Chitrakoot News: प्रेमिका और चार मासूमों का कत्ल करने वाले को फाँसी, पत्नी को उम्रकैद की सज़ा

Chitrakoot News: नृशंस हत्याकांड की साज़िश रचने और उसमें शामिल होने के आरोप में हत्यारोपी की पत्नी को भी आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 24 July 2025 8:59 PM IST
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Chitrakoot News (image from Social Media))

Chitrakoot News: एक दिल दहला देने वाले मामले में, न्यायालय ने चार मासूम बच्चों और उनकी माँ की बेरहमी से हत्या करने वाले दोषी को फाँसी की सज़ा सुनाई है। साथ ही, इस नृशंस हत्याकांड की साज़िश रचने और उसमें शामिल होने के आरोप में हत्यारोपी की पत्नी को भी आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। दोषी पति-पत्नी को आर्थिक दंड से भी दंडित किया गया है।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्यामसुंदर मिश्रा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अजय सिंह व सनत कुमार मिश्रा ने बताया कि 25 अप्रैल 2017 को राजापुर थाना क्षेत्र के अमान गाँव के बाहर कछुआ नाले में दो लड़कियों के शव बरामद हुए थे। वहाँ से दो किलोमीटर दूर सड़क किनारे एक बोरी में भरे एक बालक और एक बालिका के शव भी मिले थे। इसके अगले दिन एक महिला का शव भी बरामद हुआ।

शवों की शिनाख्त में मृतका महिला की पहचान बिहार के पटना जिले की माधवपुर निवासी लालमुनि देवी उर्फ रीना देवी (पत्नी सत्यानंद) के रूप में हुई। साथ ही, मृतक बच्चे रीता, संगीता, गीता और किशुन उसकी संतानें थीं। बताया गया कि मृतका का पति सत्यानंद विक्षिप्त होकर घटना से दो साल पहले कहीं चला गया था। इस दौरान, मृतका लालमुनि राजापुर थाना क्षेत्र के अमवा गाँव निवासी अवधेश यादव के संपर्क में आ गई और दोनों एक साथ रहने लगे।

बाद में, लालमुनि ने अवधेश पर बच्चों के साथ गाँव चलकर रहने का दबाव बनाया और ऐसा न करने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही। इसके चलते अवधेश ने अपनी पत्नी मंटू देवी उर्फ कुसुम कली के साथ मिलकर लालमुनि को रास्ते से हटाने का फैसला किया। इसके बाद अवधेश, लालमुनि और उसके बच्चों को लेकर राजापुर आया। 23 अप्रैल 2017 की रात को वह लालमुनि, उसकी बेटियों संगीता, रीता, गीता और पुत्र किशुन को अमान गाँव ले आया और यहाँ पत्नी के साथ मिलकर सोते समय सभी का गला काटकर हत्या कर दी। इसके बाद बाइक से मृतकों के शव ले जाकर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिए।

पुलिस की कई टीमों ने मिलकर इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए हत्यारोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया था। इसके लिए तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करने वाली टीम को पुरस्कृत भी किया था। पुलिस ने न्यायालय में हत्यारोपी पति-पत्नी के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश अनुराग कुरील ने इस मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें दोषी पाए जाने पर आरोपी अवधेश यादव को फाँसी और उसकी पत्नी मंटू देवी उर्फ कुसुम कली को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई। इसके साथ ही, हत्यारोपी पति-पत्नी को ₹2,20,000 के अर्थदंड से भी दंडित किया गया।

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