Hapur News: भाकियू का हंगामा, बुग्गियों को न छोड़ने पर पुलिस से भिड़े, घंटों तक गूंजे नारे

Hapur News: हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बुग्गियों को छुड़ाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ।

Avnish Pal
Published on: 30 Oct 2025 10:55 PM IST
Hapur News: भाकियू का हंगामा, बुग्गियों को न छोड़ने पर पुलिस से भिड़े, घंटों तक गूंजे नारे
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Hapur News: कार्तिक पूर्णिमा मेले के बीच गुरुवार को गढ़ कोतवाली परिसर में जमकर हंगामा देखने को मिला। मेरठ जिले से आए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के कार्यकर्ताओं ने थाने में बुग्गियों को छुड़ाने के नाम पर पुलिस से तीखी नोकझोंक की। मामला तब बढ़ गया जब पुलिस कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच कहासुनी के दौरान लाठी चलाने की धमकी तक दे दी गई। मौके पर माहौल तनावपूर्ण हो गया और थाने के बाहर “भाकियू ज़िंदाबाद” और “पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद” के नारे गूंजने लगे।

50 बुग्गियां जब्त, नौ लोग भेजे गए जेल

जानकारी के अनुसार, गढ़ कोतवाली पुलिस ने बीते दिनों पशु दौड़ पर रोक के बावजूद आयोजित की जा रही बुग्गी दौड़ के दौरान करीब 50 भैंसा-बुग्गियों को जब्त कर लिया था। इस कार्रवाई में नौ लोगों को हिरासत में लेकर जेल भी भेजा गया था। पुलिस का कहना था कि प्रशासन के आदेश के बावजूद कुछ लोग पशु दौड़ जैसे आयोजनों से बाज नहीं आ रहे हैं, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा।

भाकियू कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी

इसी कार्रवाई से नाराज मेरठ जिले के कई श्रद्धालु और भाकियू कार्यकर्ता गुरुवार को गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली पहुंच गए। भाकियू जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा के नेतृत्व में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ये बुग्गियां किसी अवैध पशु दौड़ के लिए नहीं थीं, बल्कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालु उन्हें लेकर जा रहे थे।दिनेश खेड़ा ने बताया कि “पुलिस ने श्रद्धालुओं की बुग्गियां चार दिन पहले बिना किसी कारण जब्त कर ली थीं। उस समय कहा गया था कि दो दिन में छोड़ दी जाएंगी, लेकिन चार दिन बीत गए। अब तक किसी को राहत नहीं मिली। जब हमने बात की तो पुलिसकर्मी ने उल्टा लाठी चलाने की धमकी दी।”

थाने में गूंजे नारे, अधिकारियों से हुई बातचीत

तनाव बढ़ता देख कोतवाली में सुरक्षा बढ़ा दी गई। बड़ी संख्या में पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कुछ देर के लिए माहौल इतना गर्म हो गया कि थाने में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, बाद में भाकियू जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया और एसपी हापुड़ से फोन पर बात की।एसपी ने जल्द ही बुग्गियां छोड़ने का आश्वासन दिया, जिसके बाद माहौल शांत हुआ। दिनेश खेड़ा ने बताया कि एसपी ने दो नवंबर तक सभी बुग्गियां छोड़ने का वादा किया है।

अगर वादा नहीं निभाया गया तो होगा बड़ा आंदोलन”

दिनेश खेड़ा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, “अगर दो नवंबर तक बुग्गियां नहीं छोड़ी गईं तो भाकियू टिकैत संगठन बड़ा आंदोलन करेगा। श्रद्धालु मेले में दर्शन करने आए हैं, उन्हें अपराधी की तरह पेश करना गलत है।”इस बीच पुलिस अधिकारियों ने भी स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। बताया जा रहा है कि मेले में इस बार सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति बुग्गी दौड़ जैसी अवैध गतिविधि न कर सके।

भाकियू की मौजूदगी से थाने में जमा रही भीड़

कोतवाली के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण और श्रद्धालु भी इकठ्ठा हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर श्रद्धालुओं की बुग्गियां जल्द नहीं छोड़ी गईं तो पूरा मेरठ मंडल आंदोलन में उतर आएगा।फिलहाल स्थिति सामान्य है, और भाकियू के कार्यकर्ता वापस मेला स्थल की ओर लौट गए हैं। लेकिन गढ़ में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को श्रद्धालुओं के साथ नरमी बरतनी चाहिए थी ताकि धार्मिक माहौल में खलल न पड़े।

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