TRENDING TAGS :
Gorakhpur News: एमजीयूजी में एमबीबीएस-बीएएमएस समेत 24 रोजगारपरक कोर्स शुरू
Gorakhpur News: महायोयी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में 28 अगस्त को चतुर्थ स्थापना समारोह मनाया जाएगा।
MGUG Introduces MBBS, BAMS and 24 Job-Oriented Courses (Image from Social Media)
Gorakhpur News: स्थापना के महज चार साल में ही महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) रोजगारपरक शिक्षा और चिकित्सा सेवा के प्रतिमान गढ़ रहा है। इस विश्वविद्यालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में उच्च, विशिष्ट, रोजगारपरक और चिकित्सा शिक्षा को नई राह दिखाई है। मात्र चार साल में ही एमबीबीएस, बीएएमएस समेत दो दर्जन से अधिक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत, शोध-अनुसंधान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू कर इस विश्वविद्यालय ने शैक्षिक प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता पर विशेष जोर देकर गोरखपुर को ज्ञान की नगरी बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय चार वर्ष में ही शिक्षा के विशिष्ट व प्रमुख केंद्र के रूप में विख्यात हो चुका है। यहां भारतीय ज्ञान मूल्यों का संरक्षण व संवर्धन, वर्तमान और भावी समय को ध्यान में रखकर अनुसंधानिक तरीके से किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं। इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को 'नॉलेज सिटी' के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है। उल्लेखनीय है कि 10 दिसम्बर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था।
एमजीयूजी के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव बताते हैं कि इस विश्वविद्यालय की नींव में युग पुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के विचार हैं, जिनका मानना था कि दासता से मुक्ति, स्वावलंबन व सामाजिक विकास के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है। वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ इसी वैचारिक परंपरा के संवाहक हैं। उनके मार्गदर्शन में इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारतीय ज्ञान मनीषा के आलोक में मूल्य संवर्धित, रोजगारपरक उस शिक्षा को बढ़ावा देना है जो समग्र रूप में सामाजिक व राष्ट्रीय हितों का पोषण कर सके। इसी लक्ष्य की दिशा में कदम बढ़ाते हुए यहां श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एमबीबीएस और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बीएएमएस की पढ़ाई का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। इसके अलावा विश्वविद्यालय की नर्सिंग फैकल्टी में दर्जनभर रोजगारदायी पाठ्यक्रम पूर्ण क्षमता से संचालित हैं। विश्वविद्यालय में मेडिकल साइंस, नर्सिंग, पैरामेडिकल, एग्रीकल्चर, एलॉयड हेल्थ साइंसेज और फार्मेसी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से संबंधित डिप्लोमा से लेकर मास्टर तक के दो दर्जन से अधिक पाठ्यक्रम हैं। मसलन दो वर्षीय एएनएम, तीन वर्षीय जीएनएम, चार वर्षीय बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, दो वर्षीय एमएससी नर्सिंग, डिप्लोमा इन डायलिसिस, डिप्लोमा इन आप्टिमेट्री, डिप्लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर, डिप्लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर, डिप्लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्लास्टर टेक्निशियन, डिप्लोमा इन लैब टेक्निशियन (सभी दो वर्षीय), चार वर्षीय बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी ऑनर्स बॉयोटेक्नालोजी, बीएससी आनर्स बॉयोकेमिस्ट्री, बीएससी आनर्स माइक्रोबॉयोलोजी, दो वर्षीय एमएससी बॉयोटेक्नालोजी, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल बॉयोकेमिस्ट्री, तीन वर्षीय एमएससी मेडिकल माइक्रोबॉयोलोजी, दो वर्षीय एमएससी एनवायरमेंटल साइंस, चार वर्षीय बी फार्मा, दो वर्षीय डी फार्मा, बीबीए लॉजिस्टिक आदि। वर्तमान दौर में ये सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है। आने वाले समय में नवाचार आधारित पाठ्यक्रमों की लंबी श्रृंखला दिखेगी। एमजीयूजी देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहां छात्र संसद का चुनाव स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से ऑनलाइन कराया गया।
शोध, नवाचार व स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाले एमओयू
शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में शोध-अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एमजीयूजी ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (ईरी), लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपाल, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, एम्स गोरखपुर, केजीएमयू लखनऊ, आरएमआरसी गोरखपुर, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद, वैद्यनाथ आयुर्वेद, इंडो-यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, जुबिलेंट एग्रीकल्चर रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी, लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल आदि के साथ एमओयू किया है।
रियायती दर पर मॉडर्न मेडिसिन व आयुर्वेद की उत्कृष्ट चिकित्सा का केंद्र
एमजीयूजी शिक्षा के साथ ही परिसर में संचालित अस्पतालों के जरिये रियायती दर पर मॉडर्न मेडिसिन व आयुर्वेद की उत्कृष्ट चिकित्सा का केंद्र भी बन गया है। इसके मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में जटिल कैंसर तक की सर्जरी का सफलतापूर्वक इलाज हो रहा है। यहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी मरीज इलाज कराने का रहे हैं। इसी तरह आयुर्वेद अस्पताल में भी उच्च स्तरीय इलाज की सुविधा है। आयुर्वेद अस्पताल के विश्व स्तरीय 11 कॉटेज वाले पंचकर्म केंद्र ने कम समय में ही विश्वसनीय उपचार की ख्याति अर्जित की है। यहां कई दुर्लभ बीमारियों का सफल इलाज हो चुका है।
चार साल में हुआ दो राष्ट्रपति का आगमन
एमजीयूजी निजी क्षेत्र का संभवतः प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जहां सिर्फ चार साल के दौरान दो बार राष्ट्रपति का आगमन हुआ। 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका लोकार्पण करने आए थे। जबकि एक जुलाई 2025 को वर्तमान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु यहां अकादमिक भवन, ऑडिटोरियम और पंचकर्म चिकित्सा केंद्र का लोकार्पण करने आईं थीं।
चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को
महायोयी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर में (गुरुवार) 28 अगस्त को चतुर्थ स्थापना समारोह मनाया जाएगा। पूर्वाह्न 11 बजे से होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक और वर्तमान में प्रदेश सरकार के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह और मुख्य वक्ता के रूप में विश्व प्रसिद्ध कैंसर सर्जन, एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संजय माहेश्वरी उपस्थित रहेंगे। विशिष्ट अतिथि डॉ. रेखा माहेश्वरी होंगी जबकि समारोह की अध्यक्षता एमजीयूजी के पूर्व कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी करेंगे।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!