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बिजली निजीकरण से जुड़े ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट सार्वजनिक करने की मांग
Electricity Privatization: पूर्व विद्युत सचिव रहे ईएएस शर्मा ने मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने डिस्कॉम एसोसिएशन की निजी कंपनियों और मीटर आपूर्तिकर्ता फर्मों के साथ मिलीभगत और फंडिंग की जांच की मांग की है।
Electricity Privatization (Photo: Social Media)
Electricity Privatization: बिजली कर्मचारियों की संघर्ष समिति ने प्रस्तावित निजीकरण के दस्तावेज और ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 सार्वजनिक करने की मांग की है। समिति ने पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि यह प्रक्रिया निजी घरानों के साथ मिलीभगत में तैयार की गई है।
पूर्व विद्युत सचिव ने उठाए सवाल
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पूर्व विद्युत सचिव रहे ईएएस शर्मा ने मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने डिस्कॉम एसोसिएशन की निजी कंपनियों और मीटर आपूर्तिकर्ता फर्मों के साथ मिलीभगत और फंडिंग की जांच की मांग की है। उन्होंने आश्चर्य जताया पूर्व विद्युत सचिव आलोक कुमार का डिस्कॉम एसोसिएशन से जुड़े है। एसोसिएशन की लॉबिंग गतिविधियों के बारे में जानकारी होने के बावजूद संबंध बने हुए है। जो प्रदेश की बिजली व्यवस्था के लिए चिंताजनक है।
ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट को लेकर आपत्ति
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति हुई थी, तब ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2020 को आधार माना गया था। आरएफपी डॉक्यूमेंट उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया है, उसमें 2025 के ड्राफ्ट का उल्लेख है। समिति ने बदलाव को 'महत्वपूर्ण व्यतिक्रम' बताते हुए कहा कि ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
योगी सरकार से हस्तक्षेप की अपील
संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। संघर्ष समिति ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति वाली सरकार में निजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। उनका मानना है लाखों-करोड़ों की परिसंपत्तियों को डॉक्यूमेंट आधार पर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है, उसे सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है। निजीकरण के विरोध में कर्मियों का आंदोलन आज 271वें दिन भी जारी रहा है।
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