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Chandauli News: वामपंथी दलों का हल्ला बोल, राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतरने का ऐलान
Chandauli News: केंद्र की मजदूर‑विरोधी नीतियों के खिलाफ चंदौली में भाकपा‑माले और माकपा सहित वाम जनसंगठन 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे। जिलेभर में जुलूस, मार्च व धरने होंगे।
Chandauli News: केंद्र सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ वामपंथी संगठन लामबंद हो गए हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा-माले) के राज्य स्थाई समिति सदस्य और चंदौली जिला सचिव अनिल पासवान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में जिले भर में विभिन्न जनसंगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
जिला मुख्यालय से लेकर कस्बों तक प्रदर्शन की तैयारी
पासवान ने बताया कि भाकपा-माले और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) से जुड़े कार्यकर्ता जिला मुख्यालय स्थित बिछिया धरना स्थल पर एकत्रित होकर जिलाधिकारी कार्यालय तक विशाल मार्च निकालेंगे और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।
वहीं, चकिया में भाकपा-माले से जुड़े जनसंगठनों के कार्यकर्ता डुही-सुही स्थित बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर एकत्र होकर जुलूस निकालेंगे। यह जुलूस संयुक्त चिकित्सालय और थाने से होते हुए गांधी पार्क पहुंचेगा। दूसरी ओर, माकपा से जुड़े कार्यकर्ता काली पोखरे पर इकट्ठा होकर सहदुल्लापुर तिराहे से होते हुए गांधी पार्क पहुंचेंगे, जहां दोनों संगठनों के कार्यकर्ता संयुक्त रूप से सभा को संबोधित करेंगे।
सकलडीहा तहसील मुख्यालय पर पहले से ही चल रहे अनिश्चितकालीन धरने से भाकपा-माले के कार्यकर्ता बाजार में जुलूस निकालकर प्रदर्शन करेंगे और वापस धरना स्थल पर पहुंचकर सभा करेंगे।
श्रमिकों के हक और जनहित के मुद्दों पर आवाज बुलंद
जिला सचिव अनिल पासवान ने स्पष्ट किया कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल और प्रदर्शन के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाएगा। प्रमुख मांगों में अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम दैनिक मजदूरी 783 रुपये लागू करना, गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों पर बुलडोजर कार्रवाई बंद करना, बिजली के निजीकरण पर रोक लगाना और 200 यूनिट मुफ्त बिजली की गारंटी देना शामिल है।
इसके अतिरिक्त, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों सहित गरीबों के सभी प्रकार के कर्जों को माफ करने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशा -निर्देशों का सख्ती से पालन कराने की मांग भी उठाई जाएगी। आशा, आंगनबाड़ी, रसोईया, बैंक सखी जैसी संविदा और आउटसोर्सिंग पर काम करने वाली सभी कर्मियों को न्यूनतम वेतन 24000 रुपये देने और उन्हें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने की भी पुरजोर मांग की जाएगी। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के साथ-साथ आम जनता के जीवन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण सवाल भी इस आंदोलन में उठाए जाएंगे। इस प्रकार, चंदौली जिले में वामपंथी दलों ने एकजुट होकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है और 9 जुलाई को होने वाले प्रदर्शन में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
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