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Gorakhpur News:ग्लोबल रैंकिंग हासिल करने की कार्ययोजना बनाए गोरखपुर विश्वविद्यालय, बोले सीएम योगी
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपनी 75 वर्ष की शानदार यात्रा का मूल्यांकन करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय को अब शताब्दी वर्ष अर्थात आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना बनानी चाहिए।
CM Yogi Said Gorakhpur University should make action plan to achieve global ranking (Social Media)
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपनी 75 वर्ष की शानदार यात्रा का मूल्यांकन करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय को अब शताब्दी वर्ष अर्थात आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना बनानी चाहिए। इस कार्ययोजना में उन बातों का जरूर ध्यान रखना होगा जिससे हमारा विश्वविद्यालय अच्छी ग्लोबल रैंकिंग वाले विश्वविद्यालय के रूप में अपनी पहचान वैश्विक बना सके।
सीएम योगी बुधवार अपराह्न दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने हीरक जयंती वर्ष के लिए विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए कहा कि एक मई 1950 को स्थापित इस विश्वविद्यालय की 75 वर्ष की यात्रा के विराम के बाद कल एक मई से अमृतकाल की यात्रा शुरू होगी। शताब्दी महोत्सव में गोरखपुर विश्वविद्यालय कहां होगा, इसकी कार्ययोजना आगामी छह माह से एक साल के भीतर बना लेनी होगी। और, फिर बिना रुके, बिना डिगे उस कार्ययोजना पर प्रयास करने की जरूरत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित ही विश्वविद्यालय ने अपनी अब तक की यात्रा में अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं लेकिन अब अच्छी और उल्लेखनीय ग्लोबल रैंकिंग हासिल करने की दिशा में बढ़ने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की आगामी कार्ययोजना में सरकार हर संभव सहयोग करने को तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना में विश्वविद्यालय को विशिष्टता के क्षेत्र में प्रयास करने चाहिए। इस दौरान ढेर सारे अवसर आएंगे। उन अवसरों को अपने अनुरूप जोड़ना और सामयिक निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिए प्रत्येक क्षेत्र में आगे होना संभव नहीं है। इसलिए कोई एक ऐसा क्षेत्र चुना जाना चाहिए जिसमें कुछ विशिष्टता प्राप्त हो सके और उससे नई पहचान मिल सके।
सीएम योगी ने कहा कि 75 वर्ष की यात्रा विश्वविद्यालय की स्थापना और इसकी प्रगति में योगदान देने वाले विभूतियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का भी अवसर है। भारतीय ज्ञान परंपरा को संहिताबद्ध करने वाले वेद व्यास का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा कि उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए गुरु पूर्णिमा पर्व की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि आजाद भारत का पहला विश्वविद्यालय गोरखपुर में स्थापित हुआ। तब संसाधन नहीं थे, कनेक्टिविटी भी नहीं थी इसके बावजूद कुछ मानिंद लोगों ने विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य संभव कर दिखाया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अपने दो डिग्री कॉलेज देने वाले महंत दिग्विजयनाथ, कल्याण के संपादक भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार, सरदार सुरेंद्र सिंह मजीठिया, तत्कालीन जिलाधिकारी सुरति नारायण मणि त्रिपाठी, मधुसूदन दास डॉ. एनके लाहिड़ी, पीसी चाको, पहले कुलपति प्रो. बीएन झा के योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी।
आने वाली पीढ़ी के लिए धरोहर रूप में संजोए कार्यक्रमों, पब्लिकेशन्स को
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय को अपनी 75 वर्ष की यात्रा के दौरान हुए कार्यक्रमों को धरोहर के रूप में संजोना चाहिए। आज तो डिजिटल का दौर है ऐसे में किसी भी लिखित धरोहर पर दीमक लगने का भय भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब तक की यात्रा में कितने पब्लिकेशन, शोध पत्र और नवाचार हुए इसे आने वाली पीढ़ी के लिए संग्रहित करना होगा। इस परिप्रेक्ष्य में सीएम ने 1940 में गोरखनाथ मंदिर से प्रकाशित योगी शांतिनाथ की ‘प्राच्य दर्शन’ पर लिखी पुस्तक को संजोने के प्रयासों का उल्लेख किया। बताया कि इस पुस्तक की एक मात्र प्रति 1995 में गायब हो गई थी लेकिन लगातार प्रयासों से अब उसे अयोध्या से प्राप्त कर लिया गया है और उस एक प्रति से अनेक प्रति का प्रकाशन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे ही बहुत से लुफ्तप्राय प्रकाशन है जिन्हें संजोने की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस बात पर दुख प्रकट किया कि सूचना क्रांति ने पुस्तक पढ़ने की परंपरा को कमजोर किया है।
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहे विश्वविद्यालय, टापू न बने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज दुनिया बहुत आगे है इसलिए खुद को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय टापू न बने। छात्र और शिक्षक के बीच, संस्थान और समाज के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की दिशा में कार्य करे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए ज्ञान के प्रवाह को अंतिम पायदान तक पहुंचाने के लिए संवाद बेहद आवश्यक है। संवाद के जरिए ही हम समाज के विकास में अपनी भूमिका को रेखांकित कर पाएंगे। उन्होंने सोशल इंपैक्ट स्टडी, जिओ मैपिंग, फ्लड एक्शन प्लान और पुरातात्विक कार्य से जुड़े कुछ टिप्स देते हुए कहा कि यदि हम कार्य नहीं करेंगे तो पिछड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अशोक और चंद्रगुप्त की परंपरा में नालंदा से तक्षशिला को जोड़ने के लिए बनाए गए उत्तरपथ पर कौड़ीराम के सोहगौरा के होने की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सभ्यता सबसे प्राचीन है लेकिन शोध के विशिष्ट कार्य नहीं किए गए और हम बिछड़ते गए।
गोरखपुर में जल्द बनेगा पांचवा विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना उस दौर में हुई थी जब कनेक्टिविटी की स्थिति बेहद खराब थी। आज रोड, रेल और एयर, तीनों तरह की कनेक्टिविटी बेहद शानदार हुई है। आज गोरखपुर में चार विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय हैं। जल्द ही गोरखपुर में फॉरेस्ट्री और हॉर्टिकल्चर विश्वविद्यालय की स्थापना भी होने जा रही है।
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