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Chandauli News: आखिर इतना बवाल क्यों? क्या डॉक्टरों को खुश होने का हक नहीं?*
Chandauli News: वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने सवाल उठाया कि क्या एक चिकित्सक को अपनी ज़िंदगी जीने का हक नहीं है? क्या उन्हें हंसने या नाचने की भी अनुमति नहीं है?
Chandauli News
Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के सदर अस्पताल में हाल ही में एक एएनएम के सेवानिवृत्त होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अस्पताल के एक चिकित्सक का संगीत पर नृत्य करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद से ही तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। जहां कुछ लोगों ने इस निजी पल को सार्वजनिक करने पर सवाल उठाए हैं, वहीं कई बुद्धिजीवियों ने भी इस घटना पर अपनी राय रखी है।
हंसना और नाचना भी गुनाह है क्या?
वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने सवाल उठाया कि क्या एक चिकित्सक को अपनी ज़िंदगी जीने का हक नहीं है? क्या उन्हें हंसने या नाचने की भी अनुमति नहीं है? यह घटना "क्या डॉक्टरों को खुश होने का हक नहीं?" वाली कहावत को चरितार्थ करती दिख रही है।
चिकित्सकों ने खुलकर रखी अपनी बात
इस मुद्दे पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ के डॉक्टर अजीत कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के अन्य वर्गों को भी इस बात पर विचार करना चाहिए कि किसी के निजी जीवन में ताक-झांक करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक किसी के कृत्य से सार्वजनिक जीवन प्रभावित न हो, तब तक उसे महत्व नहीं देना चाहिए।
सकारात्मक पहलू भी है, डॉक्टर अजीत कुमार ने इस घटना के एक सकारात्मक पहलू पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि यह देखना सुखद है कि एक चिकित्सक अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से इतना गहरा लगाव रखता है कि वह उनके सुख-दुख में पूरी निष्ठा से शामिल होता है।नियामताबाद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष कुमार सिंह ने भी इस विषय पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों पर हमेशा ही काम का दबाव रहता है और ऐसे में अगर उन्हें खुशी के कुछ पल मिलते हैं, तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए, न कि उसे विवाद का विषय बनाया जाना चाहिए।
जिला महिला चिकित्सालय मुजफ्फरनगर के सोनोलॉजिस्ट डॉ. मनोज चौधरी ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को भी आम इंसानों की तरह अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और खुश रहने का अधिकार है। किसी के निजी पल का इस तरह से सार्वजनिक होना दुर्भाग्यपूर्ण है।कुल मिलाकर, चंदौली के सदर अस्पताल में हुए इस विदाई समारोह के वायरल वीडियो ने एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है कि क्या चिकित्सकों को भी सामान्य जीवन जीने और खुश रहने का हक है या नहीं। डॉक्टरों की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट है कि वे अपने निजी जीवन में किसी भी तरह की दखलअंदाजी को उचित नहीं मानते हैं।
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