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Chandauli News: वनकर्मियों का अनिश्चितकालीन धरनाः उत्पीड़न और निष्कासन के खिलाफ बुलंद आवाज
Chandauli News: धरनास्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सीमा कुमारी ने कहा कि काशी वन्य जीव प्रभाग में महिला वनकर्मियों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Chandauli News
Chandauli News: चंदौली जिले के काशी वन्य जीव प्रभाग, चकिया रेंज के परिसर में आज से दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। न्यूनतम वेतन/दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ, लखनऊ के आह्वान पर यह प्रदर्शन कर्मचारियों के उत्पीड़न और हाल ही में एक महिला वनकर्मी के निष्कासन के विरोध में किया जा रहा है। धरने का नेतृत्व संघ की महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष सीमा कुमारी कर रही हैं, जिन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
महिला वनकर्मियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहींः सीमा कुमारी
धरनास्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सीमा कुमारी ने कहा कि काशी वन्य जीव प्रभाग में महिला वनकर्मियों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विभाग को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक कार्यप्रणाली में सुधार नहीं लाया जाता और निष्कासित कर्मचारियों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक यह धरना जारी रहेगा।
मानवीय आधार पर नियुक्ति के बाद भी निष्कासन
सीमा कुमारी ने विशेष रूप से वंदना चौहान के निष्कासन का मुद्दा उठाया। वंदना चौहान को उनके दिवंगत पति संजय चौहान की जगह वर्ष 2022 में चकिया रेंज में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था। संजय चौहान ने वर्ष 2016 से 2022 तक अपनी सेवाएं दी थीं। बीमारी के कारण उनके निधन के बाद मानवीय आधार पर वंदना को नौकरी मिली थी। हालांकि, एक सप्ताह पूर्व उन्हें अचानक सेवा से हटा दिया गया, जिससे कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है।
जब तक मांगें पूरी नहीं होती, धरना रहेगा जारी
श्रीमती कुमारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक वंदना चौहान और अन्य सभी निष्कासित वनकर्मियों को सेवा में वापस नहीं लिया जाता, तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। उन्होंने कर्मचारियों से एकजुट रहने और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का आह्वान किया।
धरने में महेंद्र यादव, वृजमोहन, सोनू, मोहन, रग्घू, बबलू, गोल्डी, गीता, कलावती, उषा, हेमवंती, मंजू, किरन समेत कई महिला और पुरुष वनकर्मी शामिल रहे, जो विभाग की कथित मनमानी और उत्पीड़न के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस धरने ने काशी वन्य जीव प्रभाग के कर्मचारियों के बीच व्याप्त असंतोष को उजागर कर दिया है और अब देखना होगा कि विभाग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है।
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