मुझे ‘कुछ’ हुआ....तो नौकरी मत करना, इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी ने निभायी कसम; बोलींः न्याय मिल गया

Bulandshahr Syana Violence: शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी ने कहा कि कोर्ट से मिले न्याय से हम संतुष्ट हैं। आखिरकार हमले न्याय मिल गया। इस मौके पर भावुक होते हुए रजनी सिंह ने पति से किये गये वादे के बारे में बताया।

Shishumanjali kharwar
Published on: 2 Aug 2025 1:13 PM IST
Bulandshahr Syana Violence
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Bulandshahr Syana Violence: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के स्याना हिंस पर न्यायालय के निर्णय पर शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने संतुष्टि जतायी है। शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी ने कहा कि कोर्ट से मिले न्याय से हम संतुष्ट हैं। आखिरकार हमले न्याय मिल गया। इस मौके पर भावुक होते हुए रजनी सिंह ने पति से किये गये वादे के बारे में बताया।

रजनी सिंह ने कहा कि उनके पति ने कहा था कि अगर कुछ भी मुझे हो जाए तो फिर कभी भी पुलिस की नौकरी मत करना। उन्होंने अपने पति से किया हुआ वादा पूरा किया। उन्होंने न ही खुद पुलिस की नौकरी की और न ही अपने दोनों बेटों को ही पुलिस की नौकरी करवाई। उल्लेखनीय है कि जिला न्यायालय ने स्याना के पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के हिंसा में शहीद होने के मामले में पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पिता भी हुए थे शहीद

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के एटा के तरगवां गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी रजनी सिंह ने बताया कि उनके ससुर रामप्रताप सिंह राठौर भी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे और शहीद हो गये थे। पिता के शहीद हो जाने के बाद पति को मृतक आश्रित में सब इंस्पेक्टर बनाया गया था। साल 2018 में बुलंदशहर के स्याना हिंसा में सुबोध कुमार सिंह भी शहीद हो गए। अब उनकी पत्नी रजनी सिंह दोनों बेटों के साथ नोएडा में रहती हैं। उनके बड़े बेटे श्रेय सिंह राठौर मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर हैं। वहीं छोटे बेटे अभिषेक सिंह राठौर दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं।

स्याना हिंसा में एक युवक की भी हुई थी मौत

बुलंदशहर के स्याना हिंसा के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत हुई थी। तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से चिंगरावठी गांव के रहने वाले सुमित की जान चली गयी थी। सुमित के पिता अमरपाल का कहना है कि उनका बेटा बिना वजह ही मारा गया। उन्होंने सरकार से कई बार मामले की सीबीआई जांच की मांग की, लेकिन न्याय नहीं मिला। इस मामले में कोर्ट का अब जो भी फैसला आया हो लेकिन उनका बेटा तो बेवजह ही चला गया। बेटे की याद में उन्होंने उसकी प्रतिमा भी बनवाई है।

प्रतिबंधित पशु के शव मिलने के बाद हुआ था बवाल

तीन दिसंबर 2018 को स्याना थाना क्षेत्र के चिंगरावटी और महाव गांव के पास प्रतिबंधित पशु के शव मिलने पर हिंसा भड़क गयी थी। हिंदूवादी संगठनों ने चिंगरावठी चौकी के सामने हंगामा किया। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, लेकिन स्थिति अनियंत्रित हो गयी और पत्थरबाजी शुरू हो गयी। हिंसा के दौरान चिंगरावठी पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया गया और कई वाहनों को जला दिया गया। इस हिंसा में तत्कालीन स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी।

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Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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