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Hapur News: धौलाना पुलिस ने शिक्षक को दिलाई अटकी सैलरी, दीपावली से पहले लौटी खुशियां
Hapur News: धौलाना पुलिस ने शिक्षक विपुल अग्रवाल को छह महीने से रुकी सैलरी दिलाकर इंसाफ की मिसाल कायम की। दीपावली से पहले वेतन मिलने पर शिक्षक और उनके परिवार के चेहरे पर खुशियां लौट आईं।
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Hapur News: धौलाना पुलिस ने एक मिसाल कायम करते हुए उस शिक्षक की मदद की, जो पिछले छह महीने से अपने वेतन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा था। गाजियाबाद निवासी विपुल अग्रवाल नामक शिक्षक का वेतन स्कूल प्रबंधन द्वारा रोका गया था, जिसके चलते वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। लेकिन दीपावली से ठीक पहले, पुलिस के हस्तक्षेप ने उनकी ज़िंदगी में फिर से “रोशनी” भर दी।
छह महीने की जद्दोजहद, हर दरवाज़े पर दस्तक
शिक्षक विपुल अग्रवाल ने बताया कि वह पिछले छह महीनों से स्कूल प्रबंधन से अपनी सैलरी की मांग कर रहे थे। उन्होंने बार-बार स्कूल प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन हर बार उन्हें टालमटोल का सामना करना पड़ा।उन्होंने कहा “मैं गाजियाबाद से हर हफ्ते धौलाना आता था, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता था। अब दीपावली नज़दीक थी, घर में खर्चे बढ़ गए थे। आखिरकार मैंने पुलिस की शरण ली।थक-हारकर उन्होंने धौलाना थाने में शिकायत दर्ज कराई और पूरी घटना की जानकारी थाना प्रभारी नीरज कुमार को दी।थाना प्रभारी नीरज कुमार ने शिक्षक की व्यथा को गंभीरता से सुना और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस टीम को मौके पर भेजकर मामले की जांच कराई।थाना प्रभारी ने कहा “शिक्षक समाज की नींव होते हैं। उनका शोषण बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हमारी कोशिश थी कि बिना देरी के शिक्षक को उनका हक मिले।”
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्कूल प्रबंधन झुका
जैसे ही पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया और जांच शुरू की, प्रशासन हरकत में आ गया। कुछ ही घंटों में स्कूल प्रबंधन ने विपुल अग्रवाल का छह महीने का बकाया वेतन ऑनलाइन उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया।विपुल अग्रवाल ने कहा “जब बैंक से मैसेज आया कि सैलरी आ गई है, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। पुलिस ने वो कर दिखाया जो मैं छह महीने में नहीं करा पाया।”
दीपावली से पहले खुशियों की सौगात
दीपावली से कुछ दिन पहले वेतन मिलना विपुल अग्रवाल और उनके परिवार के लिए किसी त्यौहार से कम नहीं था। उन्होंने धौलाना पुलिस और थाना प्रभारी नीरज कुमार का आभार जताते हुए कहा कि “इस दीपावली मेरे घर में असली दीये पुलिस ने जलाए हैं। अगर नीरज सर और उनकी टीम मदद न करती, तो शायद मैं अब भी भटक रहा होता।”धौलाना थाना प्रभारी नीरज कुमार और उनकी टीम की इस त्वरित कार्रवाई की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर भी पुलिस की सराहना कर रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि“अगर हर थाने में इस तरह से जनता की सुनवाई हो, तो पुलिस और जनता के बीच भरोसे की दीवारें खुद-ब-खुद गिर जाएंगी।”
“धौलाना पुलिस की इंसाफ की नई पहचान”
धौलाना पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल एक परेशान शिक्षक को राहत दी, बल्कि पूरे समाज को यह संदेश दिया कि न्याय देर से मिल सकता है, लेकिन पुलिस अगर ईमानदारी से लगे तो कभी अधूरा नहीं रहता।
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