Electricity Privatization का विरोध कर रहे कर्मियों ने आंदोलन रोका, दीपावली पर निर्बाध अपूर्ति...

Electricity Privatization: संघर्ष समिति ने कहा कि 18 अक्टूबर धनतेरस से लेकर 23 अक्टूबर भाई दूज तक आंदोलन नहीं करेंगे। इस दौरान बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 18 Oct 2025 7:59 PM IST
Electricity Privatization का विरोध कर रहे कर्मियों ने आंदोलन रोका, दीपावली पर निर्बाध अपूर्ति...
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Electricity Privatization: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने दीपावली के अवसर पर उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। समिति ने कहा कि 18 अक्टूबर धनतेरस से लेकर 23 अक्टूबर भाई दूज तक बिजली कर्मी कोई आंदोलन (प्रदर्शन) नहीं करेंगे। इस दौरान उनका एकमात्र लक्ष्य पूरी एकजुटता के साथ दीपावली के पर्व पर बिजली आपूर्ति का नया कीर्तिमान स्थापित करना होगा।

निजीकरण के विरोध में संघर्ष जारी

संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने घोषणा करके कहा कि वे प्रकाश पर्व के दौरान उपभोक्ताओं को कोई तकलीफ न हो इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। संघर्ष समिति ने सभी जनपदों में निर्देश जारी करके कहा कि वे दीपावली पर संघर्ष समिति हेल्पलाइन नंबर शुरू करें, जिससे आम उपभोक्ता सीधे संपर्क कर सकें। संघर्ष समिति ने आगे कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहा संघर्ष दीपावली के बाद और तेज किया जाएगा।

उत्पीड़न समाप्त करने की बड़ी मांग

संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक बिजली निजीकरण का प्रस्ताव वापस नहीं लिया जाता है। संघर्ष समिति ने पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के चेयरमैन से मांग करके कहा कि दीपावली जैसे पर्व के पहले निजीकरण के नाम पर बिजली कर्मचारियों पर की तमाम कार्यवाहियों को वापस लिया जाए। जहां प्रदेश सरकार ने 18 लाख सरकारी कर्मचारियों को दीपावली से पूर्व बोनस दिया है, वहीं पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने बिजली कर्मियों को विगत छह वर्षों से बोनस से वंचित कर रखा है, जिसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है।

बिजली कर्मियों का वेतन रोका गया

फेशियल अटेंडेंस के नाम पर हजारों बिजली कर्मियों का विगत चार माह से वेतन रोका गया है। इसके साथ ही लम्बे समय से निलंबित कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं को बहाल करने की मांग की गई है। मार्च 2023 की हड़ताल में निलंबित करके एक परियोजना से दूसरी परियोजना स्थानांतरित हुए कर्मियों को दीपावली पर पुराने स्थान पर वापस किया जाए। निजीकरण के लिए डाउनसाइजिंग के नाम पर 6 महीने में लगभग 25,000 संविदा कर्मियों को नौकरी से हटाया जा चुका है, उनको बहाल किया जाएं।

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