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Banda News: विधायक प्रकाश द्विवेदी के विरुद्ध रणभेदी में कूदे जिला पंचायत अध्यक्ष, अरबों रुपए की हेरा-फेरी के लगाए आरोप

Banda News: अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता कर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अरबों रुपए की हेरा-फेरी का आरोप लगा डाला।

Anwar Raza
Published on: 9 July 2025 12:51 PM IST
Banda News: विधायक प्रकाश द्विवेदी के विरुद्ध रणभेदी में कूदे जिला पंचायत अध्यक्ष, अरबों रुपए की हेरा-फेरी के लगाए आरोप
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Banda News: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल करोड़ों रुपए के घोटाले में आरोपित चल रहे हैं। विगत कई महीनों से अध्यक्ष सुर्खियों में हैं, लेकिन अब तक यह खुलकर मीडिया के सामने नहीं आए थे। लेकिन जब फाइनल जांच रिपोर्ट सुर्खियों में आई और एक बार फिर दोषी करार दिया गया, इसके बाद अध्यक्ष ने अपनी चुप्पी तोड़ी और प्रेस वार्ता कर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अरबों रुपए की हेरा-फेरी का आरोप लगा डाला। वहीं जिला पंचायत सदस्य भी पीछे नहीं रहे, जहां जयराम सिंह ने विधायक प्रकाश द्विवेदी पर विकास कार्य रोके जाने का आरोप लगाया और सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। वहीं महिला जिला पंचायत सदस्य मीराबाई पटेल ने विधायक प्रकाश द्विवेदी पर उनके गुर्गों द्वारा डराए-धमकाए जाने के आरोप लगा दिए।

जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने कहा कि सितंबर 2024 से उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसके बाद शिकायतों का दौर शुरू हुआ और मीडिया में उनकी जमकर छवि धूमिल की गई। लेकिन वह भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं और वे नहीं चाहते थे कि किसी तरह से भारतीय जनता पार्टी की बदनामी हो, इसलिए वह शांत बैठे हुए थे। लेकिन अब पानी सिर के ऊपर जा चुका है, इसलिए उन्हें सामने आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि विधायक प्रकाश द्विवेदी हठधर्मिता पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि उन पर जितने आरोप लगाए गए हैं, सब निराधार हैं। उन्होंने सारे कार्य नियम के तहत ही किए हैं। उन्होंने कहा कि सात नवंबर 2024 को उनके टेंडर रोके गए। वहीं पहली जांच रिपोर्ट 29 दिसंबर 2024 को सामने आई, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष कहीं दोषी नहीं पाए गए। इसके बाद उन्हें फंसाने के लिए स्पष्ट जांच रिपोर्ट की मांग की गई। इसके बाद प्रशासन विधायक के दबाव में लगातार उनके खिलाफ पक्षपाती जांच रिपोर्ट लगा रहा है।

वहीं उन्होंने इस जांच से न भागते हुए 2018 से जांच कराने की मांग कमिश्नर से की थी, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने सारे एविडेंस भी रखे थे, पर पूरा प्रशासन विधायक के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस जनरेटर की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोपी बनाया गया है, उसका भुगतान आज तक नहीं किया गया और उसकी जांच की मांग उन्होंने खुद अपने पत्र द्वारा की थी। उन्होंने कहा कि जिस टेंडर में आरोपित किया गया है, वह 2022 का है और वह टेंडर प्रक्रिया विधायक की मौजूदगी में हुई थी और उसके बाद वह कई बार बैठक में शामिल हो चुके हैं।

तब उन्होंने इसकी शिकायत क्यों नहीं की? अचानक तीन साल बाद उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का भूत कैसे सवार हो गया? उन्होंने कहा कि उनके पहले विधायक प्रकाश द्विवेदी की पत्नी सरिता द्विवेदी जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं और 2018-19-20-21 में भी टेंडर हुए थे। तब शासनादेश था कि 15% बढ़ोतरी के साथ ही टेंडर की प्रक्रिया की जाए, लेकिन तीन करोड़ 66 लाख रुपए की लागत वाला टेंडर घटाकर एक करोड़ 38 लाख में कर दिया जाता है और लगातार एक ही ठेकेदार को हर वर्ष टेंडर दिया जाता है। तब टेंडर की प्रक्रिया ऑफलाइन हुआ करती थी और शासन के विरुद्ध जाकर टेंडर दिया गया।

इतना ही नहीं, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता द्विवेदी के पति विधायक प्रकाश द्विवेदी ने 120 करोड़ रुपए के टेंडर में कूट रचित हस्ताक्षर कर विज्ञप्ति का अनुमोदन किया। वहीं जिला पंचायत के अंतर्गत चलने वाले कृषि विद्यालय में 11 भर्तियां कोर्ट रचित हस्ताक्षर के माध्यम से की गईं। उन्होंने कहा कि जो विधायक संविधान की कसम खाते हैं और संविधान का ढिंढोरा पीटते हैं, उसी के विरुद्ध जाकर संविधान की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति में माला तारने नहीं आया और न ही किसी की चमचागिरी करने आया हूं। मेरा विधायक प्रकाश द्विवेदी का साथ था और मैंने ईमानदारी से साथ निभाया है। लेकिन वह दबाव बनाकर और अपने इशारे में सब काम करना चाहते थे, जो कि मुझे मंजूर नहीं था।

उन्होंने विधायक और एसडीएम के बीच हुए विवाद का मुद्दा भी उठाया।साथ ही उन्होंने विधायक की भाषा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि 25 जनवरी 2025 को बोर्ड की बैठक हुई जिसमें प्रस्तावित बिंदु अपर मुख्य अधिकारी ने पढ़ कर सुनाया, लेकिन विधायक ने उनके साथ भी अभद्रता की, जिसका उन्होंने विरोध किया, पर विधायक ने वहां भी चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि अपनी बात पार्टी के सभी अधिकारियों तक उन्होंने पहुंचाई है, यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भी वह मिले थे और उन्होंने कार्रवाई का शासन दिया था, लेकिन नीचे के अधिकारी इतने बिगड़ चुके हैं कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

वे पूरी तरह से विधायक प्रकाश द्विवेदी के हाथ की कठपुतली बने हुए हैं। लेकिन अब रणभेदी बज चुकी है और अब उनकी जुबान कोई नहीं रोक सकता। वे खुलकर विधायक का सामना करेंगे और अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।वहीं जिला पंचायत सदस्य जयराम सिंह ने भी विधायक के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि टेंडर की प्रक्रिया विधायक द्वारा रोकी जा रही है, विकास कार्य रोके जा रहे हैं जो कि बिल्कुल गलत है। अगर एक हफ्ते के अंदर टेंडर प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित नहीं की जाती, तो सभी जिला पंचायत सदस्य इस्तीफा दे देंगे।

वहीं जिला पंचायत सदस्य मीराबाई भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने कहा कि उनकी भी विधायक प्रकाश द्विवेदी ने झूठी शिकायत की है कि उनके द्वारा सारे कार्य उनके पिता द्वारा कराए जा रहे हैं और भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसका विरोध करने पर लगातार विधायक प्रकाश द्विवेदी के गुर्गे उनका पीछा कर रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं। लेकिन सदस्य मीराबाई से जब धमकी देने वालों का नाम पूछा गया तो उन्होंने बताने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह जानती हैं पर किसी के नाम नहीं बताएंगी।

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Shalini singh

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