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Etah News: बुजुर्ग ग्रामीणों के साथ बैठी धरने पर, क्षेत्रीय लेखपाल का बड़ा कारनामा कार्यवाही की मांग
Etah News: जेठ के दो बेटों ने बुज़ुर्ग प्रेमा देवी का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र का जाल बुनकर उसे मृत घोषित कर दिया। उसकी 16 बीघा खेती योग्य लाखों कीमत की ज़मीन अपने नाम पर कर ली।
80 वर्षीय बुज़ुर्ग प्रेमा देवी का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाकर मृत घोषित कर दिया (Photo- Newstrack)
Etah News: जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एटा कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव जिटौली की लगभग 80 वर्षीय बुज़ुर्ग प्रेमा देवी ने धरना स्थल पर आरोप लगाया है कि उनके जेठ के दो बेटों ने मेरा फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र का जाल बुनकर उसे मृत घोषित कर दिया।
लेखपाल से मिल कर इस धोखेबाज़ी के जरिए उन्होंने उसकी 16 बीघा खेती योग्य लाखों कीमत की ज़मीन अपने नाम पर कर ली। प्रेमा देवी ने स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने किसी प्रमाण-पत्र बनाए जाने की अनुमति दी, न ही किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए। यह पूरी प्रक्रिया कथित रूप से फर्जी जालसाज़ी से बने दस्तावेज़ों के आधार पर अंजाम दी गई।
धरना देकर इंसाफ की गुहार
इसके बाद गांववालों और पीड़िता के परिजनों ने कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित न्यायिक स्थल पर धरना देकर इंसाफ की गुहार लगाई। ग्रामीणों पिंटू मिथलेश आदि ने दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो वे जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन करेंगे।कागजों में मरी प्रेमा देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं ज़िंदा हूँ, चल-फिर रही हूँ, फिर भी मुझे काग़ज़ों में मार दिया गया। मेरी ज़मीन हड़प ली गई, अब मैं कहाँ जाऊं?” उन्होंने जिला प्रशासन से न्याय और भूमि वापसी की मांग की, साथ ही दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच तथा सख्त सज़ा की मांग की।
धरने की सूचना पर नायब तहसीलदार निधौली सतीश कुमार ने धरना स्थल पर पहुंचकर पीड़ितों की बात सुनी और एक प्रार्थना पत्र लेकर जांच कर पुनः नाम शामिल किए जाने का आश्वासन दिया आपको बताते चलें इस पूरे घटनाक्रम में एक विशेष बात यह भी है की पीड़ित जेठानी तथा देवरानी दोनों का ही नाम प्रेमा देवी था इसका लाभ उसके जेठ के लड़कों ने उठाया किंतु लेखपाल की कार्य प्रणाली जांच आदि सभी पर यह घटना एक सवालिया निशान उठाती है तथा उनकी गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली दर्शाती है। सवाल यह भी उठता है कि मृत्यु सर्टीफिकेट कैसे बना।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन सत्य प्रकाश ने बताया कि घटना की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा वृद्ध महिला का सर्टिफिकेट कैसिल कर उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाई जाएगी।
जांच के आदेश दिए गए
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया अभी तक अधूरी है लेकिन सूत्रों के अनुसार जांच के आदेश दिए गए हैं और दस्तावेज़ों की सत्यता की पुष्टि की जा रही है। इस गंभीर आरोप के सामने आने के बाद, एक ज़िंदा महिला को सरकारी रिकॉर्ड में मृत दिखाकर ज़मीन हथियाना प्रशासनिक लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार की बड़ी मिसाल बताया जा रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, अधिकारियों को जल्द से जल्द सच्चाई सामने लानी होगी। मृत घोषित की गई प्रेमा देवी को न्याय दिलाना, और उसके अधिकारों को संरक्षित करना प्रशासन की जिम्मेदारी बन चुकी है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों का आक्रोश उग्र रूप ले सकता है।
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