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Chandauli News: नौगढ़ की आशा बहुओं का दर्द: बदहाल जिंदगी और अनसुनी दास्तान
Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के अति पिछड़े और वनांचल क्षेत्र नौगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कही जाने वाली आशा बहुएं गुमनाम नायिकाओं की तरह जीवन जी रही हैं।
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Chandauli News: विकास से कोसों दूर, उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के अति पिछड़े और वनांचल क्षेत्र नौगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कही जाने वाली आशा बहुएं गुमनाम नायिकाओं की तरह जीवन जी रही हैं। अपनी बदहाल जिंदगी की दास्तान सुनाते हुए, उनकी आंखों में एक तरफ कर्तव्यनिष्ठा झलकती है, तो दूसरी तरफ अपनी अनदेखी और मुश्किलों का गहरा दर्द साफ दिखाई देता है। बिना किसी निश्चित वेतन या संतोषजनक मानदेय के, ये महिलाएं दिन-रात दुर्गम रास्तों पर चलकर स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का काम करती हैं।
मीटिंग के नाम पर उत्पीड़न
आशा बहुओं का कहना है कि उन्हें आए दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) नौगढ़ में मीटिंग के लिए बुलाया जाता है। दूर-दराज के गांवों से, अक्सर बिना कुछ खाए-पिए, वे पैदल ही सुबह मुख्यालय पहुंचती हैं। यहां उन्हें नाश्ता तो दूर, पीने के लिए पानी भी नसीब नहीं होता।
डॉक्टर भी फेल, इतना काम!
इन आशा बहुओं के कंधों पर इतना काम है कि कई बार तो डॉक्टर भी हैरान हो जाएं। टीकाकरण से लेकर गर्भवती महिलाओं की देखभाल, नवजात शिशुओं की निगरानी से लेकर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को घर-घर तक पहुंचाना, हर जिम्मेदारी इन्हीं महिलाओं पर टिकी है।
मानदेय की सुध लेने वाला कोई नहीं
हर तरह के कार्य के लिए तो आशा बहुओं को आगे किया जाता है, मगर जब बात उनके मानदेय या वेतन की आती है, तो कोई भी उनकी सुध लेने वाला नहीं दिखता। वे अपनी बदहाल जिंदगी को जैसे-तैसे काट रही हैं, उम्मीद भरी निगाहों से किसी ऐसे सहारे की तलाश में जो उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मान दे सके। उनकी यह अनसुनी दास्तान नौगढ़ के वनांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को बयां करती है, जहां ये महिलाएं सीमित संसाधनों और अनदेखी के बावजूद अपना कर्तव्य निभा रही हैं।
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