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Chandauli News:छोटे गांव,बड़े सपने:शिक्षा से रोशन होता नौगढ़
Chandauli News: नौगढ़ के खंड विकास अधिकारी अमित कुमार का हालिया औचक निरीक्षण, इसी उम्मीद की एक किरण लेकर आया।
Chandauli News
Chandauli News: चंदौली के सुदूर वनांचल में स्थित नौगढ़, एक ऐसा क्षेत्र जहाँ प्रकृति की गोद में पलता जीवन अपनी ही धुन में बहता है। यहाँ की पगडंडियाँ, कलकल करती नदियाँ और घने वृक्षों से छनकर आती धूप, सब कुछ एक अलग ही कहानी बयाँ करते हैं। लेकिन इस नैसर्गिक सौंदर्य के बीच, शिक्षा का दीप जलाना एक चुनौती भरा कार्य है, जहाँ हर बच्चे के मन में उम्मीदों के बीज बोना ही सबसे बड़ा लक्ष्य है।
नौगढ़ के खंड विकास अधिकारी अमित कुमार का हालिया औचक निरीक्षण, इसी उम्मीद की एक किरण लेकर आया। उनका कदम जब लौवारी कला ग्राम पंचायत के गोड़टूटवा गाँव स्थित प्राथमिक विद्यालय की दहलीज पर पड़ा, तो वहाँ का शांत वातावरण एक नई ऊर्जा से भर उठा। यह सिर्फ एक सरकारी अधिकारी का दौरा नहीं था, बल्कि उन मासूम जिंदगियों के करीब जाने का एक प्रयास था, जो अभी तक अपनी दुनिया के छोटे से दायरे में सिमटी हुई थीं।
एक छात्रा का शिक्षक बनने का सपना
निरीक्षण के दौरान, कक्षा पाँच की एक छात्रा, आरती, ने अपनी नन्हीं आँखों में बड़े सपने संजोए अधिकारी महोदय के समक्ष अपनी इच्छा व्यक्त की। उसने कहा, "बड़ी होकर मैं टीचर बनना चाहती हूँ।" आरती के ये सरल शब्द, जो शायद उसने अनजाने में कहे होंगे, इस क्षेत्र की मार्मिक स्थिति को रेखांकित करते हैं। जहाँ अभावों के बावजूद, बच्चों के मन में कुछ कर गुजरने की ललक है, एक बेहतर कल की चाह है। यह सिर्फ आरती का सपना नहीं, बल्कि इस वनांचल के हर उस बच्चे की आकांक्षा है जो शिक्षा के प्रकाश से अपने जीवन को रोशन करना चाहता है। यह एक मार्मिक पुकार है, जो व्यवस्था से एक मजबूत हाथ थामने की अपील करती है।
संख्याएँ जो कहानी कहती हैं
विद्यालय की पंजीकृत छात्र संख्या 39 है, जिसमें से निरीक्षण के दिन 28 छात्र उपस्थित थे। यह आँकड़ा, भले ही एक सामान्य संख्या लगे, पर इस क्षेत्र के संदर्भ में इसका गहरा अर्थ है। दूर-दराज के गाँवों से बच्चों का स्कूल तक पहुँचना, नियमित रूप से पढ़ाई करना, यह अपने आप में एक उपलब्धि है। यह शिक्षकों के समर्पण और अभिभावकों की जागरूकता को दर्शाता है। यह दिखाता है कि शिक्षा की लौ, भले ही धीमी गति से, पर जल रही है और अपने आसपास के अँधेरे को कम कर रही है।
समर्पित शिक्षकों की उपस्थिति
निरीक्षण के दौरान विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षामित्र मौजूद पाए गए। यह एक सुखद संकेत है। किसी भी विद्यालय की सफलता में शिक्षकों की भूमिका सर्वोपरि होती है। उनका नियमित आगमन और शिक्षण के प्रति उनका समर्पण ही बच्चों के भविष्य को आकार देता है। यह स्थिति नौगढ़ जैसे पिछड़े क्षेत्र में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जहाँ शिक्षकों को अक्सर अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनकी उपस्थिति सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी का निर्वहन है, एक प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
मिड-डे मील: पोषण और स्वच्छता
मिड-डे मील की गुणवत्ता और साफ- सफाई का भी निरीक्षण किया गया। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पोषण अत्यंत आवश्यक है, और मिड-डे मील योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साफ-सफाई का ध्यान रखना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। इन पहलुओं पर ध्यान देना यह सुनिश्चित करता है कि विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण भी प्रदान कर रहा है।
अमित कुमार का यह औचक निरीक्षण केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि नौगढ़ के प्राथमिक विद्यालयों की वास्तविक स्थिति को समझने और उसमें सुधार लाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल थी। यह एक सुखद तस्वीर पेश करता है, जहाँ छोटी सी आरती का बड़ा सपना, शिक्षकों का समर्पण और एक अधिकारी की पहल, सब मिलकर इस वनांचल में शिक्षा की ज्योति को और प्रज्वलित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह उम्मीद की एक किरण है, जो बताती है कि अभावों के बीच भी सपनों को पंख मिल सकते हैं, और हर बच्चा एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ सकता है।
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