Chandauli News: अपराधियों की अब खैर नहीं, 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत 5 दोषियों को हुई सज़ा

Chandauli News: इन 5 अपराधियों को 3 साल की जेल और ₹17,200 का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से कुछ को जेल में बिताई गई अवधि के बराबर की सज़ा भी मिली है।

Sunil Kumar
Published on: 4 Sept 2025 10:53 PM IST (Updated on: 4 Sept 2025 10:57 PM IST)
Chandauli News: अपराधियों की अब खैर नहीं, ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत 5 दोषियों को हुई सज़ा
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'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत 5 दोषियों को हुई सज़ा   (photo: social media )

Chandauli News: 'ऑपरेशन कन्विक्शन' के तहत, उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुँचाने के लिए एक निर्णायक अभियान चला रही है। इस अभियान में, पुलिस द्वारा की गई वैज्ञानिक जाँच, सबूतों के सटीक संग्रह और सरकारी वकील की प्रभावशाली पैरवी की बदौलत, 4 सितंबर 2025 को चंदौली में 5 दोषियों को सज़ा सुनाई गई। कुल मिलाकर, इन 5 अपराधियों को 3 साल की जेल और ₹17,200 का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से कुछ को जेल में बिताई गई अवधि के बराबर की सज़ा भी मिली है। इन सभी मामलों में पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे और अपर पुलिस अधीक्षक अनन्त चन्द्रशेखर की देखरेख में मॉनिटरिंग सेल प्रभारी निरीक्षक मुकेश तिवारी, सहायक लोक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) विपिन कुमार और विजेता सिंह के साथ-साथ पुलिस के पैरोकारों की विशेष भूमिका रही।

ऑपरेशन कन्विक्शन: अपराध पर निर्णायक प्रहार

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर शुरू किया गया "ऑपरेशन कन्विक्शन" एक विशेष अभियान है, जिसका मुख्य उद्देश्य जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को जल्दी से जल्दी सज़ा दिलाना है। इस अभियान के तहत पुलिस की वैज्ञानिक विवेचना, साक्ष्य संकलन, और सरकारी वकील की प्रभावी पैरवी से न्यायपालिका की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। इसका सीधा असर अपराधियों पर हो रहा है, क्योंकि अब उन्हें अपने अपराधों के लिए तुरंत और निश्चित सज़ा मिल रही है।

विभिन्न मामलों में सज़ा का विवरण

4 सितंबर 2025 को, चंदौली जिले की अदालतों में विभिन्न मामलों में कुल 5 दोषियों को सज़ा सुनाई गई। यह कार्रवाई पुलिस की कड़ी मेहनत और न्याय प्रक्रिया के समन्वय का परिणाम है।

एनडीपीएस एक्ट के तहत सज़ा

अपराधी: बसंत हलवाई (निवासी- जमालपुर, मिर्ज़ापुर)

अपराध: 4 दिसंबर 2006 को अलीनगर थाने में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सज़ा: न्यायिक मजिस्ट्रेट चंदौली ने बसंत हलवाई को जेल में बिताई गई अवधि के बराबर की सज़ा और ₹4,000 का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर 3 दिन की अतिरिक्त जेल होगी।

प्रभावी टीम: इस मामले में अलीनगर थाने के पैरोकार कांस्टेबल संजीत कुमार की अहम भूमिका रही।

गोवध अधिनियम के तहत सज़ा

अपराधी: शांता (निवासी- पडहवा, नौगढ़)

अपराध: 5 जून 2004 को चकिया थाने में गोवध निवारण अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था।

सज़ा: अपर सिविल जज/जेएम चकिया, यज्ञेश कुमार सोनकर ने शांता को जेल में बिताई गई अवधि के बराबर की सज़ा और ₹1,200 का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर 3 दिन की अतिरिक्त जेल होगी।

प्रभावी टीम: इस मामले में चकिया थाने के पैरोकार कांस्टेबल दुर्गेश कुमार यादव की प्रभावी पैरवी रही।

वन अधिनियम के तहत 2 दोषियों को सज़ा

अपराधी: अरसद और रामचंद्र (दोनों निवासी- पुरानी चकिया)

अपराध: 16 नवंबर 2000 को चकिया थाने में वन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं 379 और 411 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सज़ा: सिविल जज/जेएम चकिया, श्री कुंवर जितेंद्र प्रताप सिंह ने दोनों दोषियों को 2-2 दिन की जेल और प्रत्येक पर ₹4,000 का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर 2 दिन की अतिरिक्त जेल होगी।

प्रभावी टीम: इस मामले में भी चकिया थाने के पैरोकार कांस्टेबल दुर्गेश कुमार यादव ने विशेष योगदान दिया। आईपीसी की धाराओं के तहत 3 साल की सज़ा

अपराधी: रामआसरे (निवासी- दूबेपुर, चकिया)

अपराध: 5 नवंबर 1995 को चकिया थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452, 468, और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सज़ा: सिविल जज/जेएम चकिया, कुंवर जितेंद्र प्रताप सिंह ने रामआसरे को 3 साल की जेल और ₹8,000 का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर 15 दिन की अतिरिक्त जेल होगी।

प्रभावी टीम: इस मामले में भी चकिया थाने के पैरोकार कांस्टेबल दुर्गेश कुमार यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुलिस और न्यायपालिका के बीच समन्वय

इन सभी मामलों में, ऑपरेशन कन्विक्शन की सफलता पुलिस और न्यायपालिका के बीच मजबूत समन्वय को दर्शाती है। पुलिस अधिकारियों, मॉनिटरिंग सेल के कर्मचारियों, और सरकारी वकीलों ने मिलकर काम किया। विशेष रूप से, मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी मुकेश तिवारी, एपीओ विपिन कुमार और विजेता सिंह, तथा पैरोकार संजीत कुमार और दुर्गेश कुमार यादव ने ठोस सबूत और गवाहों के बयानों को सही तरीके से पेश करके यह सुनिश्चित किया कि अपराधियों को उनके किए की सज़ा मिले।

चंदौली पुलिस का यह अभियान एक मिसाल कायम कर रहा है कि कैसे संगठित और सुनियोजित प्रयास से न्याय की प्रक्रिया को तेज़ और प्रभावी बनाया जा सकता है। यह अपराधियों के मन में डर पैदा करेगा और समाज में कानून के शासन को मज़बूत करेगा।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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