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Etah News: डॉ. कुणाल त्यागी की ओपीडी में अभद्रता, अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी, जांच समिति गठित
Etah News: एटा के वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज में ओपीडी में डॉ. कुणाल त्यागी का अजीब और अभद्र व्यवहार, मरीजों और पत्रकारों में अफरा-तफरी।
Etah News: वीरांगना अवंती बाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में 24 घंटे में दूसरी बार ईएनटी की ओपीडी में तैनात डॉक्टर की हरकत और पत्रकारों व मरीजों से अभद्र व्यवहार शुक्रवार को एक बार फिर चर्चा में आ गया। बीते दिन डॉक्टरों के तीसरे और चौथे वर्ष के छात्रों के बीच मारपीट का मामला थम नहीं पाया, तब तक एक और मानसिक रूप से बीमार चिकित्सक की हरकत चर्चाओं में आ गई। घटना क्रम के अनुसार आज एटा के अवंती बाई स्वशासी मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉ. कुणाल त्यागी का व्यवहार शुक्रवार को सुर्खियों में आ गया।
ओपीडी में मरीजों और पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बार-बार कैमरे के सामने "नमस्ते, जय श्रीराम" और "योगी-मोदी को नमस्कार" के नारे लगाए। उन्होंने स्वयं को अटेंशन डेफिसिएंट हाइपर डिसऑर्डर का मरीज बताते हुए पत्रकारों को ओपीडी में प्रवेश की अनुमति न होने की बात कही और कहा कि बिना उनकी मर्जी के कोई अंदर नहीं आ सकता।
डॉ. त्यागी ने खुद को ओपीडी का "मालिक" बताया
डॉ. त्यागी ने खुद को ओपीडी का "मालिक" बताते हुए मरीजों से जुड़े सवालों को टाल दिया और कहा कि यह काम स्टाफ का है। उनका कहना था कि "हितैषी पत्रकारों" को वे महत्व देते हैं जबकि सवाल पूछने वाले उनके लिए गैरजरूरी हैं। इस दौरान उनका रवैया अभद्र बताया गया।
इसी बीच जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. एस. चंद्रा ने फोन किया तो डॉ. त्यागी ने कॉल को "रॉन्ग नंबर" कहकर काट दिया। उसके बाद जब सीएमएस स्वयं मौके पर पहुंचे तो उनके सामने भी डॉ. त्यागी ने विभागीय डॉक्टरों के बीच लोमड़ी की आवाज निकालना शुरू कर दी और कहा कि वे "सायको" नहीं हैं।
उनकी हरकतों से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मरीज इलाज कराने से भी डरने लगे और बिना दिखाए ही वापस चले गए। स्टाफ और मरीजों का कहना था कि यदि डॉक्टर सीएमएस तक का प्रोटोकॉल नहीं मानते तो आमजन की स्थिति की कल्पना की जा सकती है।
जांच समिति गठित
उक्त मामले पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि डॉ. त्यागी के आचरण को लेकर जांच समिति गठित की गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही एक स्थानीय अखबार में इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के इलाज में लापरवाही की खबर प्रकाशित होने के बाद डॉ. त्यागी को वहां से हटाकर ओपीडी में भेजा गया था।
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