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Chandauli News: अपराध पर लगामः ’ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत तीन मामलों में 6 दोषियों को मिली सज़ा
Chandauli News: चंदौली के मुगलसराय थाना क्षेत्र में साल 1995 में दर्ज एक गंभीर मामले में, जिसमें धारा 147, 148, 323, 504, 506, और 452 के तहत आरोप थे, चार अभियुक्तों को सज़ा सुनाई गई है।
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Chandauli News: उत्तर प्रदेश में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए शुरू किया गया ’ऑपरेशन कन्विक्शन’ एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है। इसी क्रम में, चंदौली पुलिस की वैज्ञानिक विवेचना, सटीक साक्ष्य संकलन, और लोक अभियोजकों की सशक्त पैरवी की बदौलत तीन अलग-अलग मामलों में कुल छह दोषियों को अदालत से सज़ा मिली है। यह अभियान न केवल अपराधियों के मन में डर पैदा कर रहा है, बल्कि न्याय व्यवस्था पर जनता के विश्वास को भी मजबूत कर रहा है।
28 साल पुराने मामले में चार दोषियों को सज़ा
चंदौली के मुगलसराय थाना क्षेत्र में साल 1995 में दर्ज एक गंभीर मामले में, जिसमें धारा 147, 148, 323, 504, 506, और 452 के तहत आरोप थे, चार अभियुक्तों को सज़ा सुनाई गई है। अभियुक्तों रामप्यारे यादव, राधेश्याम, रामजनम यादव, और रमेश यादव को न्यायालय उठने तक की सज़ा के साथ-साथ 2,200 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यदि वे अर्थदंड का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें तीन दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में, मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी निरीक्षक मुकेश तिवारी, सहायक लोक अभियोजक विजय कुमार पाण्डेय, और थाने के पैरोकार राजेश राय की प्रभावी पैरवी ने अहम भूमिका निभाई।
आर्म्स एक्ट के दोषी को सज़ा
धीना थाना क्षेत्र में साल 2004 में आर्म्स एक्ट (धारा 4/25) के तहत दर्ज एक अन्य मामले में, अभियुक्त शशिकांत को न्यायालय उठने तक की सज़ा और 1,500 रुपये का अर्थदंड दिया गया। अर्थदंड न अदा करने पर, उसे तीन दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले की सफल पैरवी में मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी निरीक्षक मुकेश तिवारी, सहायक लोक अभियोजक विजय कुमार पाण्डेय, और थाने के पैरोकार मनीष कुमार गुप्ता का योगदान सराहनीय रहा।
गोवंश अधिनियम के तहत भी एक दोषी को सज़ा
बलुआ थाना क्षेत्र में साल 2004 में गोवध निवारण अधिनियम (धारा 3/5ए/8) और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (धारा 11) के तहत दर्ज मामले में, अभियुक्त लालबहादुर को जेल में बिताई गई 30 दिन की अवधि की सज़ा और 1,500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया। यदि वह अर्थदंड नहीं भरता है, तो उसे सात दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में भी, मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी निरीक्षक मुकेश तिवारी, सहायक लोक अभियोजक विजय कुमार पाण्डेय, और थाने के पैरोकार बृजेश सरोज की मेहनत रंग लाई। ’ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत, पुलिस की वैज्ञानिक और सटीक जांच, साक्ष्यों का प्रभावी संकलन, और न्यायालय में मजबूत पैरवी के कारण चंदौली में न्याय प्रक्रिया को गति मिली है। यह पहल अपराधियों को कठोर संदेश दे रही है कि कानून से कोई बच नहीं सकता।
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