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पहले खाकी ने जमकर बरसाए डंडे! अब मंत्री दे रहे कार्रवाई का आश्वासन
Lucknow News: केजीएमयू में भर्ती एबीवीपी के सदस्यों से शिक्षा मंत्री मिले । कार्रवाई का आश्वासन दिया। उधर सर्कार से जुड़े लोग ही इन छात्रों को गुंडा बोल रहे हैं ।
Education Minister Yogendra Dwivedi Met To ABVP Students Beaten By Police During Protest
Lucknow News: बीते कुछ दिनों पहले छात्रों के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे एबीवीपी के सदस्यों को जिस तरह बेरहमी से पुलिस ने पीटा वह सबने देखा। लेकिन, अब सरकार इसपे उल्टा कार्रवाई कर शायद यह दिखाना चाह रही है की सरकार उन छात्र और छात्राओं के साथ है। जिनके साथ अन्याय हुआ। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस ने जो किया वह बिना सरकार के मर्जी के हुआ? और अगर नहीं, तो अब सरकार पुलिस समेत अन्य सरकारी कर्मियों पर कार्रवाई कर उस पर पर्दा क्यों डालना चाह रही है। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि जिस समय खाकी छात्रों के लिए हक की लड़ाई लड़ने वालों पर बेरहमी से लाठियां बरसा रही थी, उस समय सरकार के मंत्रियों और सरकारी अमले के अंदर का इंसान कहीं मर तो नहीं गया था। जोकि अब जिंदा हो गया है। जिसके कार्रवाई स्वरूप अचानक छात्रों के हक की बात की जाने लगी है। उसी क्रम में शुक्रवार को यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय भी केजीएमयू के शताब्दी-2 में भर्ती छात्र व एबीवीपी के सदस्यों की सेहत का हाल लेने पहुंचे। छात्रों ने मंत्री को चोटे खोलकर दिखाई इसके साथ ही पुलिस की बरबरता पूर्ण कार्रवाई के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
नौ घायल छात्रों को किया भर्ती
रामस्वरूप के छात्रों के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे एबीवीपी के छात्रों को पुलिस द्वारा लाठियों से पीटे जाने के बाद 9 घालय छात्रों को केजीएमयू के शताब्दी फेज-2 में भर्ती किया है। छात्रों ने बताया कि रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एलएलबी पाठ्यक्रम की मान्यता नवीनीकरण एवं अवैध वसूली को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने बेकसूर छात्रों की पिटाई शुरू कर दी। उच्च शिक्षा मंत्री ने मुलाकात के दौरान छात्रों ने मंत्री को वीडियो दिखाया। विस्तार से बताया कि किस प्रकार शांतिपूर्ण ढंग से अपनी समस्याएं उठाने पर भी उनके साथ बर्बरता की गई। पीड़ित छात्रों ने पैर, हाथ, पीठ व शरीर के दूसरे अंगो में लगी चोटों को भी दिखाया।
छात्रों से कहा हम आपके साथ हैं
मंत्री ने कहा कि सरकार छात्रों के साथ खड़ी है। उनके हितों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। घायल छात्रों को देखकर स्पष्ट है कि लाठीचार्ज पूरी तरह से अमानवीय और पाशविक कृत्य था। लिहाजा घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मंडलायुक्त को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उनके आधार पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा परिषद के सचिव दिनेश राजपूत की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इन घायलों को किया है भर्ती
पुष्पा, वंदिका, लक्ष्मी, अंकित, अंकुर, अभिषेक, नवीन, अनुराग व अभय को शताब्दी में भर्ती किया गया है।
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