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Baghpat News: सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश, बड़ौत में व्यवस्था नदारद- आवारा कुत्तों का आतंक बरकरार
Baghpat News: शहर की गलियों और मोहल्लों में न तो पालिका कर्मियों की टीम नज़र आई और न ही कुत्तों को पकड़ने के उपकरण या वाहन दिखाई दिए।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश, बड़ौत में व्यवस्था नदारद- आवारा कुत्तों का आतंक बरकरार (Photo- Newstrack)
Baghpat News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और गलियों को आवारा कुत्तों से मुक्त कराने का आदेश देते हुए छह हफ्तों में 5,000 कुत्ते हटाने का लक्ष्य तय किया है। अदालत ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति या संगठन इस अभियान में बाधा डालेगा, तो उसे सीधे कोर्ट की अवमानना का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि आदेश के बाद भी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत नगर पालिका क्षेत्र में इस दिशा में कोई ठोस कदम उठता नहीं दिख रहा। शहर की गलियों और मोहल्लों में न तो पालिका कर्मियों की टीम नज़र आई और न ही कुत्तों को पकड़ने के उपकरण या वाहन दिखाई दिए।
बड़ौत नगर में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी) की सुविधा उपलब्ध नहीं है, और न ही कुत्ते पकड़ने के लिए प्रशिक्षित टीम मौजूद है। नतीजतन - गांधी रोड, रामबाग कॉलोनी, नेहरू रोड, शाहमल एनक्लेव, नई बस्ती, पट्टी चौधरान, दिलीप विहार और शताब्दी नगर जैसे क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
कुत्ता काटने के मामलों में बढ़ोत्तरी
कई बार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकला। जानकारी के मुताबिक, जिले में 300 से अधिक एंटी रेबीज इंजेक्शन प्रतिमाह लगाए जा रहे हैं जो बड़ौत, बिनौली, छपरौली, खेकड़ा समेत जिला अस्पताल बागपत में उपलब्ध हैं। इसके बावजूद, बढ़ते कुत्ता काटने के मामलों ने स्थानीय निवासियों में भय और नाराज़गी पैदा कर दी है।
वही इस मामले पर स्थानीय लोग मोनू जैन, गौरव तोमर, अशोक, बलबीर सिंह, टिंकू, विवेक कौशिक, बलजीत चौधरी आदि का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद थी कि प्रशासन तुरंत कार्रवाई करेगा, लेकिन अब तक सिर्फ आदेश कागज़ों में ही सिमटे हुए हैं। जनता अब इंतज़ार में है कि क्या बड़ौत में भी यह आदेश धरातल पर उतरेगा या हालात जस के तस बने रहेंगे।
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