TRENDING TAGS :
बिजली विभाग में हजारों पद खत्म! संघर्ष समिति ने कहा कि पूरे प्रदेश में विद्युत निजीकरण करने की साजिश
Electricity Privatization: संघर्ष समिति ने बताया कि लेसा में 2055 नियमित पद और करीब 6000 संविदा कर्मियों के पद खत्म करने का फैसला किया गया है।
Electricity Privatization: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंधन पर हजारों पदों को खत्म करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही बिजली व्यवस्था को ध्वस्त करने और निजीकरण को बढ़ावा देने की बात कहीं है। समिति ने दावा किया कि वर्टिकल सिस्टम के नाम पर यह साजिश रची जा रही है अकेले लेसा में ही 8000 से ज्यादा पद खत्म किए जा रहे हैं। समिति ने सीएम योगी से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
8000 पद खत्म करने का दावा
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने बताया कि लेसा
(लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन) में 2055 नियमित पद और करीब 6000 संविदा कर्मियों के पद खत्म करने का फैसला किया गया है। इस प्रकार लेसा में ही 8000 से ज्यादा पद खत्म किए जा रहे हैं। इससे राजधानी की बिजली व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लेसा में विभिन्न स्तरों के पदों में भारी कटौती की जा रही है।
विभिन्न स्तरों के पदों में कटौती
अधीक्षण अभियंता: 12 से घटाकर 8
अधिशासी अभियंता: 50 से घटाकर 35
सहायक अभियंता: 109 से घटाकर 86
अवर अभियंता: 287 से घटाकर 142
टीजी 2: 1852 से घटाकर 503
अकाउंटेंट: 104 से घटाकर 53
एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट: 686 से घटाकर 280
कैंप असिस्टेंट: 74 से घटाकर 12
संविदा कर्मियों पर सबसे बड़ी मार
संघर्ष समिति ने बताया कि इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान संविदा कर्मियों को हो रहा है, जिनके छह हजार से ज्यादा पद समाप्त किए जा रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि मध्यांचल, लेसा, केस्को और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में हजारों पदों को खत्म किए जाने से बिजली कर्मियों की आशंका और भी बढ़ गई है कि पूरे ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण किया जाने वाला है। बिजली निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर किया।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!