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Barabanki News : छठ महापर्व की धूम: बाराबंकी में बाजारों में उमड़ी भीड़, घाटों पर सजी रोशनी
Barabanki News : बाराबंकी में छठ महापर्व की धूम, बाजारों में श्रद्धालुओं की भीड़ और घाटों पर सजावट से गूंज उठा शहर।
Barabanki Chhath Puja 2025 ( Image From Social Media )
Barabanki News : जिले में छठ महापर्व को लेकर जबरदस्त उत्साह का माहौल है। सुबह से ही महिलाओं की भीड़ पूजा-सामग्री की खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़ पड़ी। नगर के प्रमुख बाजार—फैजाबाद रोड, देवा रोड, सदर बाजार और मोहम्मदपुर खाला में सूप, डलिया, नारियल, गन्ना, केले, सेब, मिठाई और दीपक बेचने वाले दुकानदारों की दुकानें और ठेले सजे दिखाई दे रहे हैं। बाजारों में महिलाओं की रौनक देखते ही बन रही है। जगह-जगह छठी मइया के गीतों की गूंज माहौल को भक्तिमय बना रही है। महिलाएं पूजा की टोकरी और थालियां सजाने में जुटी हैं, वहीं दुकानदारों के चेहरों पर भी ग्राहकों की भीड़ से खुशी झलक रही है।
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मइया की उपासना का पर्व है। मान्यता है कि सूर्य को अर्घ्य देने से परिवार में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और संतान की दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। व्रती महिलाएं कठोर नियमों का पालन करते हुए चार दिन तक व्रत रखती हैं। इस दौरान वे निर्जला रहकर कमर तक पानी में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं और परिवार की मंगलकामना करती हैं।छठ पर्व को लेकर नगर पंचायत और ग्राम पंचायतें जिले के विभिन्न घाटों पर सफाई और सजावट का कार्य तेजी से कर रही हैं। देवा रोड स्थित हरख तालाब, कोटवा धार, सफेदाबाद, मसौली और मोहम्मदपुर खाला के प्रमुख घाटों पर रोशनी और सजावट की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन भी सतर्क है। नगर पंचायत कर्मी घाटों की सफाई में जुटे हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।छठ पूजा के लिए महिलाएं आमतौर पर सूप, डलिया, गन्ना, नारियल, फल (सेब, केला, नारंगी), मिठाई, दीपक, अगरबत्ती, चुनरी, कलश और दूध की खरीदारी करती हैं। बाजारों में हर जगह यही दृश्य देखने को मिला। कई स्थानों पर महिलाएं सूप और डलिया को रंग-बिरंगी चुनरियों से सजा रही थीं।
घरों में छठ प्रसाद की तैयारियां जोरों पर हैं। महिलाएं ठेकुआ, रसीया, गुड़ और चावल से बने पकवान तैयार कर रही हैं। घरों से उठती खुशबू और गीतों की धुन माहौल को और भी पवित्र बना रही है। छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने वाला पर्व भी है। इस पर्व में सादगी, पवित्रता और सामूहिकता की भावना झलकती है। महिलाएं सूर्य देव की उपासना के साथ जल, वायु और अग्नि जैसे पंचतत्वों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करती हैं।इस समय बाराबंकी की गलियों और मोहल्लों में छठी मइया के गीतों की गूंज सुनाई दे रही है। घाटों की ओर जाते श्रद्धालु और खरीदारी करती महिलाएं जिले को पूरी तरह छठमय बना चुकी हैं। छठी मइया के जयकारों से गूंज उठा बाराबंकी।
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