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Baghpat News: सरकारी अस्पतालों में आपात स्थिति में नहीं मिल पाती आवश्यक दवाईयां
Baghpat News: चिकित्सकों के अनुसार दुर्घटना या फिर सड़क हादसों के बाद का पहला एक घंटा बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिसमें सही इलाज और प्रबंधन से ना सिर्फ मरीज की जान बचायी जा सकती है। बल्कि उसके शरीर के अंगों को खराब होने से बचाया जा सकता है।
World Emergency Medicine Day 2025 (photo: social media )
World Emergency Medicine Day 2025: सड़क हादसे के बाद अस्पताल पहुंचने में होने वाली देरी हो या फिर हार्ट अटैक के बाद सही समय इलाज मिलने में देरी। इस गोल्डन ऑवर में मरीज अस्पताल तो पहुँचा दिए जाते हैं, लेकिन उन्हें समय पर वे आवश्यक मेडिसिन नहीं मिल पाती जिनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। यही कारण है कि 90 फीसदी ऐसे आपातकाल में आये केस में मरीज को रेफर कर दिया जाता है।
आपात स्थिति में इलाज न मिले तो मरीज की जान पर बन आती है और होता भी ऐसा ही है। जिले में होने वाले सड़क हादसों, हार्ट अटैक के 80 फीसदी घायलों, मरीजों की मौत इसी गोल्डन ऑवर में इलाज न मिलने के कारण हो रही है। इसके चलते बड़ी संख्या में घायल या फिर मरीज की जान चली जाती है। चिकित्सकों के अनुसार दुर्घटना या फिर सड़क हादसों के बाद का पहला एक घंटा बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिसमें सही इलाज और प्रबंधन से ना सिर्फ मरीज की जान बचायी जा सकती है। बल्कि उसके शरीर के अंगों को खराब होने से बचाया जा सकता है। इस दौरान इमरजेंसी मेडिसिन का मिलना भी बेहद अहम होता है। कई मामलों में देखा गया है कि अस्पताल या फिर हेल्थ सेंटर पर मरीज सही समय पर तो पहुंच जाता है, लेकिन वहां उसके इलाज के लिए इमरजेंसी मेडिसिन भी नहीं होती हैं। जिले की सभी पीएचसी, सीएचसी पर 90 फीसदी केस रेफर किए जाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं के 80 फीसदी घायलों ने इलाज न मिलने के कारण दम तोड़ा है। इस साल अभी 20 मई तक 50 से ज्यादा लोगों ने अपने प्राण गंवाएं हैं। इनमे सड़क हादसों के मामले 99 फीसदी हैं। 25 में से 22 मौतें डेढ़ माह में हुई। इन सभी को गोल्डन ऑवर में इलाज नहीं मिल सका था।
कार्डिएक अरेस्ट के मामले में इमरजेंसी मेडिसिन सबसे अहम होती हैं। क्योंकि उस हालाम में मरीज को ठीक करने के लिए सिर्फ कुछ सेकेंड या फिर मिनट ही अहम होते हैं। मरीज को सीपीआर देने की तकनीक और जानकारी का भी अभाव है।
इमरजेंसी का एक घंटा ही सबसे अहम: डिप्टी सीएमओ डॉ विजय कुमार के अनुसार दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति के शरीर से काफी खून बह जाता है। ऐसे में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए खून के बहाव को तुरंत रोकना बहुत जरूरी होता है। इसलिए दुर्घटना के बाद का एक घंटा अहम होता है। डॉ. अनिल जैन के अनुसार हार्ट अटैक के दौरान मरीज के लिए शुरूआती कुछ समय बहुमूल्य होता है। यदि इस समय में हृदय की धड़कनों को नियंत्रित न किया जाए तो व्यक्ति को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
27 को मनाया जाता है इमरजेंसी मेडिसिन डे (Emergency Medicine Day)
विश्वभर में हर साल 27 मई को इमरजेंसी मेडिसन डे (Emergency Medicine Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया की आबादी और निर्णय निर्माताओं को आपातकालीन चिकित्सा और आपातकालीन चिकित्सा देखभाल के बारे में सोचने और बात करने के लिए एकजुट करना है। इस बार की थीम " आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता" रखी गई है।
सर्जन डॉ. दिनेश बंसल के अनुसार किसी भी गंभीर परिस्थिति में मरीज के लिए दुर्घटना के बाद का एक घंटा बेहद अहम होता है। इस समय में दिया गया इलाज उसकी जिंदगी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए इसे गोल्डन ऑवर कहा जाता है। अक्सर गोल्डन ऑवर का सही उपयोग नहीं हो पाता और अधिकांश लोग दुर्घटना के बाद दम तोड़ देते हैं। यह स्थिति हार्ट अटैक, स्ट्रोक सहित अन्य हैल्थ इमरजेंसी के दौरान भी होती है।
फैक्ट
सड़क हादसे जिनमे गोल्डन ऑवर के दौरान इलाज न मिलने से हुई मौतें:
माह मौतें
फरवरी 13
मार्च 15
अप्रैल 8
मई (20 तक) 11
ये हैं इमरजेंसी की दवाईयां:
नाम उपयोग
सॉर्बिट्रेट हृदयघात
टिंचर बेंजो बहता खून रोकना
पोवेडीन आयोडीन गहरा जख्म
ओनडानस्ट्रोन उल्टी
डेकसोना अचानक ऑक्सीजन की कमी होने पर/सांस लेने में दिक्कत
डिक्लोफेनिक दर्द निवारक
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