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Lucknow News: एक राष्ट्र, एक चुनाव' विषय पर प्रबुद्ध संगोष्ठी: राष्ट्रहित में जरूरी बताया गए ये कदम, एक साथ चुनाव से आर्थिक संसाधनों की बचत पर जोर
उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया है, बल्कि यह राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और संवैधानिक भावना से भी जुड़ा हुआ विषय है।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow News: राजधानी में कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति की ओर से सोमवार को गोमतीनगर सीएमएस सभागार में एक राष्ट्र, एक चुनाव क्यों' विषय पर एक प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विचारगोष्ठी में देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था, आर्थिक स्थिति और राष्ट्रीय एकता पर केंद्रित चर्चाएं हुईं, जिसमें कई प्रबुद्ध वक्ताओं ने हिस्सा लिया और ‘एक साथ चुनाव’ की उपयोगिता पर जोर दिया।
सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से आवश्यक है यह व्यवस्था: आचार्य शरण
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विषय केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि एक साथ चुनाव होने से देश पर आर्थिक बोझ घटेगा, प्रशासनिक जटिलताएं कम होंगी और सुशासन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन कुछ कारणों से यह प्रक्रिया बाधित हो गई। अब इसे फिर से लागू करना समय की मांग है।
एक राष्ट्र, एक चुनाव' राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता से जुड़ा विषय: हृदय नारायण दीक्षित
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया है, बल्कि यह राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और संवैधानिक भावना से भी जुड़ा हुआ विषय है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे संविधान की मूल भावना का सम्मान नहीं कर रहे
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान और अमेरिकी संविधान की संरचना में बुनियादी फर्क है। भारत के राज्य राष्ट्र के अंग हैं, और केंद्र की संसद उन्हें संविधान के अनुसार संशोधित कर सकती है। यह पूरी प्रक्रिया हमारे संघीय ढांचे को मजबूती देती है, न कि कमजोर करती है।
एक साथ चुनाव से आर्थिक संसाधनों की बचत संभव: प्रशांत भाटिया
कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति के अध्यक्ष प्रशांत भाटिया ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के व्यावहारिक पक्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रणाली से चुनावी खर्च में भारी कटौती हो सकती है। अभी हर कुछ महीनों में किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं, जिससे दोहराव होता है और संसाधनों की बर्बादी होती है। एक साथ चुनाव होने से यह समस्या खत्म हो जाएगी और वही संसाधन जनहित के अन्य कार्यों में लगाए जा सकते हैं।
न्यायमूर्ति रंगनाथ पाण्डेय की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम
इस प्रबुद्ध संगोष्ठी की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंगनाथ पाण्डेय ने की। तो वहीं मंच का संचालन आत्मप्रकाश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर ऋचा मिश्रा, आत्मप्रकाश मिश्रा, प्रो. संजय गुप्ता, संयुक्ता भाटिया (पूर्व महापौर) अखिलेश जायसवाल (अध्यक्ष सेंट्रल बार) अवनीश दीक्षित (महामंत्री सेंट्रल बार) कुलदीप पति त्रिपाठी (AAG) विमल श्रीवास्तव (AAG) शैलेंद्र सिंह (CSC) अनिल गुप्ता प्रेसिडेंट IIA, प्रांतीय सचिव संगठन, अनिल बंसल (एकल अभियान) समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, उद्यमी, शिक्षक आदि प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
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