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Balrampur News: बलरामपुर में 33 साल पुराने मामले में आया फैसला, दो अभियुक्तों को 3 साल की सजा
Balrampur News: बलरामपुर में 33 साल पुराने दो मामलों में कोर्ट ने 5 को सजा सुनाई।
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Balrampur News: बलरामपुर जनपद में ऑपरेशन कनविक्शन के तहत न्यायालय ने 33 वर्ष पुराने मारपीट और गाली-गलौज के मामले में बुधवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने दो अभियुक्तों को तीन वर्ष का कठोर कारावास और प्रत्येक पर आठ हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। यह कार्रवाई पुलिस और अभियोजन टीम की प्रभावी पैरवी का नतीजा है।
मामला 19 अक्टूबर 1992 का है। वादी राम भवन द्विवेदी पुत्र स्वामी नाथ, निवासी मटियरिया, थाना गौरा चौराहा, बलरामपुर ने थाना गौरा चौराहा में लिखित तहरीर दी थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि पाटेश्वरी प्रसाद और माता प्रसाद, पुत्रगण गंगा प्रसाद निवासी मटियरिया, ने खतरनाक हथियार से मारपीट की और गाली-गलौज किया। इस पर थाना गौरा चौराहा में मुकदमा अपराध संख्या 87/92 धारा 323/324/504 आईपीसी के तहत दर्ज हुआ।मामले की विवेचना तत्कालीन उपनिरीक्षक राम सुमेर राय द्वारा की गई थी। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। लंबे विचारण के बाद अभियोजन पक्ष ने ठोस पैरवी की। इस दौरान अभियोजन अधिकारी आशा यादव, मॉनीटरिंग सेल प्रभारी बृजानंद सिंह और थाना गौरा चौराहा पुलिस टीम ने प्रभावी ढंग से पक्ष रखा।
सभी साक्ष्यों और गवाहों की सुनवाई के बाद माननीय CJSD/ACJM न्यायालय बलरामपुर ने अभियुक्त पाटेश्वरी प्रसाद और माता प्रसाद को दोषी करार दिया। अदालत ने दोनों को तीन साल का कठोर कारावास और प्रत्येक को आठ हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।इस फैसले को ऑपरेशन कनविक्शन की एक और बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से लंबित गंभीर मामलों में न्याय सुनिश्चित कराने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
खतरनाक हथियार से हमला करने वाले तीन अभियुक्तों को सात वर्ष की सजा
ऑपरेशन कनविक्शन के तहत जनपद बलरामपुर में न्यायालय ने 33 वर्ष पुराने एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। खतरनाक हथियार से हमला कर गंभीर चोट पहुँचाने के दोषी तीन अभियुक्तों को सात वर्ष का कठोर कारावास और प्रत्येक को 18 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 18 अक्टूबर 1992 की है। वादी मुकदमा पाटेश्वरी प्रसाद पुत्र गंगा प्रसाद निवासी मटियरिया थाना गौरा चौराहा, बलरामपुर ने थाने पर लिखित तहरीर दी थी। तहरीर में बताया गया कि विपक्षीगण द्वारिक प्रसाद, कृष्ण कुमार उर्फ बालकराम और रामभवन पुत्रगण स्वामी नाथ निवासी मटियरिया ने खतरनाक हथियारों से उस पर हमला किया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। घटना के दौरान गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी भी दी गई।
पीड़ित की शिकायत पर थाना गौरा चौराहा पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 87(A)/92 धारा 323, 324, 325, 326, 504, 506 आईपीसी के तहत दर्ज किया। इस मामले की विवेचना तत्कालीन उपनिरीक्षक राम सुमेर राय द्वारा की गई। विवेचना पूर्ण होने के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।लंबे विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने मामले को मजबूती से प्रस्तुत किया। अभियोजन अधिकारी आशा यादव, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी बृजानंद सिंह तथा थाना गौरा चौराहा पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी की गई। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने तीनों अभियुक्तों को दोषी पाया।
बुधवार को CJSD/ACJM बलरामपुर की अदालत ने अभियुक्तगण द्वारिक प्रसाद, कृष्ण कुमार उर्फ बालकराम और रामभवन को दोषी करार देते हुए सात वर्ष का कठोर कारावास और प्रत्येक पर 18 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ऑपरेशन कनविक्शन के अंतर्गत पुराने लंबित मामलों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रभावी पैरवी कराई जा रही है, ताकि अपराधियों को उनके कृत्यों की कड़ी सजा मिल सके और समाज में कानून का भय कायम रहे।
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