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Banda News: महिलाओं को मिला विधिक अधिकारों का ज्ञान, सुरक्षा और मातृत्व लाभ पर चर्चा

Banda News: अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्रीपाल सिंह ने शिविर की अध्यक्षता करते हुए मुफ्त कानूनी सहायता, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव, प्रत्येक महिला में सुरक्षा की भाव और पुरुषों के समान पारिश्रमिक आदि बिंदुओं को विस्तार से उकेरा।

Om Tiwari
Published on: 22 May 2025 4:01 PM IST
Legal awareness camp
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Legal awareness camp   (photo: social media )

Banda News: राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने गुरुवार को बड़ोखर खुर्द प्राथमिक चिकित्सालय में शिविर आयोजित कर महिलाओं को जागरूक किया। "महिलाओं की सुरक्षा, मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 और समान पारिश्रमिक अधिनियम 1978" के बाबत विस्तार से जानकारी दी गई।

ADJ श्रीपाल सिंह बोले- पीड़ित महिलाएं प्राधिकरण से फ़्री कानूनी सहायता की हकदार

अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्रीपाल सिंह ने शिविर की अध्यक्षता करते हुए मुफ्त कानूनी सहायता, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव, प्रत्येक महिला में सुरक्षा की भाव और पुरुषों के समान पारिश्रमिक आदि बिंदुओं को विस्तार से उकेरा। उन्होंने कहा, महिलाओं को कन्या भ्रूण हत्या, मानव तस्करी, पीछा करना, यौन शोषण, लिंग भेदभाव और बलात्कार जैसे अत्याचारों का शिकार होना पड़ता है। असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत और घरेलू काम वाली महिलाएं निशाना बनती हैं। इस सबसे दो-चार महिलाएं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर मुफ्त कानूनी सहायता हासिल कर सकती हैं। महिलाओं को फैक्ट्री अधिनियम 1976 एवं मातृत्व लाभ से भी अवगत कराया गया।

डा. दीपक ने आत्मसुरक्षा और सुमन शुक्ला ने विविध योजनाओं पर डाला प्रकाश

डा. दीपक यादव ने आत्मसुरक्षा से जुड़ी योजनाएं बताईं। बैंक सखी, उज्जवला, मातृत्व एवं शिशु हित लाभ और शादी अनुदान आदि से भी अवगत कराया। पराविधिक स्वयंसेवक सुमन शुक्ला ने कहा, महिला सशक्तिकरण के लिए आत्मचिंतन एवं स्व निर्णय की शक्ति आवश्यक है। महिलाओं को नकारात्मक स्थितियों से बचने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकार महिलाओं के कल्याण को समर्पित हैं। निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला और जननी सुरक्षा आदि योजनाएं इसी समर्पण का हिस्सा हैं। सुमन ने कहा, माता-पिता और अध्यापक-अध्यापिकाओं को बच्चों को बैड टच के बारे में भी संजीदगी से बताना चाहिए। जिससे कि वे बड़े अनिष्ट से बच सके। पीड़ित महिलाओं, बालिकाओं की निःशुल्क काउन्सलिंग की जाती है। उन्होंने धारा 125 सीआरपीसी अंतर्गत भरण-पोषण एवं दाम्पत्य जीवन को बचाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मध्यस्थता की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

रमा साहू बोलीं- व्यभिचार और अश्लील आदि कृत्यों की तुरंत शिकायत दर्ज कराना जरूरी

वन स्टाप सेंटर प्रबंधक रमा साहू ने कहा, महिलाओं को व्यभिचार या अश्लील कृत्य की शिकायत तुरंत दर्ज करानी चाहिए। चूंकि महिला आयोग में ऐसी शिकायतें अधिक होती हैं, लिहाजा महिलाओं को अपनी शिकायत में स्पष्टता पर ध्यान देना चाहिए। रमा साहू ने महिला हेल्प लाइन 181 के जरिए सुरक्षा प्राविधानों पर भी प्रकाश डाला।

आंगनबाड़ियों और स्टाफ के अलावा शिविर में बड़ी संख्या में जुटी महिलाएं

शिविर में आलोक तिवारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री उर्मिला, निशा यादव, कविता, मुन्नी देवी और अभिलाषा और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के डीईओ राशिद अहमद समेत बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। संचालन सुमन शुक्ला ने किया।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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