Chandauli News: रिटायर्ड कर्मी के खाते से 17 लाख की धोखाधड़ी: दो गिरफ्तार

Chandauli News: आरोपियों ने पीड़ित के खाते से धोखे से एटीएम कार्ड हासिल करके यह बड़ी रकम निकाली थी।

Sunil Kumar
Published on: 30 Aug 2025 5:04 PM IST
Chandauli News: रिटायर्ड कर्मी के खाते से 17 लाख की धोखाधड़ी: दो गिरफ्तार
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रिटायर्ड कर्मी के खाते से 17 लाख की धोखाधड़ी  (photo : social media )

Chandauli News: चंदौली पुलिस ने एक रिटायर्ड कर्मी के खाते से 17 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पीड़ित के खाते से धोखे से एटीएम कार्ड हासिल करके यह बड़ी रकम निकाली थी। यह घटना धानापुर थाना क्षेत्र के तहत हुई थी।

कैसे हुई थी यह धोखाधड़ी?

पीड़ित इंद्रजीत, जो धानापुर के निवासी हैं, के खाते में उनके रिटायरमेंट के 17 लाख रुपये जमा थे। किसी अज्ञात व्यक्ति ने धोखाधड़ी करके उनका एटीएम कार्ड हासिल कर लिया और इस पूरे पैसे को निकाल लिया। इस घटना के बाद इंद्रजीत ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर धानापुर थाने में धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। अपर पुलिस अधीक्षक अनंत चंद्रशेखर और क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी की देखरेख में, धानापुर थाना प्रभारी शरद गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया।

पुलिस जांच और आरोपियों की पहचान

पुलिस टीम ने मामले की गहनता से जांच की। बैंक स्टेटमेंट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की मदद से दो संदिग्धों का नाम सामने आया: रविकांत और नितिन कुमार दिव्यांत।

जब पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया, तो वे टालमटोल करने लगे। लेकिन, पुलिस ने जब सभी सबूत उनके सामने रखे, तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

आरोपियों ने कैसे की थी ठगी?

पूछताछ के दौरान रविकांत ने बताया कि उसने एक सिम कार्ड मनतेरस नाम के एक सिम विक्रेता से लिया था। मनतेरस ने उसे बताया कि वीरेंद्र कुमार नाम का एक व्यक्ति एसबीआई बैंक में क्रेडिट कार्ड बनाने का काम करता है और उसे एक सिम की जरूरत है। मनतेरस ने रविकांत को पैसे कमाने का लालच दिया और रविकांत ने अपना सिम उसे दे दिया। बदले में उसे तुरंत 2000 रुपये मिले।

वहीं, दूसरे आरोपी नितिन कुमार दिव्यांत ने बताया कि उसके मामा का घर वीरेंद्र कुमार उर्फ बुलु के घर के पास था। वीरेंद्र, जो एसबीआई बैंक में काम करता था, ने उसे इंद्रजीत के नाम का एटीएम कार्ड दिया। वीरेंद्र ने उसे बताया कि उसने इंद्रजीत के खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को धोखे से बदल दिया है और अब एटीएम से पैसे निकालने पर कोई नहीं पकड़ेगा। वीरेंद्र ने नितिन को 40% हिस्सा देने का लालच दिया।

इस लालच में आकर नितिन ने कई जगहों से पैसे निकाले। उसने सकलडीहा, मुगलसराय, बलुआ, वाराणसी के साथ-साथ राजस्थान और पश्चिम बंगाल में भी एटीएम का इस्तेमाल किया। वह हर दिन 40,000 रुपये की सीमा तक पैसे निकालता था और करीब चार महीने में उसने पूरा 17 लाख रुपये निकाल लिया। इस काम के लिए उसे करीब 3.60 लाख रुपये मिले, जो उसने अपने खाने-पीने, मौज-मस्ती, एक स्कूटी और फ्रिज खरीदने में खर्च कर दिए। बाकी सारा पैसा वीरेंद्र ने ले लिया।

पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि हमें अपने बैंकिंग लेनदेन में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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