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Banda News: घंटों का काम मिनटों में कर रही ड्रोन तकनीक से किसानों को जोड़ना चुनौती, लक्ष्य के दायरे में मात्र 3 किसान
Banda News: कृषि विभाग की मानें फसलों में रसायनों का छिड़काव करने के लिए किसान को न्यूनतम 500 रुपए मजदूरी देनी होती है। दिन भर का समय जाया होता है।
घंटों का काम मिनटों में कर रही ड्रोन तकनीक से किसानों को जोड़ना चुनौती, लक्ष्य के दायरे में मात्र 3 किसान (Photo- Social Media)
Banda News: घंटों का काम मिनटों में अंजाम दे रही ड्रोन तकनीक से किसानों को जोड़ने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत है। फसलों में रसायनों के छिड़काव में बेहद कारगर और किफायती साबित हो रहे ड्रोन एक्स्ट्रा कमाई को भी रेडी हैं। लेकिन पते की यह बात, किसानों को समझाना शायद बाकी है। पिछले वर्ष बांदा जिले में महज दो किसानों ने ड्रोन योजना का लाभ लिया। इस वर्ष मात्र तीन किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ड्रोन से रसायन छिड़काव में धन और समय की बचत, एक्स्ट्रा कमाई भी संभव
कृषि विभाग की मानें फसलों में रसायनों का छिड़काव करने के लिए किसान को न्यूनतम 500 रुपए मजदूरी देनी होती है। दिन भर का समय जाया होता है। जबकि 300 रुपए में ड्रोन से 5 मिनट में एक एकड़ में रसायनों का छिड़काव संभव है। ड्रोन से किसान दूसरे की फसलों में रसायनों का छिड़काव कर एक्स्ट्रा लाभ अर्जित कर सकते हैं।
50 फीसद अनुदान, प्रशिक्षण और विशेष योजना जैसी कवायदें भी नाकाफी
लेकिन फायदेमंद ड्रोन तकनीक से किसानों को जोड़ना अभी भी चुनौती प्रतीत होता है। बावजूद इसके कि ड्रोन खरीद में किसानों को 50 फीसदी अनुदान की व्यवस्था है। सहकारी समितियां किसानों को ड्रोन चलाने और तकनीकी पहलुओं पर प्रशिक्षित करने का दावा करती नहीं अघाती। किसानों को सेवा प्रदाता तक बनाने की कवायद हो रही है। कृषि में तकनीक को बढ़ावा देने की मंशा से विशेष योजना चलाए जाने का भी खासा शोर है। लेकिन यह तमाम जतन कितने नाकाफी हैं, इसे बीते वर्ष महज 2 ड्रोन की बिक्री से सहज ही समझा जा सकता है। इस वर्ष सिर्फ तीन किसानों को ड्रोन बिक्री का लक्ष्य रखा गया है।
आगे बढ़ा विकसित कृषि संकल्प अभियान, गुरेह गांव बना उन्नत कृषि ग्राम
इधर, विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र ने मंगलवार को बड़ोखर खुर्द ब्लाक के 9 गांवों में कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को योजनाओं से अवगत कराने के साथ खेती-बाड़ी के जरूरी गुर सिखाए। गुरेह गांव को उन्नत कृषि ग्राम चयन किया गया। कृषि वैज्ञानिक डा. दीक्षा पटेल, डा. अमित कुमार सिंह और उप कृषि निदेशक विजय कुमार आदि ने विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
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