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CM योगी ने कहा, 'ये ताजिया वाले... लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानते, इनको लाठी मारकर बाहर', वाराणसी में मुख्यमंत्री का बड़ा बयान
Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में मुहर्रम और सावन को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने ताजिया विवाद और कांवड़ यात्रा को लेकर अपनी राय रखी। जानें सीएम के बयान का पूरा विवरण और उनके विचार।
Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में संबोधन के दौरान मुहर्रम और सावन के महीने को लेकर बड़ा बयान दिया है। जौनपुर में मुहर्रम के दौरान ताजिए की ऊंचाई को लेकर हुई दुर्घटना और उसके बाद हुए विरोध का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा, "मैंने पुलिस को कहा था कि इन लोगों को लाठी से बाहर करो, क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानेंगे।" मुख्यमंत्री शुक्रवार 18 जुलाई को वाराणसी में थे, जहां उन्होंने कहा कि मुहर्रम का हर जुलूस अक्सर उत्पात, आगजनी और तोड़फोड़ का कारण बनता था। इसके विपरीत, कांवड़ यात्रा एकता का अद्भुत उदाहरण है।
सीएम ने कहा, "सावन का महीना चल रहा है और इससे पहले मुहर्रम था। हमने नियम बनाए थे कि ताजिये की लंबाई सीमित रखें ताकि बिजली की लाइन और पेड़ की टहनियों को नुकसान न हो। जौनपुर में एक घटना में ताजिया इतनी ऊंचा किया गया कि वह हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गया, जिससे 3 लोग मारे गए और बाद में उपद्रव हुआ, रोड जाम कर दिया। जब पुलिस ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा, 'लाठी मारो इनको, ये लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानेंगे।' इस पर किसी ने सोशल मीडिया पर विरोध नहीं किया।"
क्योंकि ये लातों के भूत हैं, बातों से मानेंगे नहीं... pic.twitter.com/5YsCQt5psq
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 18, 2025
अचानक मुंह से या अल्लाह निकला
वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा कि समाज में कुछ लोग लोगों को मुख्यधारा से अलग करने की कोशिश करते हैं। वे सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष फैलाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "कुछ साल पहले एक आगजनी की घटना में एक व्यक्ति भगवा गमछा पहने था, और अचानक उसके मुंह से 'या अल्लाह' निकला। ऐसे लोगों को पहचानना जरूरी है।
कांवड़ियों के पक्ष में उतरे योगी
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आजकल कांवड़ यात्रा करने वाले लोग सिर्फ भक्ति भावना से चलते हैं। ये कांवड़ यात्री 200, 300, 400 किलोमीटर तक कांवड़ लेकर चलते हैं और हर हर बम के नारे लगाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें आतंकवादी और उपद्रवी जैसे शब्दों से नवाजा जाता है। यह मानसिकता उन लोगों की है जो भारत की संस्कृति और आस्था का अपमान करते हैं। यही लोग सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बना कर जातीय विवाद फैलाने का काम करते हैं।
मुख्यमंत्री ने 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन में यह भी कहा कि जब भी सनातन धर्म को कोई चुनौती मिली, तो भारत का आदिवासी समाज हमेशा सबसे आगे बढ़ कर उसका मुकाबला करता है। उन्होंने यह भी कहा कि वेदों की ऋचाएं महलों में नहीं, बल्कि जंगलों के बीच लिखी गई थीं। हमारे पुराने ग्रंथों में हमेशा अरण्यकांड का भी जिक्र होता है।
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