Azamgarh News: भोजपुरी की पारंपरिक लोक संगीत एवं लोकनाट्य का 10 दिवसीय वर्कशॉप समारोह प्रारम्भ

Azamgarh News: पूर्वांचल की परंपरा में भारतीय लोक संस्कृति एवं भोजपुरी भाषा, कला संस्कृति और पारंपरिक संस्कार गीतों एवं लोक परंपराओं पर 10 दिवसीय वर्कशॉप की शुरुआत हुई।

Shravan Kumar
Published on: 14 Aug 2025 4:59 PM IST
days workshop on traditional folk music and folk theater of Bhojpuri starts
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भोजपुरी की पारंपरिक लोक संगीत एवं लोकनाट्य का 10 दिवसीय वर्कशॉप समारोह प्रारम्भ (Photo- Newstrack)

Azamgarh News: आजमगढ़ जनपद में गौरवशाली पूर्वांचल की परंपरा में भारतीय लोक संस्कृति एवं भोजपुरी भाषा, कला संस्कृति और पारंपरिक संस्कार गीतों एवं लोक परंपराओं पर 10 दिवसीय वर्कशॉप आम जन के सहयोग से भोजपुरिया संस्कृति को जिंदा रखते हुए अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के मुख्य संयोजक अरविंद चित्रांश के लेखन और निर्देशन में समारोह पूर्वक शुरुआत किया गया।

जिसमें संगीत का क्षेत्र भोजपुरी एवं अंग्रेजी के प्रख्यात विद्वान एवं साहित्यकार डॉ० राम नारायण तिवारी के संरक्षण और गंधर्व म्यूजिकल एकेडमी गाजीपुर के प्रभारी डॉं० डी०एन० पांडेय एवं शिवानी पांडेय के सहयोग से कार्यशाला की शुरुआत हुई।

पारंपरिक लोकगीतों एवं लोकनाट्य के वर्कशॉप में विशेष रूप से हारमोनियम पर डॉ. विद्यानिवास पाण्डेय, ढोलक पर शंकर झा, तबला पर उज्ज्वल दुबे, गायिका शिवानी पाण्डेय, श्वेता भारती, अलका गुप्ता, फरहीन नाज़, आकांशु विश्वकर्मा, कुसुम बिंद, विजय विश्वकर्मा, दीपक, आकाश, हर्ष, अमन, संजू और सुखनंदन मिश्रा आदि लगभग 50 लोग शामिल हैं।

भोजपुरी और अंग्रेजी के प्रख्यात विद्वान एवं साहित्यकार डॉ रामनारायण तिवारी ने कहा की भारतीय लोक संस्कृति और भोजपुरी भाषा, साहित्य एवं कला संस्कृति के सर्वांगीण विकास हेतु लगभग 30 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करने वाले मुख्य संयोजक अरविंद चित्रांश का पूरे पूर्वांचल के साथ देश-विदेश में प्रस्तुतिपरक कार्यशाला एवं आयोजन करते रहना बहुत ही सराहनीय कार्य है।

शोधकर्ताओं के लिए भोजपुरी संस्कृति के विशेषज्ञ डॉ० राज नारायण तिवारी द्वारा आयोजित लोक परंपराओं का पुनः प्रतिस्थापन,भारत और विदेश के आदिवासी और भोजपुरी संस्कृति के परिक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार और भोजपुरी महोत्सव- 23/24 अगस्त 2025 को गाजीपुर में आयोजित किया जा रहा है।

लोक परंपराओं को जिंदा रखने में भोजपुरी भाषा- भाषी कीउपस्थिति- उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में मजबूत उपस्थिति है।साथ ही मॉरीशस,सूरीनाम, फिजी, त्रिनिडाड और टोबागो तथा कैरेबियाई देशों में प्रवासी समुदायों के रूप में स्थापित हैं।

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