवल एक प्रतिबद्ध जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि समाज सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास में उनके योगदान ने उन्हें विन्ध्य क्षेत्र में एक लोकप्रिय नेता बना दिया है। एक वकील से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर लोकसभा सदस्य बनने तक का उनका सफर संघर्ष, ईमानदारी और जनता के विश्वास से भरा रहा है। इनके जन्मदिवस के मौके पर आइए जानते हैं इनके राजनैतिक सफर, उपलब्धियों और संघर्षों के बारे में विस्तार से -
व्यक्तिगत जीवन और प्रारंभिक शिक्षा
गणेश सिंह का जन्म 2 जुलाई 1962 को मध्य प्रदेश के सतना जिले की ग्राम पंचायत खमहरिया में हुआ था। उनके पिता का नाम कमल भान सिंह और माता का नाम फूलमती सिंह है। वे अपने माता-पिता की सात संतानों में दूसरे क्रम पर हैं। एक साधारण कृषक परिवार में जन्म लेने वाले गणेश सिंह ने बचपन से ही परिश्रम और अनुशासन को जीवन का मूल मंत्र बनाया।
शिक्षा के प्रति विशेष लगाव रखने वाले गणेश सिंह ने 1981 में बी.ए., 1984 में एम.ए. (राजनीति शास्त्र), और 1986 में एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की। उन्होंने ये सभी डिग्रियां रीवा जिले के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से प्राप्त कीं। कानून की पढ़ाई के दौरान ही उनका झुकाव छात्र राजनीति की ओर हुआ, जहां उन्होंने कॉलेज के महासचिव और बाद में अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
गणेश सिंह ने 1989 में मध्य प्रदेश राज्य की समाजवादी युवा इकाई के अध्यक्ष के रूप में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद 1995 में वे सतना जिला परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए। यह उनकी राजनीतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। जिला पंचायत सदस्य रहते हुए उन्होंने स्थानीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास में अहम भूमिका निभाई। 1999 में वे सतना जिला पंचायत के अध्यक्ष बने। इस पद पर रहते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास के कई मील के पत्थर स्थापित किए और जनता के बीच एक जनसेवक की पहचान बनाई।
लोकसभा में प्रवेश और लगातार चार बार जीत
2004 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सतना लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया। गणेश सिंह ने इस चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज की और पहली बार 14वीं लोकसभा के सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सतना की जनता ने उन्हें 15वीं (2009), 16वीं (2014) और 17वीं लोकसभा (2019) में भी अपना प्रतिनिधि चुना।
चुनावी जीत के आंकड़े-
2004 (14वीं लोकसभा) लगभग 1.5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत
2009 (15वीं लोकसभा)- कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लगातार दूसरी बार विजयी।
2014 (16वीं लोकसभा)- नरेंद्र मोदी लहर में भी शानदार प्रदर्शन।
2019 (17वीं लोकसभा)- भाजपा के प्रत्याशी के रूप में फिर से विशाल जनसमर्थन प्राप्त।
लोकसभा में योगदान और संसदीय समितियों में भागीदारी
गणेश सिंह ने संसद में विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया। इनमें प्रमुख हैं-
रेलवे स्थायी समिति,
ग्रामीण विकास समिति,
मानव संसाधन विकास समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता संबंधी समिति से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। इसके अलावा वे सांसद निधि योजना के तहत अपने क्षेत्र में स्कूल भवन, सड़क, शौचालय, सामुदायिक केंद्र, पेयजल व्यवस्था जैसे अनेकों जनहितकारी कार्यों में सक्रिय रूप से जुड़े रहे।
विकास के प्रति प्रतिबद्धता
गणेश सिंह ने सतना और आसपास के क्षेत्रों में विकास की नई परिभाषा गढ़ी है। उनके कार्यकाल में, सड़कों का चौड़ीकरण और ग्रामीण संपर्क मार्गों का निर्माण,
स्कूलों में शौचालय और पेयजल की सुविधा,
आवास योजनाओं के तहत हजारों घरों का निर्माण,
स्वास्थ्य शिविरों और अस्पतालों के उन्नयन की योजनाएं, कृषि विकास के लिए सिंचाई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत, रेलवे संपर्क और स्टेशन विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का कार्य किया।
गणेश सिंह ने विन्ध्य क्षेत्र की पहचान को मजबूत करते हुए सतना को विकास के मानचित्र पर अग्रणी बनाने का कार्य किया है।
सामाजिक सरोकार और जनभागीदारी
गणेश सिंह केवल एक राजनेता नहीं बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा दिया, युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर शुरू करवाए और बालिकाओं की शिक्षा के लिए अभियान चलाए। उनके नेतृत्व में पंचायत स्तर पर कई स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम और पौधारोपण अभियान आयोजित हुए।
वर्तमान में पद और जिम्मेदारियां
गणेश सिंह वर्तमान में 18वीं लोकसभा के सदस्य हैं और सतना लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। साथ ही वे भारतीय जनता पार्टी, मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। पार्टी में वे राज्य इकाई के सचिव के पद पर भी कार्य कर चुके हैं।
सम्मान और पहचान
उनके कार्यों के लिए कई सामाजिक संगठनों और संस्थानों द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। संसद में उनकी उपस्थिति, सक्रियता और बहसों में भागीदारी के लिए वे प्रशंसा के पात्र रहे हैं। जनता के बीच उनकी छवि एक ईमानदार, दृढ़ निश्चयी और ज़मीन से जुड़े नेता की रही है।
निजी जीवन में सादगी और पारिवारिक सहभागिता
गणेश सिंह का निजी जीवन काफी सादा है। वे हमेशा ज़मीनी स्तर पर काम करने और जनता से सीधे संवाद में विश्वास करते हैं। उनका अधिकांश समय सतना क्षेत्र में लोगों के बीच बीतता है। वे परिवार के साथ भी संतुलन बनाए रखते हैं और सामाजिक सरोकारों में परिवार की सहभागिता भी देखते हैं। गणेश सिंह का राजनीतिक सफर जनसेवा, संघर्ष और समर्पण से भरा हुआ है। उन्होंने ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक की यात्रा में कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। चार बार लोकसभा सदस्य बनना केवल चुनावी सफलता नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का प्रमाण है। सतना लोकसभा क्षेत्र में उनके विकास कार्य, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के प्रयास और सामाजिक भागीदारी की भावना उन्हें एक आदर्श जनप्रतिनिधि बनाती है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!